अब 26 जून के आदेश से होंगी मासिक परीक्षाएं, पढ़िए पूरी खबर
मासिक परीक्षा में सुधार को जारी शासनादेश को अमल में लाए बगैर उसमें बदलाव करने की शिक्षा महकमे की पैरवी शासन को नागवार गुजरी है।
By Edited By: Updated: Tue, 10 Sep 2019 02:44 PM (IST)
देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। सरकारी विद्यालयों में मासिक परीक्षा में सुधार को जारी शासनादेश को अमल में लाए बगैर उसमें बदलाव करने की शिक्षा महकमे की पैरवी शासन को नागवार गुजरी है। इस मामले में शासन ने महकमे से ही पांच बिंदुओं पर जवाब तलब किया है। साथ ही बीती 26 जून के शासनादेश के मुताबिक मासिक परीक्षाएं संचालित कर जिलों से लिए गए फीडबैक को शासन को भेजने को कहा है। शासन ने नए फरमान से अब मासिक परीक्षा के लिए प्रश्नपत्रों का निर्माण और उत्तरपुस्तिकाओं की जांच विद्यालय ही करेगा।
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बीती 26 जून को आदेश जारी कर मासिक परीक्षा की पुरानी व्यवस्था में बदलाव किया था। हालांकि उक्त आदेश पर अभी तक अमल नहीं हो सका। इसकी वजह इस आदेश पर एससीईआरटी के अधिकारियों की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई। विभागीय अधिकारियों ने इस मामले को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे की ओर से बीते जुलाई माह में विधानसभा में आयोजित समीक्षा बैठक में भी उठाया गया था। एससीइआरटी के अधिकारियों ने मासिक परीक्षा के प्रश्नपत्र बनाने की मौजूदा केंद्रीयकृत व्यवस्था के बजाय जिलों में डायट और विद्यालयों को यह कार्य सौंपने और उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन नजदीकी अन्य विद्यालय में कराए जाने पर आपत्ति की थी।
बाद में विभाग की आपत्ति पर बीती आठ अगस्त को शिक्षा सचिव व महानिदेशक आर मीनाक्षी सुंदरम ने 26 जून के आदेश पर रोक लगा दी थी। 'दैनिक जागरण' ने बीते अगस्त माह में मासिक परीक्षा में व्याप्त खामियों को उजागर किया था। इसके बाद शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे और शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने मासिक परीक्षा में खामियों की पड़ताल के निर्देश दिए थे। अब शासन ने मासिक परीक्षा में खामियों का संज्ञान लेते हुए विभाग के संशोधन प्रस्ताव पर शिक्षा महानिदेशक से जवाब मांगा है। शासन ने पूछा है कि मासिक परीक्षा में प्रस्तावित संशोधन मुफ्त और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली के प्रावधानों के अंतर्गत है या नहीं।
प्रस्तावित केंद्रीयकृत मासिक परीक्षाएं राज्य में लागू सतत और व्यापक मूल्यांकन के 29 अक्टूबर, 2015 के शासनादेश और एससीईआरटी के दिशा-निर्देशों के अनुरूप हैं या नहीं। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2020 की तैयारी के लिए स्कूल आधारित आकलन के मुताबिक संशोधित आदेश तैयार किया गया है या नहीं, इस पर भी विभाग को जवाब देना है।
29 जून के शासनादेश में ये हैं प्रावधान
-मासिक परीक्षाओं का विद्यालय स्तर पर होगा संचालन।
-सभी राजकीय विद्यालयों में मासिक पाठ्यक्रम विभाजन उपलब्ध कराया जाएगा।
-शिक्षा की गुणवत्ता स्तर जांचने को प्रतिमाह विकासखंडवार सात विद्यालयों को चिह्नित कर डायट के निर्देशन पर मासिक परीक्षा होगी संचालित।
-गुणवत्ता सर्वेक्षण के लिए चयनित विद्यालयों में निश्चित तारीख को एक साथ होगी मासिक परीक्षा।
-मासिक परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन उसी विद्यालय के विषय अध्यापक करेंगे।
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