गुटबाजी पर बोले हरीश रावत, कुछ लोगों के लिये मेरा दिल आज भी धड़कता
देहरादून के राजपुर रोड स्थित कांग्रेस भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरीश रावत ने प्रदेश सरकार को भी जमकर खरीखोटी सुनाई।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Wed, 19 Dec 2018 08:24 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पार्टी से निष्कासित कांग्रेसियों के प्रति हमदर्दी जताकर फिर से गुटबाजी को हवा दे गए। उन्होंने कहा, अनुशासनात्मक कार्रवाई तो ठीक है, लेकिन एकतरफा नहीं होनी चाहिए, ऐसे वरिष्ठ नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया जो 1978 से पार्टी का झंडा उठाते आ रहे हैं। ऐसे लोग उत्तराखंड में कांग्रेस की बुनियाद रहे हैं। मेरा दिल इन पार्टीजनों के लिए आज भी धड़कता है।
राजपुर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में कांग्रेस महासचिव व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रेसवार्ता में प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार को विकास के मुद्दे पर जमकर आड़े हाथों तो लिया ही, सधे हुए लहजे में वह 'अपनों' के बारे में भी बहुत कुछ कह गए। नैनीताल से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खजान पांडे व नैनीताल जिला अध्यक्ष मारुति शाह को निकाय चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने और अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ काम करने के आरोप में छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। निकाले गए दोनों नेता हरीश रावत गुट के माने जाते हैं।
बीते शनिवार को पीसीसी की बैठक में हरीश रावत ने भाग नहीं लिया, लेकिन बैठक के बाद खजान पांडे व हरीश रावत एक साथ शहर में ही थे। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा 'मैं तो पिच क्यूरेटर हूं, मेरा काम अच्छी पिच बनाना है फिर उसमें कोई भी खेले' कोई फर्क नहीं पड़ता। पिच बनाने वाले को पता होता है कि खिलाड़ी कैसा खेलेगा। उन्होंने परोक्ष रूप से यह जता दिया कि प्रदेश कांग्रेस में उनकी भूमिका आज भी अहम है और उनके समर्थकों पर अनुशासन के नाम पर एकतरफा कार्रवाई ठीक नहीं है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री एवं विधायकों के कांग्रेस में लौटने की चर्चाओं पर हरीश रावत ने कहा कि वह दलबदलू से हमेशा दूरी बनाए रखते हैं। ऐसे लोगों से उनका कोई सरोकार नहीं है।
सरकार के फैसले जन विरोधी हरीश रावत ने पत्रकार वार्ता में प्रदेश सरकार को जमकर कोसा। कहा डबल इंजन की प्रदेश सरकार के कोई भी फैसले जनहित में नहीं हैं। उनकी सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों के लिए 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की थी, जिसे वर्तमान सरकार ने निरस्त कर दिया। कहा कि सरकार की ओर से हाल ही में उत्तर प्रदेश जमीदारी एवं व्यवसाय अधिनियम में जो संशोधन किया है वह राज्य हित में नहीं है। कांग्रेस इसका विरोध करती है। सरकार का फैसला मैदान से लेकर पहाड़ों तक के छोटे किसान व जमीदारों के हितों पर कुठाराघात है।
उन्होंने कहा कि वन निगम, उपनल व अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति मामले में सरकार ने न पूर्व कांग्रेस सरकार के द्वारा बनाए गए फार्मूले को अपनाया और न आज तक खुद कोई नियम बना सकी, जिससे हजारों युवा बेरोजगार भटक रहे हैं। राज्य में मनरेगा को तो लगभग समाप्त ही कर दिया गया है। गन्ना किसानों के प्रति सरकार की उदासीनता का यह आलम है कि आज तक किसानों के 360 करोड़ रुपये चीनी मीलों पर बकाया हैं।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आज तक कहीं भी गन्ना क्रय केंद्र नहीं खोल पाई, जिससे साफ है कि सरकार सुनियोजित ढंग से गन्ना किसानों की अनदेखी कर रही है। सरकार ने अभी तक गन्ने का खरीद मूल्य भी घोषित नहीं किया।
प्रधानमंत्री से भी पूछे सवाल इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि राफेल विमान सौदे के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा उठाए गए सवाल आज भी सामने हैं। राहुल गांधी ने सवाल किए थे कि राफेल सौदा रिलायंस कंपनी को क्यों दिया गया। 126 के बदले केवल 36 विमान ही क्यों खरीदे जा रहे हैं। सीएजी की रिपोर्ट संसद में रखने से मोदी सरकार क्यों कतरा रही है। जेपीसी गठित करने से केंद्र सरकार क्यों भाग रही है। इन सवालों का पीएम नरेंद्र मोदी कोई जवाब नहीं दे रहे हैं।
न्यायालय के फैसले का स्वागत उन्होंने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को कोर्ट द्वारा सजा सुनाने के सवाल पर कहा कि वह न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं। देश में कोई भी नरसंहार स्वीकार नहीं किया जाएगा। न्यायालय की ओर से जिन्हें भी दोषी करार दिया जाएगा, कांग्रेस उसका सम्मान करेगी।
इस मौके पर विधायक हरीश धामी, मनोज रावत, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी, प्रभुलाल बहुगुणा, शहरी महिला कांग्रेस अध्यक्ष कमलेश रमन, सुरेंद्र अग्रवाल, राजीव जैन आदि मौजदू रहे। बदला-बदला दिखा कांग्रेस भवन
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कांग्रेस भवन में प्रेसवार्ता के लिए पहुंचे तो विरोधी गुट के कोई भी नेता पार्टी कार्यालय में नजर नहीं आए। जो कांग्रेसजन हरीश रावत के साथ मौजदू थे, वह अन्य दिन कांग्रेस मुख्यालय में कभी कभार ही नजर आते हैं। पत्रकारों द्वारा दूसरे गुट के नदारद रहने के सवाल को हरीश रावत हंसकर टाल गए। बस इतना कहा जो आए हुए हैं वह भी तो कांग्रेसी ही हैं।यह भी पढ़ें: अखिलेश यादव ने सपा प्रदेश अध्यक्ष को पद से हटाया, पूरी कार्यकारिणी भंग
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