क्या होता है गुरिल्ला युद्ध? इसके जरिए भारत ने चीन को चटाई थी धूल; महाराणा प्रताप और वीर शिवाजी थे इसमें महारथी
Guerrilla War यह छापामारी युद्ध पद्धति है जो इस विधा में निपुण होता है उन्हें गुरिल्ला कहा जाता है। वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद 1963 में भारत सरकार ने केंद्रीय कैबिनेट के अधीन एसएसबी का गठन किया। गुरिल्ला युद्ध के लिए हिमाचल के सराहन और उत्तराखंड के ग्वालदम में प्रशिक्षण केंद्र बनाया गया। युवतियों को उत्तराखंड के पौड़ी में प्रशिक्षण दिया जाता था।
ऑनलाइन डेस्क, देहरादून। Guerrilla War: महाराणा प्रताप व छत्रपति शिवाजी गुरिल्ला युद्ध के महारथी थे। दरअसल यह छापामारी युद्ध पद्धति है, जो इस विधा में निपुण होता है उन्हें गुरिल्ला कहा जाता है। भारत-चीन युद्ध के बाद वर्ष 1963 में भारत में गुरिल्ला प्रशिक्षण देना शुरू किया गया।
कौन होते हैं गुरिल्ला?
- वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद 1963 में भारत सरकार ने केंद्रीय कैबिनेट के अधीन एसएसबी का गठन किया।
- हिमाचल, अरुणाचल, उत्तराखंड व कश्मीर के साथ ही देश के पूर्वोत्तर राज्यों में इसकी तैनाती की गई।
- एसएसबी युवाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देती थी।
- फिर इनमें से चुने हुए लोगों को 45 दिन की कठिन छापामारी युद्ध पद्धति का प्रशिक्षण दिया जाता था।
- गुरिल्ला युद्ध के लिए हिमाचल के सराहन और उत्तराखंड के ग्वालदम में प्रशिक्षण केंद्र बनाया गया।
- युवतियों को उत्तराखंड के पौड़ी में प्रशिक्षण दिया जाता था।
- एक निश्चित मानदेय पर इन्हें एसएसबी के हमराही वॉलेंटियर के रूप में तैनात किया जाता था।
- वर्ष 2001 में भारत सरकार ने एसएसबी को सशस्त्र बल में शामिल का उसका नाम सशस्त्र सीमा बल कर दिया और गुरिल्लों की भूमिका समाप्त हो गई।
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क्या होता है गुरिल्ला युद्ध?
- गुरिल्ला स्पेनिश भाषा का शब्द है। जिसका अर्थ होता है छोटी लड़ाई।
- गुरिल्ला को आम भाषा में छापामार युद्ध बोला जाता है।
- छोटी सैन्य टुकड़ियां शत्रुसेना पर पीछे से आक्रमण कर उन्हें भारी नुकसान पहुंचाती हैं।
- गुरिल्ला सैनिकों का सिद्धांत 'मारो और भाग जाओ' होता है।
- ये अचानक आक्रमण कर गायब हो जाते हैं।
- इनके पास बहुत कम सामान होता हैं, जिससे हमला करने के बाद ये तेजी गायब हो जाते हैं।
- इस युद्ध से दुश्मन सेना पर मानसिक दबाव बढ़ाया जाता था। दुश्मनों को मिलने वाली रसद, गोला बारूद व मेडिकल सहायता रोक दी जाती थी।
भारत में कब हुई गुरिल्ला युद्ध की शुरुआत?
- सबसे पहले पहले महाराणा प्रताप ने अकबर के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध किया था।
- इसके बाद छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध किया।
- गुरिल्ला युद्ध से मराठों ने मुगल सेना की नाक में दम कर दिया था।
विश्व में कब हुई गुरिल्ला युद्ध की शुरुआत?
दुनिया में सबसे पहले इसका प्रयोग छठीं शताब्दी ईसा पूर्व चीनी जनरल ने किया था। उन्होंने अपनी किताब द आर्ट ऑफ वॉर में इसका जिक्र भी किया है।यह भी पढ़ें- दुनिया की इकलौती वीरांगना जिसने लड़े सात युद्ध, कहलाई 'उत्तराखंड की रानी लक्ष्मीबाई'
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