Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Uttarakhand: अटाल के पास हुए दर्दनाक हादसे ने हरे कर दिए लोगों के पुराने जख्म, अगर बने होते पैराफिट तो बच जाती छह जिंदगियां

Uttarakhand Road Accident पहाड़ के सीमांत इलाकों में हाईवे से लेकर अन्य मार्गों की हालात बेहद खराब है। जौनसार बावर में सड़क दुर्घटना के कई बड़े मामले सामने के बाद भी शासन-प्रशासन ने इसकी रोकथाम को कोई कारगर कदम नहीं उठाए। बुधवार को हाईवे पर अटाल के पास हुए दर्दनाक हादसे ने लोगों के पुराने जख्म फिर से हरे कर दिए।

By chandram rajguru Edited By: riya.pandey Updated: Wed, 28 Feb 2024 10:18 PM (IST)
Hero Image
अगर बने होते पैराफिट तो बच जाती छह जिंदगियां

चंदराम राजगुरु, त्यूणी। Uttarakhand Road Accident: जेपीआरआर हाईवे कहने को तो राष्ट्रीय राजमार्ग है, लेकिन सड़क की खराब हालत संपर्क मार्ग से भी बुरी है। उत्तराखंड के सीमा क्षेत्र में अटाल के पास फेडिज पुल से लेकर त्यूणी-आराकोट व सनेल तक 40 किमी लंबे इस मार्ग के डेंजर जोन में सड़क सुरक्षा मानकों के हिसाब से हाईवे पर कोई पैराफिट और क्रैश बैरियर नहीं है। जिससे यहां हर वक्त सड़क हादसे का खतरा बना रहता है।

बुधवार को हाईवे पर अटाल के पास जिस जगह कार दुर्घटनाग्रस्त हुई, अगर वहां सड़क किनारे पैराफिट बने होते तो शायद छह जिंदगी बच जाती। बेहद संकरे मार्ग पर रोजाना सैकड़ों जिंदगी जान हथेली पर लेकर सफर करने को मजबूर है। सरकार व तंत्र की उदासीनता लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ रही है। नतीजतन लोग सड़क हादसे में अपनी जान इसी तरह गंवा रहे हैं।

पहाड़ के सीमांत इलाकों में हाईवे से लेकर अन्य मार्गों की हालात बेहद खराब है। बदहाल मार्ग पर सफर करना लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन गया। जौनसार बावर में सड़क दुर्घटना के कई बड़े मामले सामने के बाद भी शासन-प्रशासन ने इसकी रोकथाम को कोई कारगर कदम नहीं उठाए। जिससे क्षेत्र के लोग निराश व बेहाल है। बुधवार को हाईवे पर अटाल के पास हुए दर्दनाक हादसे ने लोगों के पुराने जख्म फिर से हरे कर दिए।

उत्तराखंड की सीमा में सड़क बदहाली से परेशान हैं लोग

उत्तराखंड और हिमाचल के सीमावर्ती ग्रामीण इलाकों को यातायात सुविधा से जोड़ने वाले जेपीआरआर हाईवे का 40 किलोमीटर हिस्सा देहरादून व उत्तरकाशी के सीमा क्षेत्र में पड़ता है। इससे आगे हाईवे हिमाचल के सीमा क्षेत्र में है। हिमाचल की सीमा में सड़क की स्थिति काफी अच्छी है। जबकि उत्तराखंड की सीमा में सड़क की बदहाली देख लोग हैरान व परेशान है।

बार्डर क्षेत्र में अटाल के फेडिज पुल से लेकर त्यूणी व आराकोट-सनेल तक वन-वे वाले हाईवे पर कई जगह ब्लैक सपाट और डेंजर जोन है। बेहद संकरे मार्ग पर डेंजर जोन वाले हिस्से में रोड सेफ्टी मानकों के तहत हाईवे पर सड़क किनारे कोई पैराफिट व क्रैश बैरियर नहीं होने से हादसे का खतरा सबसे ज्यादा है।

पैराफिट न होने से हुआ हादसा

बुधवार को सीमावर्ती पंद्राणू-त्यूणी क्षेत्र से देवता के दर्शन के लिए अल्टो कार में सवार होकर दसऊ मंदिर जा रहे श्रमिक परिवार के लोगों को क्या मालूम था कि यह सफर उनकी जिंदगी का आखिरी सफर होगा। हाईवे पर संकरे मार्ग की वजह से सड़क सुरक्षा को डेंजर जोन वाले हिस्से में पैराफिट नहीं होने से कार अनियंत्रित होकर खाई में कई पलटे खाने के बाद सीधे टोंस नदी में चली गई।

बताया जा रहा है कि सड़क पर गिरे पत्थर से वाहन को बचाने के चक्कर में कार चालक नियंत्रण खो बैठा। जिससे कार सड़क से नीचे खाई में पलट गई। इस दर्दनाक हादसे में श्रमिक परिवार के दो सगे भाई व मां-बेटा समेत छह जिंदगी अकाल मौत के मुंह में समा गई। दुर्घटनाग्रस्त कार में सवार श्रमिक परिवार के सात लोगों में से सिर्फ एक सदस्य की जान किसी तरह बच गई। हमेशा की तरह पुलिस-प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी सड़क हादसे के कारणों की जांच पड़ताल करने का राग अलाप रहे है।

