सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी शिक्षा देने का रास्ता साफ, जीओ जारी
सरकारी प्राथमिक स्कूलों के परिसर में ही प्री-प्राइमरी शिक्षा देने का रास्ता साफ हो गया। आंगनबाड़ी केंद्र इसे मुमकिन बनाएंगे।
By Edited By: Updated: Sat, 14 Dec 2019 02:15 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के सरकारी प्राथमिक स्कूलों के परिसर में ही प्री-प्राइमरी शिक्षा देने का रास्ता साफ हो गया। आंगनबाड़ी केंद्र इसे मुमकिन बनाएंगे। स्कूल परिसरों में आंगनबाड़ी केंद्र चलाने के संबंध में सरकार ने आदेश जारी किया है।
सरकार के प्राथमिक स्कूल परिसरों में आंगनबाड़ी केंद्रों को अनुमति देने से वहां प्राथमिक शिक्षा के साथ पूर्व प्राथमिक (प्री प्राइमरी) शिक्षा भी दी जा सकेगी। महिला सशक्तीकरण और बाल विकास विभाग संचालित 20,017 आंगनबाड़ी केंद्र नजदीकी स्कूल परिसर में ही बनाने का प्रस्ताव शिक्षा विभाग को दिया था। इस प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल के मुहर लगाने के बाद शासन ने आदेश जारी किए हैं। आदेश के मुताबिक शिक्षा का अधिकार मानक के मुताबिक छात्रसंख्या न होने के चलते बंद किए गए स्कूलों में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जाएंगे। ऐसे कुल 301 स्कूल हैं।
इनमें 255 सरकारी प्राथमिक और 46 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। बंद हो चुके स्कूल भवनों को सशर्त महिला सशक्तीकरण और बाल विकास विभाग को सौंपा जा रहा है। शर्त ये है कि भविष्य में हस्तांतरित विद्यालय भूमि या भवन की जरूरत होने पर उसे शिक्षा विभाग को लौटाया जाएगा। शिक्षा महकमे ने सरकारी प्राथमिक विद्यालयों की खाली पड़ी भूमि पर आंगनबाड़ी केंद्र संचालित करने को भी मंजूरी दी है।
आंगनबाड़ी केंद्रों के रूप में अब प्राथमिक स्कूल परिसर में ही प्री-प्राइमरी या नर्सरी स्कूलिंग की राह भी तैयार हो गई है। हालांकि अपने बूते प्राथमिक स्कूलों में प्री-प्राइमरी शिक्षा संचालित करने को लेकर शिक्षा महकमा हाथ खड़े कर चुका है। अब महिला सशक्तीकरण और बाल विकास विभाग के साथ इस योजना को मूर्त रूप दिया जा सकेगा। आंगनबाड़ी केंद्रों में छह साल से कम आयु के बच्चों को शिक्षा के साथ ही पोषकतत्वयुक्त भोजन मुहैया कराया जा रहा है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।