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दून शहर में लग रहे जाम पर शासन सख्त, हरकत में आई पुलिस

चुनावी माहौल में पिछले एक हफ्ते से लगातार ट्रैफिक जाम और बदहाल यातायात व्यवस्था से जूझ रहे आमजन की टीस आखिरकार शासन तक पहुंच ही गई। शासन की सख्त चेतावनी के बाद पुलिस हरकत में आई।

By BhanuEdited By: Updated: Thu, 28 Mar 2019 09:30 AM (IST)
दून शहर में लग रहे जाम पर शासन सख्त, हरकत में आई पुलिस
देहरादून, जेएनएन। चुनावी माहौल में पिछले एक हफ्ते से लगातार ट्रैफिक जाम और बदहाल यातायात व्यवस्था से जूझ रहे आमजन की टीस आखिरकार शासन तक पहुंच ही गई। भले ही पुलिस और यातायात के जिम्मेदार अफसरों ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा हुआ था, लेकिन शासन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि चाहे जैसे भी हो, ट्रैफिक संचालन सुगम एवं सुचारु किया जाए। 

इसी क्रम में बुधवार को आइजी गढ़वाल अजय रौतेला ने पुलिस कप्तान निवेदिता कुकरेती समेत शहर के सभी जिम्मेदार पुलिस अफसरों को तलब कर शासन की चेतावनी से अवगत भी करा दिया। आइजी ने दो टूक कहा कि बहानेबाजी के बजाए सड़क पर ध्यान दें और खुद पुलिस अधिकारी फील्ड में निकल कर यातायात प्रबंधन का जिम्मा संभाले।

लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद शहर की सड़कों से ट्रैफिक पुलिस के नदारद होने के चलते एक हफ्ते से भी अधिक समय आमजन लगातार भीषण में फंस कर हलकान हो रहे हैं। अफसरों से जब यह पूछा गया कि ऐसा क्या हो गया कि चुनाव से पहले कुछ देर के लिए लगने वाला जाम अब पूरे दिन क्यों लोगों की परीक्षा ले रहा, तो उनका तर्क था कि अधिकांश फोर्स चुनाव में व्यस्त हो गई है। 

जब पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था से इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने फोर्स की कमी का हवाला देना बहानेबाजी और मिस मैनेजमेंट के अलावा कुछ नहीं है। आमजन की इस पीड़ा से जुड़े हैरान कर देने वाले पहलुओं के सामने आने के साथ ही दैनिक जागरण ने इसे मुद्दा बनाया और लगातार उनकी समस्या को शासन-प्रशासन तक पहुंचाने का प्रयास किया। 

इसका असर भी हुआ, शासन के निर्देश पर आइजी अजय रौतेला ने एसएसपी निवेदिता कुकरेती, एसपी ट्रैफिक प्रकाश चंद आर्य, एसपी देहात प्रमेंद्र डोबाल, सीओ ट्रैफिक राकेश देवली को तलब कर लिया और एक घंटे से भी अधिक समय तक अधिकारियों की क्लास ली। 

आइजी ने सख्त लहजे में कहा कि चुनाव और फोर्स की कमी का हवाला देकर वह अपनी जिम्मेदारियों से पीछा नहीं छुड़ा सकते। ट्रैफिक पुलिस में मैन पावर कम है तो पुलिस लाइन और थानों से फोर्स को ट्रैफिक में समायोजित किया जाए। किसी भी हाल में ट्रैफिक सिस्टम को दुरुस्त करना है। आइजी ने सीपीयू को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वह केवल चालान कर टारगेट पूरा करने के फिराक में न रहें, अगर कहीं जाम लगता है तो वह ट्रैफिक संचालन भी करें।

