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धामी की नाराजगी मामले में हरीश रावत ने तोड़ी चुप्पी

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने विधायक हरीश धामी की नाराजगी और इसे लेकर कांग्रेस में मचे घमासान को लेकर चुप्पी तोड़ दी।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 02 Feb 2020 08:29 PM (IST)
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धामी की नाराजगी मामले में हरीश रावत ने तोड़ी चुप्पी

देहरादून, राज्य ब्यूरो। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने विधायक हरीश धामी की नाराजगी और इसे लेकर कांग्रेस में मचे घमासान को लेकर चुप्पी तोड़ दी। उन्होंने स्वीकार किया कि धामी का नाम महासचिव पद के लिए उन्होंने दिया था, पार्टी ने उन्हें सचिव बना दिया। उन्होंने कहा कि धामी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। वरिष्ठतम लोगों को उनकी स्वाभाविक प्रतिक्रिया पर सार्वजनिक टिप्पणी से पहले सोचना चाहिए था।  

धारचूला से कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी में अपना नाम सचिव की सूची में शामिल होने पर नाराजगी जताते हुए उक्त पद से इस्तीफा दे दिया था। साथ ही उन्होंने कांग्रेस छोडऩे की धमकी दी थी। विधायक के तीखे तेवरों से कांग्रेस में हड़कंप मच गया था। धामी ने प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को निशाने पर लिया था। 

जवाब में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने धामी का नाम प्रदेश सचिव पद के लिए दिए जाने से इन्कार किया था। उन्होंने यह भी कहा था, जिन्होंने धामी का नाम दिया, उनका खुलासा होना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने धामी की नाराजगी को स्वाभाविक प्रतिक्रिया बताने के साथ ही प्रदेश संगठन की ओर से प्रस्तावित सूची में फेरबदल को राजनीतिक साजिश करार दिया था। 

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धामी का नाम सूची में कैसे शामिल हुआ, इसे लेकर शनिवार को खुद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर खुलासा कर दिया। अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा कि धामी का नाम उन्होंने दो दर्जन अन्य नामों के साथ दिया था। प्रदेश संगठन के नेतृत्व को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने धामी जी की प्रशंसा में बहुत कुछ कहा है। यह भी कहा है कि जिम्मेदारी नाम देने वाले की है। काश, सूची जारी करने से पहले इस तथ्य को ध्यान में रखकर धामी और गुलजार आदि से बात कर ली जाती। 

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