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GST चोरी : देश में पहली सजा उत्‍तराखंड में, फर्म संचालक को पांच साल जेल, एक लाख जुर्माना

GST Evasion आयुक्त राज्य कर डा. अहमद इकबाल के अनुसार यह जीएसटी चोरी में देश में पहली सजा है। हरिद्वार के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट(सीजेएम) मुकेश चंद्र आर्य की अदालत ने आठ माह में ट्रायल पूरा कर जीएसटी चोरी के दोषी को सजा सुनाई है।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sun, 18 Dec 2022 08:58 PM (IST)
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GST Evasion : फर्म संचालक को पांच साल कठोर कारावास और एक लाख रुपये जुर्माना
जागरण संवाददाता, देहरादून : First conviction in GST evasion : कर चोरी पर अंकुश लगाने और कर संग्रह बढ़ाने की दिशा में राज्य कर विभाग के प्रयास रंग लाते दिख रहे हैं। राज्य कर विभाग के अधिकारियों के अथक प्रयास से 17.01 करोड़ रुपये के फर्जी आइटीसी क्लेम के मामले में गिरफ्तार किए गए फर्म संचालक को पांच साल कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है।

आठ माह में ट्रायल पूरा कर जीएसटी चोरी के दोषी को सजा सुनाई

इस मामले में राज्य कर विभाग से लेकर पैरवी करने वाले अधिवक्ता और कोर्ट तक हर स्तर पर तेजी दिखाई दी। हरिद्वार के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट(सीजेएम) मुकेश चंद्र आर्य की अदालत ने आठ माह में ट्रायल पूरा कर जीएसटी चोरी के दोषी को सजा सुनाई है। आयुक्त राज्य कर डा. अहमद इकबाल के अनुसार यह जीएसटी चोरी में देश में पहली सजा है।

आयुक्त राज्य कर डा. अहमद इकबाल के निर्देश पर करीब आठ माह पहले विभाग की केंद्रीयकृत इकाई (सीआइयू) ने फर्जी आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) क्लेम के मामले में मैनपावर आपूर्तिकर्त्ता फर्म पीएस इंटरप्राइजेज समेत छह फर्मों पर छापेमारी की थी। जांच में पता चला कि पीएस इंटरप्राइजेज के संचालक सुरेंद्र सिंह ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश व हरियाणा की फर्मों से आयरन ओर व प्लाइवुड की फर्जी खरीद की है।

यह खरीद उन्होंने अपनी पांच अन्य फर्मों के माध्यम से की। जांच में यह भी पता चला कि जिन फर्मों से फर्जी खरीद दिखाई गई है, वह अस्तित्व में ही नहीं हैं। गंभीर यह कि फर्जी खरीद पर फर्म संचालक सुरेंद्र सिंह ने विभाग से 17.01 करोड़ रुपये का क्लेम भी प्राप्त कर लिया। इस मामले में जीएसटी टीम ने पांच अप्रैल 2022 को सुरेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया था।

प्रकरण में अधिकारियों से लेकर अधिवक्ता लक्ष्य सिंह ने मजबूत पैरवी की। जिसके बूते आठ माह में ट्रायल पूरा कर लिया गया और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरिद्वार मुकेश चंद्र आर्य ने दोषी को पांच साल की कठोर कारावास की सजा सुना दी। साथ ही सुरेंद्र सिंह पर एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया। अर्थदंड अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।

इन फर्मों से हड़पा आइटीसी

एसएसएस इंटरप्राइजेज, पीएस इंटरप्राइजेज, पीएसडी पैकेजिंग सर्विस, दीपक इंटरप्राइजेज, एसएसएस इंटरप्राइजेज, सुरीत मेटल्स।

फर्जी आइटीसी क्लेम को रोकने के लिए राज्य कर विभाग की मशीनरी गंभीरता से काम कर रही है। जिसके परिणाम अब सामने आने लगे हैं। जीएसटी चोरी में देश मे सजा का यह पहला मामला कर चोरी करने वालों को हतोत्साहित करेगा।

-प्रेमचंद अग्रवाल, वित्त मंत्री (उत्तराखंड)

जीएसटी चोरी में सजा की राह उत्तराखंड से खुली है। प्रकरण को अंजाम तक पहुंचाने के लिए पूरी टीम ने अथक प्रयास किए। इससे अधिकारियों का मनोबल ऊंचा रहेगा और कर चोरी करने वालों के हौसले पस्त होंगे।

-डा. अहमद इकबाल, आयुक्त राज्य कर (उत्तराखंड)

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