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Coronavirus Test Fraud: कोरोना जांच करने वाली सभी 22 लैब ED के रडार पर, कुंभ के दौरान हुआ था बड़ा फर्जीवाड़ा

Haridwar Kumbh Coronavirus Test Fraud हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान कोरोना जांच में किए गए फर्जीवाड़े में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मैक्स कारपोरेट सर्विसेज समेत पांच लैब संचालकों के ठिकानों पर शुक्रवार को बड़े स्तर पर छापेमारी कर चुका है।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sun, 08 Aug 2021 08:38 AM (IST)
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Coronavirus Test Fraud: कोरोना जांच करने वाली सभी 22 लैब ED के रडार पर।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Haridwar Kumbh Coronavirus Test Fraud हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान कोरोना जांच में किए गए फर्जीवाड़े में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मैक्स कारपोरेट सर्विसेज समेत पांच लैब संचालकों के ठिकानों पर शुक्रवार को बड़े स्तर पर छापेमारी कर चुका है। इस दौरान ईडी ने 30.90 लाख रुपये के साथ ही लैपटाप, मोबाइल फोन, फर्जी बिल व तमाम दस्तावेज जब्त किए। ईडी सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में कोरोना की जांच करने वाली सभी 22 लैब को रडार पर रखा है।

कोरोना की जांच करने वाली 22 लैब में से 11 ने कुंभ मेला अधिष्ठान, जबकि 11 अन्य ने स्वास्थ्य विभाग के अधीन काम किया। शुक्रवार को ईडी की टीम ने मैक्स समेत नोवस पैथ लैब्स, डीएनए लैब्स, डा. लाल चंदानी लैब्स प्रा.लि. व नलवा लैबोरेटरीज के संचालकों के ठिकानों पर छापेमारी से पहले कोरोना जांच व इसके एवज में किए गए भुगतान का परीक्षण किया था। कोरोना जांच फर्जीवाड़े में पुलिस की एफआइआर व विभिन्न स्तर पर की गई जांच के तथ्यों को आधार बनाया गया, जिसमें स्पष्ट हो गया था कि किस तरह फर्जी जांच दिखाकर सरकार से पहले ही 3.40 करोड़ रुपये का भुगतान भी कर लिया गया था।

फर्जी बिल के आधार पर किए गए भुगतान को ईडी ने मनी लांड्रिंग माना और प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत शिकंजा कसा। ईडी के विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक कुंभ मेले से बाहर भी विभिन्न निजी लैब ने बड़े स्तर पर कोरोना की जांच की है। लिहाजा, ईडी के अधिकारी अब यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि प्रदेश में कुल कितनी लैब ने अलग-अलग जिलों में जांच की और इसके एवज में सरकार से कितना भुगतान प्राप्त किया। इसको लेकर ईडी के अधिकारी स्वास्थ्य विभाग से जानकारी मांगने की तैयारी कर रहे हैं।

कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े में शरत पंत और मल्लिका पंत नामजद

कुंभ में हुए कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े में एसआइटी ने मैक्स कारपोरेट सर्विसेज के पार्टनर दंपती शरत पंत और मल्लिका पंत को नामजद कर दिया है। इसकी भनक लगने पर दंपती भूमिगत हो गए। उनकी तलाश में एसआइटी की एक टीम नोएडा में डेरा डाले हुए है। वहीं, उन पर कानूनी शिकंजा कसने के लिए गैर जमानती वारंट लेने की तैयारी भी शुरू कर दी है। बहुत जल्द कुर्की की प्रक्रिया भी एसआइटी शुरू कर सकती है।

कुंभ में कोरोना टेस्टिंग का ठेका दिल्ली की फर्म मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज को मिला था। मैक्स ने दिल्ली की लाल चंदानी लैब और हिसार की नालवा लैब से टेस्ट कराने की जानकारी दी थी। लेकिन इन दोनों लैब के अलावा भिवानी की डेल्फिया लैब के माध्यम से उन्होंने टेस्टिंग में बड़ा फर्जीवाड़ा किया। डेलफिया लैब के मालिक आशीष वशिष्ठ को एसआइटी गिरफ्तार कर चुकी है।

रिमांड पर लेकर आशीष से हुई पूछताछ में कई राज खुले हैं। उसने एसआइटी को बताया है कि मैक्स कारपोरेट के पदाधिकारियों के कहने पर ही उसने पोर्टल पर फर्जी एंट्रियां की। करीब डेढ़ माह की पड़ताल में पुख्ता सुबूत मिलने के बाद मैक्स फर्म के पार्टनर शरत पंत और उनकी पत्नी मल्लिका पंत को मुकदमे में नामजद कर लिया गया है। विवेचनाधिकारी राजेश साह ने बताया कि आरोपित दंपती अपनी संपत्ति को खुर्दबुर्द न कर दें, इसके लिए भी कोर्ट में अर्जी दी जाएगी।

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