उत्तराखंड में अतिथि शिक्षकों का मसला लटका, पढ़ाई प्रभावित
उत्तराखंड में एलटी व प्रवक्ता के सैकड़ों पद रिक्त होने से सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को परेशानी से जूझना पड़ रहा है।
By Edited By: Updated: Tue, 15 Oct 2019 10:53 AM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में एलटी व प्रवक्ता के सैकड़ों पद रिक्त होने से सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को परेशानी से जूझना पड़ रहा है। सरकार न तो अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कर पाई और न ही वैकल्पिक व्यवस्था को अंजाम दे सकी है।
राज्य सरकार को उम्मीद है कि राज जन्म भूमि को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई खत्म होने के बाद अगले हफ्ते मुख्य न्यायाधीश की बैंच अतिथि शिक्षकों के बारे में फैसला देगी। उक्त मामले को सुप्रीम कोर्ट की अन्य बैंच को स्थानांतरित करने की कोशिश से सरकार ने हाथ पीछे खींच लिए हैं। अतिथि शिक्षकों का मसला सरकार के गले की फांस तो बना ही है, इस मामले में फैसला नहीं होने से एलटी और प्रवक्ता के चार हजार से ज्यादा पद खाली होने से सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों को भी पढ़ाई में दिक्कत के रूप में नुकसान उठाना पड़ रहा है। बीते वर्ष से उलझा यह मसला अब तक अंजाम तक नहीं पहुंच सका। इसके लिए विभाग के स्तर पर कमजोर पैरवी को भी बड़ी वजह माना जा रहा है। अतिथि शिक्षकों की तैनाती में अड़ंगा लगने की वजह से सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर वॉक इन इंटरव्यू से अस्थायी शिक्षकों की नियुक्ति पर विचार किया, लेकिन इस पर अंतिम रूप से सहमति नहीं बन पाई। मौजूदा शैक्षिक सत्र आधे से ज्यादा गुजर चुका है, लेकिन विद्यालयों को शिक्षक नसीब नहीं हो सके हैं।
पदोन्नति में अड़ंगा लगने से राज्य लोक सेवा आयोग से पदोन्नत हुए 1949 प्रवक्ताओं को अब तक तैनाती नहीं मिल पाई है। वहीं राज्य लोक सेवा आयोग से नवनियुक्त प्रवक्ताओं की तैनाती पर भी अड़ंगा लगा हुआ है। दरअसल, अतिथि शिक्षकों का मामला सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की बैंच में लंबित है। मुख्य सचिव की पीठ राम मंदिर मसले की हर हफ्ते लगातार सुनवाई कर रही है। इस वजह से उक्त मसला टल गया है। अब राम मंदिर मसले की सुनवाई अगले हफ्ते तक पूरी होने की संभावना है। इसके बाद अतिथि शिक्षकों पर निर्णय हो सकता है।
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सरकार ने पहले अतिथि शिक्षकों का मसला सुप्रीम कोर्ट की अन्य बैंच को स्थानांतरित करने पर विचार किया था, लेकिन अब इसे छोड़ा गया है। दरअसल मुख्य न्यायाधीश की बैंच से मसला नई बैंच को दिए जाने की स्थिति में दोबारा से मामले को सुना जाएगा। इसमें फिर वक्त लगना तय है। वहीं मुख्य सचिव की बैंच मामले की सुनवाई तकरीबन पूरी कर चुकी है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि अतिथि शिक्षकों के संबंध में इस माह तक फैसला होने की उम्मीद बढ़ गई है।
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