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कुंभ आ रहे हैं तो ध्यान दें, अमिट स्याही चेक्ड मार्क के बिना आश्रम-धर्मशाला में नहीं मिलेगा प्रवेश; ये बातें भी जरूरी

Haridwar Kumbh 2021 हरिद्वार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को एंट्री पास और हथेली के ऊपरी भाग पर अमिट स्याही के चेक्ड मार्क के बिना किसी भी आश्रम व धर्मशाला में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। सरकार द्वारा जारी की गई एसओपी में यह प्रविधान किया गया है।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Wed, 10 Feb 2021 01:31 PM (IST)
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अमिट स्याही चेक्ड मार्क के बिना आश्रम-धर्मशाला में नहीं मिलेगा प्रवेश।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Haridwar Kumbh 2021 हरिद्वार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को एंट्री पास और हथेली के ऊपरी भाग पर अमिट स्याही के चेक्ड मार्क के बिना किसी भी आश्रम व धर्मशाला में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। सरकार द्वारा जारी की गई एसओपी में यह प्रविधान किया गया है। चेक्ड मार्क से यह स्पष्ट हो जाएगा कि संबंधित यात्री ने प्रवेश के लिए पंजीकरण, आरटीपीसीआर की निगेटिव जांच रिपोर्ट समेत सभी मानकों का पालन किया है।

भीड़भाड़ में न जाएं बुजुर्ग और बच्चे

कोरोना संक्रमण के लिहाज से संवेदनशील माने जाने वाले 65 साल से अधिक आयु के व्यक्तियों और 10 साल से कम आयु के बच्चे यदि कोविड निगेटिव रिपोर्ट के साथ हरिद्वार आकर होटल, आश्रम, धर्मशाला, अतिथि गृह में ठहरते हैं तो उन्हें स्नान करने और अन्य स्थलों पर जाने से हतोत्साहित किया जाएगा। एसओपी में यह प्रविधान किया गया है।

एसओपी के अन्य बिंदु

आश्रम-धर्मशाला

-बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों को अपने मूल राज्य, जिला, तहसील की जानकारी और कोरोना फिटनेस प्रमाणपत्र देना होगा। 

-थर्मल स्क्रीनिंग के दौरान किसी में कोविड के लक्षण पाए जाने पर तत्काल उसे आइसालेट कर मेला प्रशासन व कंट्रोल रूम को देनी होगी सूचना। 

-तीर्थयात्रियों का संपूर्ण विवरण मेला प्रशासन, जोनल-सेक्टर मजिस्ट्रेट व पुलिस नियंत्रण कक्ष को देना होगा। 

-आश्रम और धर्मशालाओं का समय-समय पर किया जाएगा सैनिटाइजेशन। 

होटल, अतिथि गृह व रेस्टोरेंट

-कुंभ मेला पोर्टल पर पंजीकृत व्यक्तियों को देंगे प्रवेश की अनुमति, ठहरने के लिए आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट जरूरी। 

-होटल, अतिथि गृह में ठहरने वाले व्यक्तियों का पूरा ब्योरा और पहचान से संबंधित दस्तावेज रखने होंगे। 

दुकान-वाणिज्यिक प्रतिष्ठान

-स्नान की अधिसूचित तिथियों के दौरान भोजन, डेयरी, दवा, पूजन सामग्री व कंबल की दुकानें ही खुली रहेंगी। 

-प्रत्येक प्रतिष्ठान में थर्मल स्क्रीनिंग व सैनिटाइजेशन की व्यवस्था अनिवार्य-यात्रियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने के लिए करना होगा प्रोत्साहित। 

-कोविड की रोकथाम से संबंधित जानकारी और जरूरी नंबर करने होंगे प्रदर्शित। 

धार्मिक स्थल

यात्रियों को बिना मास्क के धार्मिक स्थलों में प्रवेश की नहीं होगी अनुमति। 

-मंदिरों में थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजेशन, दो गज की दूरी के मानकों का पालन जरूरी। 

सार्वजनिक परिवहन

-बसों में टिकट बिक्री और काउंटरों पर तैनात कार्मिक मास्क व दस्ताने का करेंगे उपयोग। 

-टिकट काउंटर, बस स्टाप, बस, टैक्सी व विक्रम स्टैंड में दो गज की दूरी का पालन। 

-राज्य परिवहन निगम और व्यावसायिक वाहन संचालक अपने कार्मिकों के लिए कोविड रोकथाम के संबंध में प्रशिक्षण दिलाएंगे। 

-अन्य राज्यों से आने वाले वाहन चालक, परिचालक और यात्रियों से अपेक्षा कि पंजीकरण के बाद ही करें यात्रा

वाहन पार्किंग

-पार्किंग स्थलों और उसके समीप भोजन बनाना प्रतिबंधित। 

-बिना पंजीकरण व प्रवेश पास के आने वाले यात्रियों को स्नान और धार्मिक गतिविधियों में प्रतिभाग नहीं करने दिया जाएगा।

-पार्किंग स्थलों पर पुलिस, पीआरडी, होमगार्ड व स्वयंसेवकों की रहेगी तैनाती। 

स्नान घाट 

-मेला क्षेत्र में घाटों पर सुरक्षा व सुरक्षित दूरी सुनिश्चित करने को तैनात रहेंगे पुलिस कर्मी, प्रशिक्षित स्वयंसेवक, कर्मचारी, गोताखोर व तैराक। 

-प्रयोग किए गए दस्ताने, मास्क के निस्तारण को घाटों पर रखे जाएंगे डस्टबिन, बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण की होगी व्यवस्था। 

-घाटों पर सुरक्षित शारीरिक दूरी इंगित करने को बनेंगे सर्कल, एक जत्थे के स्नान के 20 मिनट बाद दूसरे को दिया जाएगा प्रवेश। 

विश्राम स्थल

-भोजन व खाद्य पदार्थ पकाना पूरी तरह प्रतिबंधित। 

-प्रवेश व निकाय की व्यवस्था की जाएगी, कूड़ा निस्तारण को रखे जाएंगे डस्टबिन-शौचालय, पेयजल व सैनिटाइजर की पर्याप्त व्यवस्था जरूरी। 

रेलवे स्टेशन

-पंजीकरण पत्र, आरटीपीसीआर की जांच रिपोर्ट दिखाने के बाद ही यात्रियों को बाहर आने की अनुमति। 

-कोविड से संबंधित एसओपी के प्रविधानों का कड़ाई से अनुपालन कराया जाएगा। 

-हरिद्वार व ऋषिकेश रेलवे स्टेशन के पास यात्रियों के विश्राम के लिए होगा उचित स्थान का निर्धारण। 

-बोर्डिंग व डे बोर्डिंग के लिए रेलवे स्टेशन पर की जाएगी अलग व्यवस्था। 

-विश्राम स्थलों में तैनात कामिक पीपीई किट से रहेंगे लैस। 

बस स्टैंड-स्टेशन और डिपो

-यात्रियों के आगमन और प्रस्थान प्रबंधन के लिए बस स्टैंड, स्टेशन व डिपो में समन्वय जरूरी। 

-पंजीकरण, आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट दिखाने के बाद ही बस में दी जाएगी प्रवेश की अनुमति। 

-सभी जगह सैनिटाइजेशन, विश्राम स्थल आदि के लिए उठाए जाएंगे प्रभावी कदम। 

-कूड़ा निस्तारण, स्वच्छता पर खास ध्यान केंद्रित करना होगा-बस स्टैंड, डिपो या स्टेशन में भोजन पकाना पूरी तरह प्रतिबंधित। 

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