महिला सिपाही के यौन शोषण में आरोपित एएसपी पर सरकार लेगी फैसला
हरिद्वार की महिला सिपाही के यौन शोषण के आरोप से घिरे एएसपी परीक्षित कुमार को विभागीय चार्जशीट देने का निर्णय लिया है। इस पर आरोपित के खिलाफ कार्रवाई का फैसला सरकार ले सकती है।
By BhanuEdited By: Updated: Fri, 11 Jan 2019 10:08 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। हरिद्वार की महिला सिपाही के यौन शोषण के आरोप से घिरे एएसपी परीक्षित कुमार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पुलिस मुख्यालय ने आरोपित को विभागीय चार्जशीट देने का निर्णय लिया है। जल्द इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। इस पर सरकार आरोपित के खिलाफ डिमोशन तक का निर्णय ले सकती है।
हरिद्वार में बतौर सीओ सिटी रहते हुए एएसपी परीक्षित कुमार पर महिला सिपाही ने यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले में महिला सिपाही ने एसएसपी को लिखित शिकायत दी थी। शिकायत के आधार पर एएसपी को हटाते हुए पहले इंटेलीजेंस मुख्यालय अटैच किया और बाद में पीएसी में तबादला कर दिया। पिछले कई दिनों से यह मामला सोशल मीडिया से लेकर आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। खासकर एएसपी के माफी मांगने के बाद विभाग ने मुकदमा दर्ज करने से इन्कार कर दिया था।
इस मामले में हरिद्वार के एसएसपी जन्मजेय खंडूड़ी ने विशाखा गाइड लाइन के तहत हुई जांच के बाद रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय भेज दी। डीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने कहा कि हरिद्वार से मिली रिपोर्ट में विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है। इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने आरोपित एएसपी को चार्जशीट देने का निर्णय लिया है। इस संबंध में जल्द शासन को विस्तृत रिपोर्ट भेजी जाएगी।
उधर, सूत्रों का कहना है कि पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट पर शासन आरोपित एएसपी को रिवर्ट कर सकता है। बताया जा रहा है कि एक साल बाद एएसपी रिटायर्ड हो जाएंगे। ऐसे में विभागीय चार्जशीट में डिमोशन की सजा दी जा सकती है।
पुलिस ने हासिल की शिकायत और बयानों की प्रति
जोशीमठ की किशोरी के उत्पीड़न के मामले में पुलिस ने बाल संरक्षण आयोग से किशोरी और उसके पिता के ओर से दर्ज शिकायत की मूल प्रतियां प्राप्त कर ली हैं। साथ ही चमोली पुलिस ने भी दून पुलिस को किशोरी के बयानों की मूल प्रति उपलब्ध करा दी गई हैं। दून पुलिस जल्द प्रधानाचार्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सकती है। जल्द ही पीड़ित किशोरी के परिजन देहरादून पहुंच रहे हैं।
इस मामले में बाल आयोग ने चार दिन पहले पुलिस मुख्यालय को आवश्यक कार्रवाई के लिए लिखा था। चमोली पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने में लापरवाही बरती थी, इसलिए मुख्यालय ने जवाब तलब किया था। इसके साथ ही देहरादून पुलिस को जांच कर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे।एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि बाल आयोग से किशोरी और उसके पिता की शिकायतों की मूल प्रतियां हासिल कर ली गई हैं। इसका अवलोकन कर आवश्यक जांच पूरी कर ली जाएगी। साथ ही विधिक राय भी ली जा रही है। ताकि, किशोर न्याय अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की उचित धाराओं में कार्रवाई हो सके व उनके सापेक्ष साक्ष्य भी पुलिस को मिल सकें।
इसके बाद प्रधानाचार्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में यदि कुछ और लोगों का नाम सामने आते हैं तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जा जाएगी। छात्रा के परिजनों ने फिर लगाई एसएसपी से गुहार
राजपुर रोड स्थित स्कूल में नवीं की छात्रा के साथ हुए यौन शोषण के मामले में छात्रा के परिजनों ने एसएसपी से एक बार फिर गुहार लगाकर रजिस्ट्रेशन नंबर दिलाने की मांग की है। एसएसपी ने पुलिस टीम को स्कूल भेजकर रिपोर्ट तलब की है। रजिस्ट्रेशन नंबर न मिलने के कारण छात्रा को दूसरे स्कूल में प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि स्कूल रजिस्ट्रेशन नंबर को लेकर जहां छात्रा के परिजनों स्कूल पर आरोप लगा रहे हैं, वहीं स्कूल का अपना तर्क है। इसलिए पुलिस टीम को स्कूल भेजकर रिपोर्ट मांगी गई है। इससे ये साफ हो सके की रजिस्ट्रेशन नंबर न मिलने की असली वजह क्या है और कहां पर पेच फंसा हुआ है।
विदित है कि नवीं की छात्रा ने स्कूल के स्विमिंग ट्रेनर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। जिसके बाद आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।यह भी पढ़ें: प्रधानाचार्य पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पीड़िता को दून पुलिस ने बुलाया
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