दो से अधिक संतान वालों को चुनाव लड़ने की अनुमति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार
हाईकोर्ट के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में दो से अधिक बच्चों वाले प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने की अनुमति के संबंध में दिए गए निर्णय को प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।
By Edited By: Updated: Fri, 20 Sep 2019 07:51 AM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। नैनीताल हाईकोर्ट के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में दो से अधिक बच्चों वाले प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने की अनुमति के संबंध में दिए गए निर्णय को प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि सरकार हाईकोर्ट के निर्देश मिलने का इंतजार कर रही है। न्याय विभाग से परामर्श लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी जाएगी। प्रदेश सरकार ने इस वर्ष पंचायती राज अधिनियम में संशोधन करते हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में प्रत्याशियों की योग्यता के लिए मानक तय किए थे। इसमें दो से अधिक बच्चों के होने पर प्रत्याशी को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया गया था। इसके अलावा इसमें प्रत्याशियों की पद के हिसाब से शैक्षिक योग्यता भी तय की गई। हालांकि, सरकार को पार्टी के भीतर भी इस मसले पर सहमति बनाने में खासा वक्त लगा।
संशोधित अधिनियम के बाद विपक्ष कांग्रेस समेत अन्य लोगों ने इसका विरोध किया और इसके कई बिंदुओं पर सवाल उठाते हुए इसमें संशोधन की मांग की। सरकार द्वारा कोई कदम न उठाने पर कई लोगों ने हाईकोर्ट की शरण ली। अब हाईकोर्ट ने संशोधित अधिनियम के प्रावधानों को 25 जुलाई 2019 के बाद से लागू मानने की बात कही है। इससे दो से अधिक बच्चों वालों के लिए चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट का निर्णय मिलते ही शासन में हलचल शुरू हो गई थी। पंचायत राज मंत्री अरविंद पांडेय ने आला अधिकारियों के साथ इस विषय पर मंथन किया। मुख्यमंत्री कार्यालय को भी इसका अपडेट दिया गया। देर शाम तक सरकार ने हाईकोर्ट के इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का मन बना लिया। पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडेय का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश की जानकारी मिली है लेकिन अभी आदेश नहीं मिला है। कोर्ट के निर्णय का पूरा अनुपालन किया जाएगा। हालांकि, आदेश की प्रति मिलने के बाद इस मसले पर न्याय विभाग से परामर्श लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट की शरण ली जाएगी।
पंचायत चुनाव: सरकार के पास केवल पांच दिन
त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट जा रही है। इस बीच नामांकन को लेकर असमंजस की स्थिति भी बनी हुई है। हालांकि, आयोग ने साफ किया है कि नामांकन कोई भी कर सकता है। नामांकन पत्रों की जांच के बाद जो व्यक्ति निर्धारित मानकों को पूरा करेगा, उसके नामांकन पत्र ही स्वीकृत किए जाएंगे। इन सबके बीच सरकार के पास अब इस स्थिति से निपटने के लिए केवल पांच दिन का समय है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेश करने से लेकर इस पर सुनवाई तक होनी चाहिए। प्रदेश में हरिद्वार को छोड़कर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया नामांकन के साथ ही शुक्रवार से शुरू हो जाएगी। यह प्रक्रिया शनिवार, सोमवार और मंगलवार यानी 24 सितंबर तक चलेगी। इसके बाद नामांकन पत्रों की जांच शुरू होगी।
यह भी पढ़ें: हाईकोर्ट का अहम फैसला, दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवार भी लड़ सकेंगे पंचायत चुनाव
हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार गत 25 जुलाई से पहले दो से ज्यादा बच्चों बच्चों के माता-पिता भी चुनाव लड़ सकते हैं। अब इस निर्णय को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट में जा रही है। जब तक सरकार सुप्रीम कोर्ट से कोई आदेश लेकर नहीं आती तब तक हाईकोर्ट का निर्णय ही मान्य होगा। इस कारण यदि सरकार अपने संशोधित एक्ट के अनुसार ही चुनाव कराना चाहती है तो उसके पास इसके लिए केवल पांच ही दिन हैं। यही कारण भी है कि चुनाव आयोग ने यह साफ किया है कि नामांकन कोई भी कर सकता है। जिस दिन नामांकन पत्रों की जाचं होगी उस दिन जो भी निर्णय प्रभावी होगा, आयोग उसी के अनुसार नामांकन पत्रों को स्वीकार अथवा अस्वीकार करेगा।
यह भी पढ़ें: हाईकोर्ट ने पंचायतों की आरक्षण निर्धारण प्रक्रिया को सही ठहराया HIGHCOURT NEWS
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।