इंजीनियरिंग छात्रों के हुनर को पहचान देगा सरकार का यह फार्मूला, पढ़िए खबर
प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र-छात्राओं विशेषकर इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स के लिए स्टार्टअप इकोसिस्टम तैयार कर रही है। इससे उन्हें हुनर को निखारने का मौका मिलेगा।
By BhanuEdited By: Updated: Thu, 12 Sep 2019 09:16 AM (IST)
देहरादून, अशोक केडियाल। उत्तराखंड के उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं के लिए उभरता युवा उद्यमी बनने का सुनहरा अवसर है। पढ़ाई करने के साथ-साथ यदि आपके पास 'नवाचारी विचार' (इनोवेटिव आइडिया) हैं तो आगे आएं प्रदेश सरकार आपका साथ देगी। आपकी रचनात्मकता (क्रिएटिविटी) को न केवल देश-प्रदेश स्तर पर ख्याति मिलेगी, बल्कि पुरस्कार की रकम के साथ-साथ एक सफल युवा उद्यमी बनने का सुनहरा अवसर भी मिलेगा।
प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए विशेषकर इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स के लिए स्टार्टअप इकोसिस्टम तैयार कर रही है। सरकार का ध्येय है कि अधिक से अधिक उच्च शिक्षा प्राप्त युवा नवाचारी विचारों को लेकर एक मंच पर आएं। इनके बीच प्रतियोगिताएं होंगी ओर अंत में प्रदेश के दस सर्वोच्च नवाचारी विचारों को नकद इनाम देकर सम्मानित किया जाएगा। उत्तराखंड स्टार्टअप यात्रा का आयोजन प्रदेश उद्योग निदेशालय संभाल रहा है। उत्तराखंड स्टार्टअप यात्रा 2019 का पहला चरण 'उत्तराखंड स्टार्टअप बूट कैंप- 2019' बीते तीन सितंबर से अल्मोड़ा जिले से आरंभ हो चुका है, जो 16 अक्टूबर तक चलेगा। इस बीच प्रदेश के 13 जिलों में दो-दो दिवसीय 16 बूट कैंप का आयोजन किया जा रहा है।
देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में दो-दो, जबकि अन्य जिलों में एक-एक कैंप आयोजित किए जाएंगे। इनमें कोई भी छात्र भाग लेकर अपने इनोवेटिव आइडिया साझा कर सकता है, यदि चयन करने वाले पैनल को आपका इनोवेटिव आइडिया बेहतर लगा तो उसका राज्य स्तर पर चयन होगा।प्रत्येक जिले से 10-10 सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप को 'आइडिया ग्रैंड चैलेंज' प्रतियोगिता के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एवं इनर्जी स्टडीज, देहरादून (यूपीईएस) में प्रतिभाग का मौका मिलेगा और अंत में टॉप टेन आइडिया का चयन किया जाएगा।
प्रदेश में चार नए इन्क्यूवेटर सेंटरस्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में चार नए इन्क्यूवेटर सेंटर बनाए जाएंगे। जिनमें यूपीईएस, तुलाज इंस्टीट्यूट, जीबी पंत विवि पंतनगर व ग्राफिक एरा विवि के इन्क्यूवेटर सेंटर का विस्तार शामिल है। इससे पहले प्रदेश में केवल दो इन्क्यूवेटर आइआइटी रुड़की व ग्राफिक एरा देहरादून में था।चार जिले में स्टार्टअप के लिए पहुंचे 431 छात्र
तीन से दस सितंबर के बीच राज्य के अल्मोड़ा, नैनीताल, पिथौरागढ़ व बागेश्वर जिलों में स्टार्टअप बूट कैंप आयोजित किए जा चुके हैं। जिनमें 431 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग कर 55 इनोवेटिव आइडिया प्रस्तुत किए। मौके पर पहुंची विशेषज्ञों ने टीम ने चार कैंपों से 28 स्टार्टअप को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चुन लिया है। दून के छात्रों को दो बार मिलेगा मौका दून के छात्रों को तुलाज इंस्टीट्यूट में दो दिवसीय स्टार्टअप बूट कैंप में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। जहां आवेदन करने वाले प्रतिभावान छात्र-छात्राएं भाग ले सकते हैं। इसके बाद डीआइटी विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले दो दिवसीय शिविर में भी छात्र-छात्राएं पहुंच सकते हैं। यह दोनों शिविर सितंबर महीने में ही आयोजित किए जाएंगे।
आठ जिलों में स्टार्टअप शिविर11 सितंबर से 16 अक्टूबर के बीच कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रुड़की (हरिद्वार) और प्रौद्योगिकी संस्थान गोपेश्वर (चमोली), राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय उत्तरकाशी (उत्तरकाशी), कॉलेज ऑफ फॉरेस्ट्री रानीचौरी (टिहरी), जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी (पौड़ी), राजकीय महाविद्यालय रुद्रप्रयाग, जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि पंतनगर (ऊधम सिंह नगर ) के अलावा सितंबर के अंत में क्वांटम विवि रुड़की (हरिद्वार) व अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान काशीपुर (ऊधमसिंह नगर ) में शिविर होंगे। इच्छुक छात्र www.startuputtarakhand.com पर संपर्क कर सकते हैं।
स्टार्टअप कैंप में यह हैं विशेषज्ञप्रदेश के 13 जिलों में आयोजित होने वाले 16 बूट कैंप में यूपीईएस, ग्राफिक एरा विवि, पीएचडी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स व आइआइटी रुड़की के विशेषज्ञ स्टार्टअप को परखकर राज्य के लिए चयनित कर रहे हैं। यह भी पढ़ें: आइआइएफटी प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन शुरू, 25 अक्टूबर तक मौका
युवाओं को मंच प्रदान करने को सरकार गंभीर उद्योग विभाग के उपनिदेशक राजेंद्र कुमार के मुताबिक, प्रदेश के युवाओं के इनोवेटिव आइडिया को मंच प्रदान करने व सही दिशा देने के लिए सरकार गंभीर है। नवाचारी विचारों को पुरस्कृत करने के लिए उत्तराखंड स्टार्टअप यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें दस टॉप आइडिया के हर विजेता को प्रदेश सरकार की ओर से 50-50 हजार रुपये बतौर पुरस्कार मिलेंगे। प्रतियोगिता जिला स्तर से शुरू होकर राज्य स्तर पर संपन्न होगी।
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