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Haridwar Kumbh 2021: कुंभ मेले को बचा सिर्फ सात माह का समय, कार्यों को गति देना बड़ी चुनौती

हरिद्वार में अगले साल होने वाले कुंभ की तैयारियों के मद्देनजर चल रहे निर्माण कार्य भी लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

By Edited By: Updated: Sun, 31 May 2020 10:09 PM (IST)
Haridwar Kumbh 2021: कुंभ मेले को बचा सिर्फ सात माह का समय, कार्यों को गति देना बड़ी चुनौती
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना संकट ने अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारने के साथ ही निर्माण कार्यों की गति पर ब्रेक लगाया है। हरिद्वार में अगले साल होने वाले कुंभ की तैयारियों के मद्देनजर चल रहे निर्माण कार्य भी लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। ऐसे में इन्हें गति देना सरकार के सामने बड़ी चुनौती है। हालांकि, अब निर्माण सामग्री की उपलब्धता की तो दिक्कत नहीं है, मगर काम करने वाले हाथों की कमी ने पेशानी पर बल डाले हुए हैं। जिस तरह के हालात हैं, उसे देखते हुए कुंभ मेला कैसे आयोजित होगा इसे लेकर चिंता कम होने का नाम नहीं ले रही। 

हरिद्वार में अगले साल होने वाले कुंभ के लिए महज सात माह का ही वक्त बचा है, मगर कुंभ मेले की तैयारियों के मद्देनजर चल रहे निर्माण कार्यों पर कोरोना संकट का ग्रहण लगा है। हालांकि, सरकार ने पूर्व में हरिद्वार कुंभ मेले के लिए स्वीकृत किए गए 450 करोड़ रुपये की लागत वाले स्थायी और अस्थायी प्रवृत्ति के निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए जुलाई तक का वक्त नियत किया था, मगर बदली परिस्थितियों में ऐसा होना मुश्किल है। दरअसल, मार्च के आखिर में लॉकडाउन होने पर कुंभ से जुड़े कार्य भी ठप पड़ गए थे। हालांकि, लॉकडाउन-तीन में केंद्र ने उन साइट पर निर्माण कार्य शुरू कराने की छूट दी, जहां श्रमिक रुके थे। 

इसके बाद कुंभ मेला से संबंधित कार्य भी शुरू हुए, मगर अब अधिकांश श्रमिक वापस जा चुके हैं। यही नहीं, कुंभ के मद्देनजर सौंदर्यीकरण, अस्थायी कैंपों के लिए भूमि अधिग्रहण, वहां अस्थायी निर्माण समेत दूसरे कार्यों के लिए भी मुश्किलें पेश आना तय है। ऐसे में शासन के साथ ही कुंभ मेला प्रशासन की चुनौतियां भी बढ़ गई हैं। हालांकि, अब इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि पहले से स्वीकृत कार्यों को आगे बढ़ाया जाए। 

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शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक भी मानते हैं कि वर्तमान में कठिन चुनौतियां हैं। इस बारे में केंद्र का ध्यान भी पहले आकृष्ट कराया जा चुका है। उन्होंने कहा कि कुंभ कार्य तेजी से हों, इसके लिए कोई न कोई रास्ता निकाल लिया जाएगा। इसे लेकर मंथन चल रहा है।

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