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नैक के लिए आवेदन करेंगे सरकारी कॉलेज: डॉ रावत

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि 75 सरकारी डिग्री कॉलेज आगामी नवंबर माह तक नैक के लिए आवेदन करेंगे।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 06 Sep 2018 01:35 PM (IST)
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नैक के लिए आवेदन करेंगे सरकारी कॉलेज: डॉ रावत
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान (रूसा) फेज-दो के तहत सरकारी, सहायताप्राप्त अशासकीय डिग्री कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को मिली अनुदान राशि का समयबद्ध उपयोग करने के निर्देश उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत ने दिए। उन्होंने कहा कि 75 सरकारी डिग्री कॉलेज आगामी नवंबर माह तक नैक के लिए आवेदन करेंगे। रूसा फेज-दो में कुमाऊं व दून विश्वविद्यालय को 20-20 करोड़, एसजीआरआरपीजी कॉलेज, राजकीय महिला विद्यालय हल्द्वानी, राजकीय पीजी कॉलेज कोटद्वार, ऋषिकेश व काशीपुर, बागेश्वर, द्वाराहाट, रुद्रपुर, डाकपत्थर, रामनगर, लोहाघाट के लिए स्वीकृत 90-90 लाख रुपये के अनुदान का समयबद्ध उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राजकीय डिग्री कॉलेज जयहरीखाल और राजकीय डिग्री कॉलेज तलवाड़ी को मॉडल कॉलेज के तौर पर विकसित करने को चार-चार करोड़, राजकीय पीजी कॉलेज डोईवाला व मुन्स्यारी के लिए क्रमश: तीन व दो करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। मानिला, स्याल्दे, एमकेपी पीजी कॉलेज देहरादून के लिए संरचनात्मक अनुदान में रूसा फेज-दो में दो-दो करोड़ की धनराशि मंजूर हुई है। 

डॉ रावत ने यूजीसी से अनुदान प्राप्त करने के लिए सरकारी डिग्री कॉलेजों का नैक प्रत्यायन कराने के निर्देश दिए। बताया गया कि 32 कॉलेजों व विश्वविद्यालयों को अनुदान की तीसरी किश्त प्राप्त हो चुकी है। इसका उपयोग करने पर ही चौथी किश्त प्राप्त होगी। बैठक में अपर मुख्य सचिव डॉ रणवीर सिंह, अपर सचिव डॉ इकबाल अहमद, कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डीके नौरियाल, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलसचिव, उच्च शिक्षा प्रभारी निदेशक डॉ जेसी घिल्डियाल, डॉ देवेंद्र भसीन सहित कई कॉलेजों के प्राचार्य मौजूद थे। इनसेट ज्ञान महाकुंभ नवंबर में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में तीन नवंबर को ज्ञान महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा। महाकुंभ हरिद्वार में होगा। इसमें राष्ट्रपति को आमंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। मंगलवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि प्रदेश में महाकुंभ के आयोजन के संबंध में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की ओर से प्रस्ताव दिया गया था।

अंब्रेला एक्ट से मनमानी  पर अंकुश: डॉ रावत

प्रदेश में निजी और सरकारी विश्वविद्यालयों के लिए प्रस्तावित अंब्रेला एक्ट के मसौदे को अंतिम रूप देने को गठित समिति का विस्तार किया गया। इसमें तीन निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को शामिल किया गया। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि अंब्रेला एक्ट में निजी विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता बरकरार रहेगी, लेकिन किसी भी तरह की मनमानी की स्थिति में सरकार अंकुश लगा सकेगी। 

सचिवालय में बुधवार को सभी राज्य विश्वविद्यालयों के लिए अंब्रेला एक्ट को लेकर गठित समिति की अध्यक्षता करते हुए उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ रावत ने कहा कि अंब्रेला एक्ट बनने के बाद राज्य में निजी और सरकारी विश्वविद्यालयों के संचालन में एकरूपता लाई जा सकती है। इससे उच्च शिक्षा में गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकेगा। साथ में किसी भी स्तर पर मनमानी को रोका जा सकेगा। 

हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अंब्रेला एक्ट का उद्देश्य निजी विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता में हस्तक्षेप नहीं है। अंब्रेला एक्ट में निजी विश्वविद्यालयों के सुझावों को भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों से सुझाव मांगे गए हैं। डॉ रावत के निर्देश पर अंब्रेला एक्ट का मसौदा तैयार करने को गठित समिति में तीन निजी विश्वविद्यालयों में एसआरएचयू के कुलपति डॉ विजय धस्माना, एसजीआरआर विवि के कुलपति प्रो पीपी ध्यानी और आइएमएस यूनिसन विवि के कुलपति डॉ राजेंद्र कुमार पांडेय को शामिल किया गया।

इसके साथ ही समिति की सदस्य संख्या नौ से बढ़कर अब 11 हो गई है। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ने पुस्तक दान अभियान एवं नशा मुक्ति अभियान में कुलपतियों से सहयोग मांगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव डॉ रणवीर सिंह, अपर सचिव डॉ इकबाल अहमद, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ यूएस रावत, कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डीके नौरियाल, रूसा के सलाहकार प्रो केडी पुरोहित समेत तमाम कुलपति मौजूद थे।

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