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उत्तराखंड में कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन, हड़ताल पर होगा पुनर्विचार

आवास भत्ता बढ़ाने समेत दस सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलित राज्य कर्मचारियों को अभी तक वेतन नहीं मिल पाया है। इससे नाराज कर्मचारी फिर से हड़ताल पर पुनर्विचार कर सकते हैं।

By Edited By: Updated: Wed, 06 Feb 2019 08:52 PM (IST)
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उत्तराखंड में कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन, हड़ताल पर होगा पुनर्विचार
देहरादून, राज्य ब्यूरो। आवास भत्ता बढ़ाने समेत दस सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलित राज्य कर्मचारियों को अभी तक वेतन नहीं मिल पाया है। इससे प्रदेश भर के कर्मचारियों में रोष है। आंदोलन की कमान संभालने वाली उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति के संयोजक मंडल ने आपात बैठक बुलाई है, जिसमें मौजूदा स्थिति पर मंथन करने के साथ ही स्थगित की गई प्रदेश व्यापी महारैली पर पुनर्विचार किया जाएगा। 

वहीं, देर शाम अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने समन्वय समिति के पदाधिकारियों से वार्ता कर जल्द वेतन जारी करने की बात कही है। प्रदेश भर के राज्य कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन के तहत 31 जनवरी को एक दिवसीय सामूहिक अवकाश लिया था। इसमें सचिवालय समेत तमाम विभागों के कर्मचारियों ने शासन द्वारा जारी नो वर्क नो पे को सख्ती से लागू किए जाने के आदेश के बावजूद सामूहिक अवकाश लिया था। ऐसे सभी कर्मचारियों का प्रदेश भर में रिकार्ड जुटाया जा रहा है। 

शासन के आदेशों के अनुपालन में कोषागारों ने विभागों का वेतन रोक दिया। दरअसल, विभागों द्वारा हर माह की 25 अथवा 26 तारीख तक कोषागार को वेतन बनाकर भेज दिया जाता है। इसके आधार पर कोषागार द्वारा सभी का वेतन जारी कर दिया जाता है। 

इस बार हड़ताल 31 तारीख को थी और विभागों द्वारा पहले ही वेतन बनाकर कोषागारों को भेज दिया गया था। अब क्योंकि शासन के आदेशों के क्रम में अनुपस्थिति कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटा जाना था, इस कारण नए सिरे से वेतन बनाने की जरूरत महसूस हुई। 

इसके लिए कर्मचारियों की हाजिरी नए सिरे से देखी जानी है। इस कारण अभी तक वेतन जारी नहीं हो पाया है। हालांकि, वेतन को लेकर कर्मचारी-अधिकारी-शिक्षक समन्वय समिति के संयोजक मंडल में शामिल राकेश जोशी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सचिव वित्त अमित नेगी से मुलाकात की और वेतन जारी न होने पर आपत्ति जताई। 

वहीं, समन्वय समिति के संयोजक दीपक जोशी ने कहा कि 31 जनवरी के सामूहिक अवकाश के मामले में कर्मचारियों के उत्पीड़न को लेकर संयोजक मंडल की बैठक बुलाई गई है। इसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।

फिलहाल निकाला जा रहा रास्ता 

सूत्रों की मानें तो अभी शासन ने इसके लिए एक रास्ता निकाला है। इसके लिए एक पत्रावली तैयार की गई है जिसमें 31 जनवरी के उपस्थिति व अनुपस्थित कर्मचारियों की पूरी जानकारी एकत्रित होने तक सभी को पूरे माह का वेतन दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। सामूहिक अवकाश की पूरी जानकारी मिलने के बाद अगले माह के वेतन से काटे जाने पर विचार किया जाएगा। 

कैबिनेट में भी आ सकता है मसला 

सूत्रों की मानें तो कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश के संबंध में कैबिनेट में भी चर्चा हो सकती है, जिसमें सामूहिक अवकाश को कर्मचारियों के उपार्जित अवकाश के रूप में समायोजित करने के संबंध में चर्चा संभावित है।

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