पहाड़ में सड़क दुर्घटना की रोकथाम के लिए किसी के पास कोई ठोस जवाब नहीं है। सड़क सुरक्षा मानकों की अनदेखी और मार्ग की बदहाली के चलते लोग इसी तरह अपनी जान गंवा रहे हैं। बेपरवाह सिस्टम लोगों की मौत का तमाशा देख रहा है। सड़क दुर्घटना का शिकार हुए श्रमिक परिवार के मृतकों की आयु 6 वर्ष से लेकर 30 वर्ष के बीच बताई जा रही है। युवावस्था में छह जिंदगी का दुनिया से चले जाने का गम सभी के लिए दुखदाई एवं चिंताजनक है।

हमेशा की तरह सबसे आगे रेस्क्यू को पहुंचे स्थानीय लोग

बुधवार को जेपीआरआर हाईवे पर अटाल के पास अल्टो कार के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिलते ही देवघार खत से जुड़े अटाल, हेडसू व अणू पंचायत के लोग राहत एवं बचाव कार्य के लिए तुरंत मौके पर पहुंचे। स्थानीय ग्रामीणों ने हमेशा की तरह इस बार भी पुलिस-प्रशासन व एसडीआरएफ टीम के पहुंचने से पहले स्वयं के संसाधनों से पहाड़ के तेज ढलान वाली विकट खाई में नीचे उतरकर रेस्क्यू में सहयोग किया।

घटना के कुछ देर बाद थाना पुलिस, तहसील प्रशासन व एसडीआरएफ की टीम के मौके पर आने से स्थानीय ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से रेस्क्यू कर सड़क हादसे में घायल एक व्यक्ति और दुर्घटना के शिकार हुए छह लोगों के शवों को 400 मीटर नीचे खाई से किसी तरह सड़क तक पहुंचाने में बड़ी मदद की। घटना के वक्त क्षेत्र के लोगों का सहयोग इसी तरह हमेशा देखने को मिलता है।

चार जनपदों को जोड़ने वाला हाईवे बदहाल

जगाधरी-पांवटा-राजवन-रोहडू राष्ट्रीय राजमार्ग (जेपीआरआर) हाईवे सिंगल लेन वन-वे होने की वजह से काफी संकरा है। हिमाचल की सीमा क्षेत्र में फेडिज पुल से लेकर मीनस तक और सनेल से आगे शिमला तक सड़क डबल लेन है। जबकि उत्तराखंड के सीमा क्षेत्र में अटाल के फेडिज पुल से लेकर त्यूणी व आराकोट-सनेल तक 40 किमी लंबे हाईवे पर सड़क की हालत बहुत खराब है।

सिंगल लेन हाईवे की स्थिति संपर्क मार्ग से भी बदहाल है। हाईवे की देखरेख का जिम्मा संभाले लोनिवि एनएच खंड डोईवाला-देहरादून ने सरकारी बजट को खपाने के लिए कुछ समय पहले सड़क किनारे लाखों की लागत से डेलीनेटर लगाए थे।

अणू पंचायत के प्रधान राजाराम शर्मा, अटाल निवासी सामाजिक कार्यकर्ता दुलाराम शर्मा व बलवीर चौहान आदि ने कहा इससे तो अच्छा होता कि एनएच विभाग द्वारा डेलीनेटर की जगह डेंजर जोन वाले हिस्से में हादसे की रोकथाम को सड़क किनारे पैराफिट का निर्माण करता। जिससे लोगों की जिंदगी दुर्घटना होने से शायद बच जाती।

बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले जेपीआरआर हाईवे देहरादून, उत्तरकाशी, सिरमौर व शिमला जनपद के सीमावर्ती ग्रामीण इलाकों को जोड़ता है। इस मार्ग पर प्रतिदिन सैकड़ों वाहन चलते हैं। पूर्व में भी यहां कई बार सड़क दुर्घटना होने से लोगों की जानें चली गई। बावजूद इसके एनएच विभाग ने घटना से कोई सबक नहीं लिया।

क्या कहते हैं अधिकारी

हाईवे की देखरेख का जिम्मा संभाले एनएच खंड डोईवाला-देहरादून के अधिशासी अभियंता प्रवीन कुमार ने कहा सिंगल लेन की वजह से संकरे मार्ग पर फेडिज से लेकर सनेल तक 40 किमी लंबे हिस्से में सड़क किनारे डेंजर जोन वाले स्थान पर पैराफिट निर्माण को टेंडर प्रक्रिया वर्तमान में गतिमान है।

इसके अलावा हाईवे के चौड़ीकरण एवं सुधारीकरण के लिए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के दिशा निर्देशन में डबल लेन बनाने को डीपीआर बनाई जा रही है। सड़क निर्माण को डीपीआर का कार्य अंतिम चरण में है। हाईवे पर डेंजर जोन वाले हिस्से में जल्द ही पैराफिट का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

यह भी पढ़ें-

Uttarakhand Road Accident: उत्तराखंड में बड़ा हादसा, गहरी खाई में गिरी कार; छह लोगों की दर्दनाक मौत

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर