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ऊर्जा निगम के गोदाम में आग से 3000 मीटर राख, संदेह में अग्निकांड

आराघर स्थित विद्युत भंडार केंद्र में भीषण आग लगने से तीन हजार से अधिक मीटर व कागजात जलकर राख हो गए। यह अग्निकांड संदेह के घेरे में आ गया है।

By BhanuEdited By: Updated: Wed, 05 Dec 2018 09:58 AM (IST)
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ऊर्जा निगम के गोदाम में आग से 3000 मीटर राख, संदेह में अग्निकांड
देहरादून, जेएनएन। आराघर स्थित विद्युत भंडार केंद्र में भीषण आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। देखते ही देखते आग बेकाबू हो गई। भंडार केंद्र चारों ओर से बंद होने के कारण जब दमकल कर्मियों को भीतर घुसने का रास्ता नहीं मिला तो केंद्र के पीछे की दीवार तोड़कर आग बुझाने का प्रयास किया गया। देर रात तक जारी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। इस दौरान पूरे क्षेत्र में लोगों की सांसें अटकी रहीं। वहीं, यह अग्निकांड संदेह के घेरे में आ गया है। इस पर विभागीय प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। 

अग्निकांड से करीब 3000 इलेक्ट्रॉनिक मीटर व स्टेशनरी आदि जलकर राख हो गए, जिनकी कीमत लगभग पचास लाख रुपये आंकी जा रही है। पुलिस के अनुसार घटना गत शाम करीब साढ़े पांच बजे की है। पुलिस को कर्मचारियों ने आग लगने की जानकारी दी, जिसके तुरंत बाद दमकल विभाग को सूचना दी गई। करीब 30 मिनट के भीतर दमकल दस्तों ने घटनास्थल पर पहुंचकर पुलिस के साथ मिलकर आग बुझाने का काम शुरू किया। 

आग की लपटें और धुंए के उठ रहे गुबार से दमकल कर्मियों को भंडार केंद्र के करीब जाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। केंद्र के भीतर प्रवेश करने के लिए ऊर्जा निगम के कर्मचारी व दमकल कर्मी लकड़ी की सीढ़ी लगाकर किसी तरह केंद्र के पिछले हिस्से में पहुंचे और वहां की दीवार को तोड़ा गया। 

हालांकि, धुआं अधिक होने से कुछ भी स्पष्ट नजर नहीं आ रहा था। जब आग पर कुछ हद तक काबू पाया गया, तब जाकर जले हुए ट्रांसफार्मर व मीटरों के बंडल बाहर निकाले गए। बिल बुक समेत अन्य स्टेशनरी पूरी तरह जलकर राख हो गई थी। इसके बाद भी आग न बुझ पाने पर देर रात चौथे दमकल वाहन को बुलाना पड़ा। 

तब जाकर आग पर पूरी तरह काबू पाया जा सका। गनीमत रही कि इस दौरान किसी व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुंचा। वहीं, ऊर्जा निगम के चीफ इंजीनियर (गढ़वाल मंडल) एमएल प्रसाद ने बताया कि केंद्र में करीब सात हजार नए विद्युत मीटर रखे थे। जबकि बड़ी संख्या में बिल बुक व अन्य स्टेशनरी भी थी। उन्होंने बताया कि 40 फीसद से अधिक उपकरण व अन्य सामान को नुकसान पहुंचने का अनुमान है। 

लापरवाही का भी अंदेशा 

चीफ इंजीनियर (गढ़वाल मंडल) एमएल प्रसाद ने बताया कि मंगलवार दोपहर को स्टोर में 3000 और नए मीटर लाए गए थे और शाम को यह हादसा हो गया। ऐसे में यह भी हो सकता है कि कोई कर्मी बीड़ी पीकर सामान ढो रहा हो और उसने बीड़ी भीतर ही छोड़ दी हो। क्योंकि मीटर में पॉली कार्बोनेट नामक ज्वलनशील पदार्थ लगा होता है, जो जरा सी चिंगारी से भी आग पकड़ लेता है। हालांकि, उन्होंने वास्तविक वजह जांच के बाद ही सामने आने की बात भी कही। 

बड़ा हादसा टला 

गनीमत रही कि बिजलीघर आग की चपेट में नहीं आया। दरअसल, जिस भंडार केंद्र में आग लगी, उससे बिजलीघर लगा हुआ है। इस बिजलीघर में चार ट्रांसफार्मर हैं, जिनमें दो 10 एमवीए (मेगा-वोल्ट एंपियर) व दो आठ एमवीए के हैं। इसी बिजली घर से विधानसभा समेत अन्य वीआइपी इलाकों समेत बड़े हिस्से में बिजली आपूर्ति की जाती है। अगर यह बिजलीघर जरा सा भी आग के संपर्क में आता तो बड़ा हादसा हो सकता था।

अग्निकांड ने खड़े किए सवाल, जांच के आदेश

आराघर विद्युत भंडार केंद्र में लगी आग को लेकर कर्मचारी संगठनों ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने घटना की गहनता एवं निष्पक्षता से जांच कराने की वकालत की। वहीं, मामले को गंभीरता से लेते हुए यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा ने भी देर रात विभागीय जांच के आदेश दे दिए।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार, भंडार केंद्र में करीब सात हजार इलेक्ट्रॉनिक मीटर रखे थे, इनमें करीब 40 फीसद मीटर जलने का अनुमान है। कर्मचारी संगठन इसे विभाग का बड़ा नुकसान बता रहे हैं। 

विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के संयोजक इंसारूल-हक ने कहा कि हजारों नए मीटरों का जलना गंभीर विषय है। इससे विभाग को लाखों के राजस्व का नुकसान हुआ है और मामला गंभीर लापरवाही का है। इसलिए पूरे मामले की विस्तृत जांच होनी चाहिए। 

वहीं, ऊर्जा कामगार संगठन ने भी इसकी जांच की मांग की। उधर, यूपीसीएल के एमडी बीसीके मिश्रा ने घटना को लेकर चिंता जाहिर की। कहा कि घटना में लाखों के उपकरण व अन्य सामान को नुकसान पहुंचा है।

उन्होंने बताया कि आग लगने के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए जांच कराई जाएगी। यदि विभागीय स्तर पर किसी तरह की कोई भी लापरवाही पाई गई तो उचित कार्रवाई की जाएगी।

लगते रहे कई कयास

नए मीटरों में आग लगने को लेकर हर कोई चर्चा करता नजर आया। कहा जा रहा था कि घटना के समय स्टोर व आसपास कोई भी मौजूद नहीं रहा। ऐसे में साजिश के कयास भी लगते देखे गए। कर्मचारी संगठनों ने किसी साजिश के तहत केंद्र में आग लगाए जाने की भी आशंका जताई है।

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