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दून में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान जारी, अब सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार

हाई कोर्ट के निर्देश के अनुपालन में राजधानी देहरादून में अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई जारी है। अब सरकार ने समय सीमा में राहत देने को सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय किया है।

By BhanuEdited By: Updated: Mon, 16 Jul 2018 05:24 PM (IST)
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दून में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान जारी, अब सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार
देहरादून, [जेएनएन]: हाई कोर्ट के निर्देश के अनुपालन में राजधानी देहरादून में अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई जारी है। वहीं अब सरकार भारी बारिश के कारण जिला प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों के राहत कार्यों में व्यस्त होने और आम नागरिकों को होने वाली परेशानियों को देखते हुए देहरादून में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान की समय सीमा बढ़ाने के लिए राज्य सरकार सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी। 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस बारे में महाधिवक्ता को निर्देशित किया है। इससे पहले भाजपा विधायकों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर दिक्कतों की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन दिनों देहरादून शहर को अतिक्रमणमुक्त करने की मुहिम चल रही है। पूरा प्रशासनिक अमला इसमें जुटा हुआ है। यही नहीं, लगातार हो रही बारिश से दिक्कतें भी पेश आ रही हैं। 

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री धन सिंह रावत, विधायक गणेश जोशी, खजानदास, हरबंश कपूर, उमेश शर्मा, पूरन फत्र्याल, सुरेंद्र सिंह नेगी के साथ ही भाजपा नेता सुनील उनियाल गामा ने इस संबंध में मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री से मुलाकात की।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि वर्तमान में सरकार और प्रशासन की प्राथमिकता आपदा की स्थिति में नागरिकों को राहत मुहैया कराना है। उन्होंने इस मौके पर महाधिवक्ता को निर्देशित किया कि वह राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर वस्तुस्थिति से अवगत कराएं। साथ ही देहरादून में अतिक्रमण हटाने की समय सीमा को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया जाए।

पथरियापीर और नेशविला रोड पर 77 अतिक्रमण ध्वस्त

हाईकोर्ट के आदेश पर टास्क फोर्स ने पथरियापीर और नेशविला रोड के मध्य 77 अतिक्रमण ध्वस्त किए। इस दौरान शहर के तीन जोन में 204 नए अतिक्रमण चिह्नित कर लाल निशान लगाए गए। इधर, अभियान के 15 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी आधे शहर में भी अभियान नहीं चल पाया है। ऐसे में टास्क फोर्स के सामने एक माह के भीतर अभियान को पूरा करने की चुनौती बनी हुई है। 

हाईकोर्ट के आदेश पर शहर के चार जोन में अतिक्रमण हटाओ अभियान की कार्रवाई जारी है। पथरियापीर से नेशविला रोड पर अतिक्रमण पर जेसीबी गरजी। यहां टास्क फोर्स ने सड़क, नाली, फुटपाथ तक फैले 77 अतिक्रमण ध्वस्त किए। 

सिटी मजिस्ट्रेट मनुज गोयल और एसडीएम मसूरी ने यहां चिह्नित अतिक्रमण लोगों को स्वयं हटाने के निर्देश दिए। इधर, अभियान के तहत राजपुर क्षेत्र में 39, चकराता रोड से जीएमएस रोड में 100 और रिंग रोड रायपुर में 65 नए अतिक्रमण चिह्नित किए गए। अभियान के तहत अब तक 3893 का चिह्नीकरण और 1418 ध्वस्त किए गए हैं। जबकि 87 आवासीय और व्यवसायिक भवनों को सील किया जा चुका है। अभियान के अध्यक्ष एवं एमडीडीए के वीसी आशीष कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि अभियान आगे भी जारी रहेगा।

प्रेमनगर में स्वयं अतिक्रमण तोडऩे लगे लोग 

प्रेमनगर बाजार में विरोध-प्रदर्शन के बाद लोगों ने स्वयं अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया है। पहले दिन करीब 18 दुकानों से अतिक्रमण हटाया गया। यहां प्रेमनगर थाना पुलिस ने भी अतिक्रमण की जद में आई बाउंड्रीवाल को स्वयं हटाना शुरू कर दिया है। 

