सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दी 400वें प्रकाश पर्व की बधाई, कहा- वीरता और साहस के प्रतीक थे गुरु तेग बहादुर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ने कहा कि गुरु तेग बहादुर वीरता और साहस के प्रतीक थे। मानवता और धर्म की रक्षा के लिए उन्होंने बलिदान दिया था। उन्होंने सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर साहेब जी के 400 वें प्रकाश पर्व के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई दी।
By Nirmala BohraEdited By: Updated: Thu, 21 Apr 2022 12:37 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून : Guru Tegh Bahadur Prakash Parv : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर साहेब जी के 400 वें प्रकाश पर्व के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु तेग बहादुर वीरता और साहस के प्रतीक थे। मानवता और धर्म की रक्षा के लिए उन्होंने बलिदान दिया था।उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर के त्याग को देश कभी नहीं भुला पाएगा। उन्हें हिंद दी चादर कहा जाता है। उन्होंने धार्मिक, सांस्कृतिक, वैचारिक स्वतंत्रता के साथ निर्भयता से जीवन जीने का मंत्र भी दिया था।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में सिख समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को गुरु तेग बहादुर साहेब का चित्र भेंट किया।इस मौके पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक मदन कौशिक, महामंत्री संगठन अजेय कुमार, विधायक खजानदास, मेयर सुनील उनियाल गामा, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल गोयल, उत्तराखंड सिख विकास परिषद् के अध्यक्ष बलजीत सिंह सोनी, गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष गुरुबख्श सिंह, रेसकोर्स गुरुद्वारा के अध्यक्ष बलवीर सिंह, नानकसर गुरुद्वारा के अध्यक्ष सतनाम सिंह, पटेल नगर गुरुद्वारा के अध्यक्ष महेंद्र सिंह, गुलजार सिंह, राकेश चुघ, गुरुप्रीत जोली, रविंद्र आनंद, मनप्रीत, सुरेंद्र व अन्य गुरुद्वारों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
- Pushkar Singh Dhami (@pushkarsinghdhami) 21 Apr 2022
गुरु तेग बहादुर का संदेश आज भी प्रासंगिक: गुरमीत सिंहगुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व पर गुरुवार को राजभवन में सालोक नौवन मोहल्ला का पाठ किया गया। इसमें राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) सहित देवभूमि के सिख समुदाय ने भाग लिया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हिंद की चादर नाम से प्रसिद्ध गुरु तेग बहादुर ने मानवता के लिए उच्च बलिदान दिया था। उन्होंने सेवा, परोपकार और मानवता का जो संदेश सदियों पहले दिया, वह आज भी प्रासंगिक है। इस दौरान राजभवन में आए सिख समुदाय के प्रतिनिधियों से उन्होंने मुलाकात भी की।