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तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बाल रोग विशेषज्ञों की कमी दूर करने की तैयारी

सरकार इस समय कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए इससे रोकथाम की तैयारियों में जुटी है। सरकार के सामने चुनौती विशेषज्ञ चिकित्सकों को लेकर है। इनकी सीमित संख्या को देखते हुए सरकार का फोकस इस समय निजी बाल रोग चिकित्सकों की सेवाएं लेने पर है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 20 Jul 2021 03:34 PM (IST)
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सरकार का फोकस इस समय निजी बाल रोग चिकित्सकों की सेवाएं लेने पर है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश सरकार इस समय कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए इससे रोकथाम की तैयारियों में जुटी है। इस समय सरकार के सामने चुनौती विशेषज्ञ चिकित्सकों को लेकर है। इनकी सीमित संख्या को देखते हुए सरकार का फोकस इस समय निजी बाल रोग चिकित्सकों की सेवाएं लेने पर है, ताकि संक्रमण फैलने पर समय से इसका इलाज किया जा सके।

प्रदेश में इस समय कोरोना संक्रमण के मामलों में काफी कमी देखने को मिल रही है। कोरोना संक्रमण के केवल 604 सक्रिय मामले हैं। इस समय पूरे देश में विशेषज्ञ तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि तीसरी लहर में सबसे अधिक 18 वर्ष आयुवर्ग तक के युवा व बच्चे प्रभावित हो सकते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए विभाग ने इनके इलाज के लिए पीकू व निकू वार्ड गठित करने की तैयारी शुरू कर दी है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है। आक्सीजन कंसन्ट्रेटर पहुंचा दिए गए हैं। बच्चों के हिसाब से उपकरण व दवाओं की खरीद हो रही है। हालांकि, विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती विशेषज्ञ चिकित्सकों को लेकर हैं। दरअसल, प्रदेश में अभी 264 बाल रोग चिकित्सक हैं।

वहीं, 18 वर्ष से कम आयु वर्ग की संख्या 30 लाख से अधिक है। तुलनात्मक रूप से चिकित्सकों की यह संख्या बेहद कम नजर आ रही है। हालांकि, विभाग यह भी मान रहा है कि इस आयु वर्ग के बच्चों व किशोरों की अस्पतालों में बहुत कम भर्ती होगी। इस आयु वर्ग में रोग प्रतिरोधक क्षमता सबसे अधिक होती है। ऐसे में बेहद कम संख्या में ही इस आयु वर्ग के युवा व बच्चे भर्ती होंगे। बावजूद इसके विभाग अपनी ओर से कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है। इसके लिए निजी बाल रोग विशेषज्ञों की सेवाएं लेने की भी तैयारी है।

सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी का कहना है कि विभाग तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारियों में जुटा है। बाल रोग चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए निजी क्षेत्र के चिकित्सकों का भी सहयोग लिया जाएगा।

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