जर्जर हालत में है साठ के दशक में बना राजकीय प्राथमिक विद्यालय त्यूणी
राजकीय प्राथमिक विद्यालय त्यूणी-प्रथम का जर्जर भवन अपनी आखिरी सांसे गिन रहा है। भूमि विवाद के चलते यहां बजट स्वीकृत होने के बाद भी नए भवन का निर्माण शुरू नहीं हो पाया।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Fri, 08 Nov 2019 08:20 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। साठ के दशक में बना राजकीय प्राथमिक विद्यालय त्यूणी-प्रथम का जीर्ण-शीर्ण भवन अपनी आखिरी सांसे गिन रहा है। भूमि विवाद के चलते यहां पिछले पांच साल से बजट स्वीकृत होने के बाद भी नए भवन का निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हो पाया। छात्र-छात्रओं की सुविधा को लेकर स्वजल योजना से शौचालय का निर्माण तो करवाया, नए भवन का निर्माण कब शुरू होगा इसका बेसब्री से इंतजार है। छात्र-छात्रओं की जान खतरे में देख विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक में नए भवन के जल्द निर्माण की मांग जोर पकड़ने लगी है।
देहरादून जिले के चकराता ब्लॉक के सीमांत तहसील त्यूणी में गेट बाजार के पास बने राप्रावि त्यूणी-प्रथम का भवन जर्जर हो चुका है। जीर्ण-शीर्ण हो चुके दशकों पुराने इस विद्यालय भवन की छत और दीवारें क्षतिग्रस्त हैं, जिससे यहां अध्यनरत 115 छात्र-छात्रओं के सिर पर हर वक्त खतरा मंडरा रहा है। गुरुवार को त्यूणी में उपशिक्षा अधिकारी चकराता पंकज कुमार की अध्यक्षता में विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक हुई। एसएमसी अध्यक्ष रतन सिंह चौहान ने नए भवन के निर्माण कार्य की मांग को प्रमुखता से उठाया।
उन्होंने कहा कि गिरासू स्थिति वाले इस भवन में एक से लेकर पांच तक कक्षाओं का संचालन ठीक से नहीं हो पा रहा, जिससे छात्रों की एक नजर किताब, जबकि दूसरी जर्जर भवन की छत पर टिकी रहती है। शिक्षा विभाग ने हाल के दिनों में यहां स्वजल योजना से शौचालय तो बनवा दिया, लेकिन नए भवन का निर्माण अबतक शुरू नहीं हो पाया है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से स्वीकृत नए भवन का निर्माण कार्य शुरू करने की मांग की है। उपशिक्षाधिकारी पंकज कुमार ने कहा भूमि विवाद के चलते नए भवन के निर्माण कार्य में तकनीकि समस्या आ रही है। जिसे सुलझाने के प्रयास जारी हैं। बैठक में कल्पना, शर्मिला रावत, कमला देवी, रक्षा देवी, राजकुमारी, निशा, मीरा, रवीना, रीना, सुलोचना, प्रतिमा, जगदीश, यशपाल, राम सिंह, प्रेम सिंह आदि मौजूद रहे।
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सरकार ने जर्जर विद्यालय भवन के पुर्ननिर्माण कार्य को वर्ष-2014 में सर्वशिक्षा अभियान के तहत 12.87 लाख बजट स्वीकृत कर धनराशि विद्यालय प्रबंधन समिति के खाते में भेज दी, जिसे अभी तक नहीं निकाला गया। नए विद्यालय भवन निर्माण को लेकर उपजे भूमि विवाद के चलते शिक्षा विभाग और विद्यालय प्रबंधन समिति स्वीकृत बजट से नए भवन का निर्माण कार्य अबतक शुरू नहीं करा पाए। जिससे यहां नए भवन का निर्माण कार्य पिछले पांच साल लटका पड़ा है।
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