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Electricity Tariff Hike: उत्तराखंड में बिजली उपभाेक्ताओं के काम की खबर, जल्द बढ़ सकते हैं टैरिफ

Electricity Tariff Hike Update News उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं के लिए बुरी खबर है। उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) ने 304 मेगावाट मनेरीभाली-दो परियोजना में निवेशित पूंजी पर रिटर्न के लिए टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव का उपभोक्ताओं ने कड़ा विरोध किया है। उपभोक्ताओं ने विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण के निर्णय पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है।

By Vijay joshi Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 02 Oct 2024 08:17 AM (IST)
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उत्तराखंड में बिजली बिल बढ़ने के आसार हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड के 304 मेगावाट मनेरीभाली-दो परियोजना में निवेशित पूंजी पर रिटर्न के लिए टैरिफ में वृद्धि के प्रस्ताव का उपभोक्ताओं ने कड़ा विरोध किया है। उपभोक्ताओं ने विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण के निर्णय पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है।

जबकि, नियामक आयोग अभी जनसुनवाई में सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधिकरण के निर्णय का अध्ययन कर रहा है। यह निर्णय लागू किए जाने पर विद्युत टैरिफ में 30 से 35 पैसे तक की वृद्धि की जा सकती है।

उपभाेक्ताओं के समक्ष रखा पक्ष

मंगलवार को यूजेवीएनएल के प्रस्ताव पर विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण के निर्णय पर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में जनसुनवाई की गई। जिसमें ऊर्जा के तीनों निगमों ने उपभोक्ताओं के समक्ष अपना पक्ष रखा। इस दौरान उपभोक्ताओं ने पूंजी निवेश के रिटर्न के नाम पर उपभोक्ताओं के टैरिफ में वृद्धि करने को गलत बताते हुए कड़ा विरोध किया।

रिटर्न देने का अनुरोध किया था

यूजेवीएनएल के अधिकारियों ने बताया कि 304 मेगावाट मनेरी भाली-द्वितीय परियोजना मार्च-2008 में उत्तरकाशी जिले में शुरू की गई थी। परियोजना की कुल लागत 1958.13 करोड़ थी, जिसमें 596.83 करोड़ की इक्विटी भी निवेशित की गई थी। कुल इक्विटी में 341.39 करोड़ की इक्विटी उत्तराखंड सरकार की ओर से निवेशित की गई थी। जिस पर यूजेवीएनएल ने निवेशित इक्विटी पर रिटर्न देने का अनुरोध किया गया था।

आयोग ने यूजेवीएनएल के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था

नियामक आयोग की ओर से वित्तीय वर्ष 2007-08 से 2013-14 के लिए अप्रैल 2015 में परियोजना की कुल लागत 1889.22 करोड़ स्वीकृत की गई। जिसमें इक्विटी 596.83 करोड़ के सापेक्ष 566.77 करोड़ की इक्विटी स्वीकृत की और उक्त स्वीकृत इक्विटी में उत्तराखंड सरकार से 341.39 करोड़ की निवेशित इक्विटी भी स्वीकृत की गई। लेकिन, आयोग ने तब उत्तराखंड सरकार की 341.39 करोड़ की निवेशित इक्विटी पर रिटर्न आफ इक्विटी नहीं दिया गया था। आयोग ने यूजेवीएनएल के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। इस पर यूजेवीएनएल ने विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण (एप्टेल) नई दिल्ली के समक्ष अपील दायर की।

बीते 19 जुलाई 2024 के आदेश के तहत न्यायाधिकरण ने नियामक आयोग के निर्णय को पलटते हुए यूजेवीएन को रिटर्न आन इक्विटी देने का आदेश दिया। जिस पर अब उपभोक्ताओं ने आपत्ति दर्ज कराई है। मंगलवार को जनसुनवाई में यूजेवीएनएल ने आयोग से अनुरोध किया कि उन्हें न्यायाधिकरण के निर्णय अनुसार रिटर्न प्रदान करने के लिए टैरिफ में वृद्धि की जाए।

उपभोक्ताओं को भी दिया जाए रिटर्न, सुप्रीम कोर्ट में रखेंगे पक्ष

जनसुनवाई के दौरान उपभोक्ताओं ने टैरिफ में वृद्धि न करने की मांग की। उत्तराखंड स्टील मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन कुमार अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड में विद्युत अधिनियमों का दुरुपयोग किया जा रहा है। केंद्र की ओर से प्रविधानों को स्पष्ट किए जाने के बावजूद यहां अनावश्यक नियम थोपे जा रहे हैं। उपभोक्ताओं पर रायल्टी, सेस, वाटर टैक्स समेत अन्य मदों में कम से कम एक रुपये प्रति यूनिट भार पहले से ही डाला जा रहा है।

बीते 20 वर्ष में यह धनराशि ब्याज समेत 30 हजार करोड़ के करीब होती है। उन्होंने आयोग से मांग की है कि इस धनराशि पर भी रिटर्न दिया जाए और उसमें से ही यूजेवीएनएल को रिटर्न की धनराशि दे दी जाए। उद्योगपति शकील सिद्दिकी ने भी उत्तराखंड में नियमों की आड़ में उपभोक्ताओं के शोषण की बात कही और नियामक आयोग को इस पर ध्यान देने की मांग की। अधिवक्ता आदित्य गुप्ता ने बताया कि एप्टेल के निर्णय के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई।

ऊर्जा निगम ने भार कम करने की मांग की, पिटकुल ने यूजेवीएनएन का समर्थन

आयोग की जनसुनवाई के दौरान ऊर्जा निगम ने यूजेवीएनएल के टैरिफ में अधिक वृद्धि न करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इसका असर सीधे उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। उधर, पिटकुल की ओर से यूजेवीएनएल के प्रस्ताव का समर्थन किया गया।

नई परियोजनाओं पर रिटर्न की धनराशि होगी निवेश

यूजेवीएनएल के निदेशक परियोजना एके सिंह ने बताया कि सरकार से प्राप्त इक्विटी पर मिलने वाला रिटर्न की राशि अगले सात वर्षों में जारी की जाती है तो उपभोक्ताओं के टैरिफ में करीब 30-35 पैसे की वृद्धि होने की आशंका है। इस राशि को 300 मेगावाट की लखवाड़ परियोजना, 72 मेगावाट की त्यूणी-प्लासू परियोजना, 120 मेगावाट की सकारी भ्योल परियोजना और पांच नई प्रस्तावित पंप स्टोरेज परियोजनाओं में निवेश करने में मदद मिलेगी।

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