हाईकोर्ट के आदेश पर चल रहे अतिक्रमण अभियान की मार सबसे ज्यादा प्रेमनगर बाजार पर पड़ी है। यहां करीब पांच मीटर से 15 मीटर तक सड़क के दोनों तरफ अतिक्रमण चिह्नित किया गया है। इसकी जद में करीब तीन सौ दुकानें, घर और दूसरे व्यापारिक प्रतिष्ठान आ रहे हैं।  यहां संकरी सड़क होने से हर कोई अतिक्रमण हटाने के पक्ष में हैं। 

मगर, व्यापारी पुनर्वास की शर्त पर सहयोग की बात कर रहे हैं। यहां व्यापारियों ने करीब 18 दुकानें स्वयं तोड़ते हुए अतिक्रमण अभियान में सहयोग दिया। इसके अलावा कई लोगों ने दुकानें शिफ्ट करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। 

तीन जोन में धीमी पड़ी कार्रवाई 

अतिक्रमण अभियान को लेकर प्रशासन की टीमें अब ढीली पड़ने लगी है। बारिश और दूसरे बहाने अभियान को प्रभावित कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि जिस तरह से शुरुआती दिनों में अतिक्रमण हटाया गया, वह अब पूरी तरह से औपचारिक नजर आ रहा है। 

खासकर प्रशासन ने चार जोन और चार टीमें गठित की। मगर, कार्रवाई सिर्फ एक ही टीम कर रही है। बाकी जोन में कार्रवाई चिह्नीकरण तक सीमित है।

सड़क से समय पर हटाएं मलबा 

अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने अतिक्रमण हटाओ अभियान की समीक्षा करते हुए टीम को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। कहा कि ध्वस्तीकरण के बाद सड़क और नाली से मलबा समय पर हटाया जाए। ताकि आवाजाही में अतिक्रमण का मलबा अव्यवस्था का कारण न बने। 

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि पूरी कार्रवाई को नियमानुसार जारी रखें। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। इसके अलावा लोनिवि, एमडीडीए, ऊर्जा निगम और नगर निगम को शहर के सौंदर्यीकरण की योजना का प्लान शीघ्र तैयार प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। इसमें सीवर लाइन से लेकर बिजली की लाइनों को शिफ्ट करने को भी शामिल किया जाए। बैठक में डीएम एसए मुरूगेशन, एमएनए विजय कुमार जोगदंडे, एमडीडीए के सचिव पीसी दुमका समेत अन्य मौजूद रहे। 

जिलाधिकारी ने सिटी मजिस्ट्रेट को दिखाया आइना

हरिद्वार में  अतिक्रमण के खिलाफ जिलाधिकारी शुक्रवार को कड़े तेवर में दिखे। जिलाधिकारी ने सिटी मजिस्ट्रेट को आइना दिखाते हुए सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर से अतिक्रमण हटाया। उन्होंने डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट से कहा कि जब अधिकारी अपने कार्यालय के बाहर से अतिक्रमण नहीं हटा सकते तो शहर को कैसे अतिक्रमण मुक्त कराएंगे। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में अतिक्रमण मिलेगा, उस क्षेत्र के पुलिस इंस्पेक्टर के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। 

प्रेस क्लब सभागार में आपदा प्रबंधन और मीडिया विषय पर कार्यशाला होनी थी। इसमें शामिल होने के लिए जिलाधिकारी दीपक रावत पहुंचे थे। उन्होंने प्रेस क्लब के गेट पर ही गाड़ी रुकवाई। जब वह गाड़ी से उतरे तो उन्होंने देखा कि प्रेस क्लब के बगल में ही स्थित सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय की चहारदीवारी पर पॉलीथिन का शेड डालकर बाइक रिपेयरिंग की दुकान चल रही है। जबकि पास में ही खोखा भी है, जहां तंबाकू उत्पाद की भी बिक्री हो रही है। उन्होंने तुरंत ही वहां से अतिक्रमण हटाया।

उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट मनीष कुमार सिंह से कहा कि जब अधिकारी खुद के कार्यालयों को अतिक्रमण मुक्त नहीं करा पाएंगे तो शहर के अतिक्रमण कैसे हटेंगे। उन्होंने तत्काल दुकानों को हटवाने के निर्देश दिए। इसके बाद डीएम के सामने ही सिटी मजिस्ट्रेट और पुलिसकर्मियों ने सामान फेंकना शुरू कर दिया। परिसर के अंदर के हिस्से में डेयरी संचालित हो रही थी, जिसे हटा दिया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि कहीं भी सरकारी जमीन, कार्यालय, सड़क की पटरियों पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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