दफ्तर से बाहर निकलें अधिकारी

आइजी ने कहा कि यह भी शिकायतें मिल रही हैं कि पीक ऑवर में सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस दिखती ही नहीं। अगर उनकी ड्यूटी लग रही है तो वह कर क्या रहे हैं। ऐसे में अधिकारी खुद भी दफ्तरों से बाहर निकलें और पीक ऑवर में ट्रैफिक सिस्टम को दुरुस्त करने का काम करें। 

कब तक चलाएंगे उधारी से काम

एसपी ट्रैफिक ने आइजी को बताया कि इन दिनों ट्रैफिक में फोर्स की भारी कमी हो गई है। गैर जनपदों के संबद्ध पुलिस कर्मी रिलीव हो गए हैं और अब होमगार्ड भी नहीं मिल रहे हैं। आइजी ने कहा कि ट्रैफिक की दुव्र्यवस्था के लिए केवल इसे कारण नहीं माना जा सकता। कब तक उधार के पुलिसकर्मियों से काम चलाएंगे। एसएसपी को अपने स्तर पर इसका स्थाई समाधान तलाशते हुए थानों से फोर्स को ट्रैफिक से संबद्ध करना होगा। 

हरकत में आई पुलिस

आइजी की मीटिंग खत्म होने और अफसरों के रेंज कार्यालय से बाहर निकलने के बाद शहर में सीपीयू से लेकर ट्रैफिक भागदौड़ करती नजर आने लगी। अक्सर चालान काटने में मशगूल रहने वाली सीपीयू ने कई चौराहों पर ट्रैफिक की कमान संभाली। हालांकि इसके बाद भी शहर के कई हिस्सों में सुबह से शाम तक जाम की स्थिति बनी रही।

इनकी मनमानी पर अंकुश कब

शहर में जाम लगने एक-दो नहीं, बल्कि अनगिनत कारण हैं। कुछ पर अफसर आंखें मूंदे रहते हैं तो कुछ पर जो वह नियम-कानून बनाते हैं, उसका सरेआम मखौल उड़ा दिया जाता है। बानगी के तौर पर आढ़त बाजार को ही लें, पुलिस ने यहां लोडिंग-अनलोडिंग का समय तय किया हुआ है। 

फरमान भी जारी किया है कि पीक ऑवर में लोडिंग-अनलोडिंग नहीं होगी, लेकिन यहां पूरे दिन आढ़तियों के सामान उतरते रहते हैं। यह गाडिय़ां सड़क पर ही खड़ी होती हैं, जिसकी वजह से प्रिंस चौक से लेकर सहारनपुर चौक होते हुए भूसा स्टोर तक सामान्य दिनों में जाम की स्थिति बनी रहती है।

नियमित होगी मानिटरिंग 

आइजी गढ़वाल परिक्षेत्र अजय रौतेला ने कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था को उसके हाल पर नहीं छोड़ा जा सकता। यह देहरादून जिले की पुलिस को समझा दिया गया है। ट्रैफिक संचालन की वह खुद भी अब नियमित मानीटरिंग करेंगे। 

278 वाहनों के चालान

लोकसभा चुनाव के बाद ट्रैफिक से हाथ पीछे खींच लेने वाली पुलिस आइजी के सख्त रुख के बाद इस कदर हरकत में आ गई कि अकेले पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने ताबड़तोड़ चेकिंग करते हुए 278 वाहनों के चालान कर डाले। 

इंस्पेक्टर सूर्य भूषण नेगी ने बताया कि अभियान के तहत संदिग्धों की चेकिंग करने के साथ वाहन चलाते मिले नाबालिगों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई। वहीं रफ ड्राइविंग कर दूसरों के लिए मुसीबत खड़ी करने वालों से भी सख्ती से निपटा गया। कुल 278 वाहनों के चालान किए गए। पंद्रह वाहन सीज किए गए। तीन की चालानी रिपोर्ट कोर्ट भेजी गई। 260 वाहनों से मौके पर संयोजन शुल्क के तौर पर 43 हजार 600 रुपये की वसूली की गई। 

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