Move to Jagran APP

Uttarakhand News: सरकार का केंद्र को पत्र; इनर लाइन से अलग करें प्रदेश के ये गांव, बिना परमिट नहीं होती एंट्री

Uttarakhand News इनर लाइन के भीतर बिना परमिट किसी को प्रवेश नहीं करने दिया जाता। विशेषकर विदेशी पर्यटकों को यहां आने की अनुमति नहीं होती। केवल विशेष परिस्थिति में ही इन पर्यटकों को उनके दूतावास के पत्र के आधार पर ही सीमित क्षेत्रों के लिए यह परमिट दिया जाता है। केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम में उत्तराखंड के 51 गांव शामिल किए गए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Mon, 24 Jul 2023 07:00 AM (IST)
Hero Image
Uttarakhand News: सरकार का केंद्र को पत्र; इनर लाइन से अलग करें प्रदेश के ये गांव
राज्य ब्यूरो, देहरादून। वाइब्रेंट विलेज योजना के अंतर्गत शामिल उत्तराखंड के चार सीमावर्ती गांवों को इनर लाइन से बाहर करने के लिए केंद्र को दस्तक दी है। इन चार गांवों में पिथौरागढ़ के सेलाखेत व गुंजी और चमोली के नीति व मलारी शामिल हैं।

इनर लाइन में आने के कारण अभी पर्यटक बिना परमिट इन गांवों में नहीं आ सकते। प्रदेश में अभी 51 गांव वाइब्रेंट विलेज योजना में चिह्नित किए गए हैं। वाइब्रेंट विलेज योजना के अंतर्गत इन गांवों में मूलभूत सुविधाओं के साथ ही विकास योजनाओं पर भी कार्य किया जाना है।

केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम में उत्तराखंड के 51 गांव शामिल किए गए हैं। उद्देश्य इन गांवों में पर्यटन व संस्कृति के साथ ही आजीविका पर केंद्रित योजनाओं को बढ़ावा देना है।

ये सभी गांव सीमावर्ती गांव हैं। इनमें से कुछ गांव इनर लाइन के भीतर हैं। दरअसल, उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जिलों में भारत-चीन की अंतरराष्ट्रीय सीमाएं मिलती हैं। इन सीमाओं से एक निश्चित दूरी पर केंद्र सरकार ने इनर लाइन तय की है।

इस इनर लाइन के भीतर बिना परमिट किसी को प्रवेश नहीं करने दिया जाता। विशेषकर विदेशी पर्यटकों को यहां आने की अनुमति नहीं होती। केवल विशेष परिस्थिति में ही इन पर्यटकों को उनके दूतावास के पत्र के आधार पर ही सीमित क्षेत्रों के लिए यह परमिट दिया जाता है।

पूर्व में प्रदेश सरकार ने कई सीमांत क्षेत्रों को पर्यटन के दृष्टिगत इनर लाइन से बाहर करने के लिए केंद्र को पत्र लिखा था। इस पर केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार से कहा कि पहले इस संबंध में सर्वे आफ इंडिया व आइटीबीपी से वार्ता करते हुए इसका विस्तृत सर्वे करा लें। यह कवायद अभी जारी है।

इस बीच केंद्र सरकार ने वाइब्रेंट विलेज योजना शुरू की है। इस योजना के दायरे में आने वाले चार गांव इनर लाइन के भीतर आ रहे हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र से इन गांवों को इनर लाइन से बाहर करने का अनुरोध किया जा रहा है।

क्या होती है इनर लाइन

अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक स्थित वह क्षेत्र, जो सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है, उसे इनर लाइन घोषित किया जाता है। ऐसे क्षेत्रों में जाने के लिए सभी व्यक्तियों को इनर लाइन परमिट लेना पड़ता है। इनमें उस जिले में रहने वाले व्यक्ति भी शामिल हैं। इस परमिट पर भी वे तय सीमा तक ही इनर लाइन क्षेत्र में घूम सकते हैं, रात्रि विश्राम नहीं कर सकते।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।