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Coronavirus: घरेलू गैस के डिलीवरी ब्वॉय को पांच लाख का हेल्थ कवर

कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच मुस्तैदी से घर-घर जाकर घरेलू गैस डिलीवरी करने वाले डिलीवरी ब्वॉय को पांच लाख का हेल्थ कवर दिया जाएगा।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Updated: Mon, 30 Mar 2020 10:38 AM (IST)
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Coronavirus: घरेलू गैस के डिलीवरी ब्वॉय को पांच लाख का हेल्थ कवर
देहरादून, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच मुस्तैदी से घर-घर जाकर घरेलू गैस डिलीवरी करने वाले डिलीवरी ब्वॉय को पांच लाख का हेल्थ कवर दिया जाएगा। इसके अलावा गैस एजेंसियों में गोदाम, शोरूम समेत अन्य स्टाफ को भी इसका लाभ मिलेगा। आइओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल तीनों कंपनियों ने इसकी घोषणा कर दी है।

देशभर में लागू लॉकडाउन के चलते केवल आवश्यक सेवाएं ही सुचारु रूप से काम कर रही हैं। घरेलू गैस की पूर्ति में लगे डिलीवरी ब्वॉय, गैस एजेंसियां और अन्य स्टाफ भी इस दौरान मुस्तैदी से काम कर रहा है।

इन लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए सभी गैस कंपनियों ने हेल्थ कवर देने की घोषणा की है। इसके लिए कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के आधार कार्ड समेत अन्य जानकारियां जुटाना शुरू भी कर दिया है। आइओसी के उपमहाप्रबंधक प्रभात वर्मा ने बताया कि कंपनी ने सकारात्मक पहल करते हुए इस मुश्किल की घड़ी में घरेलू गैस सप्लाई करने वालों के लिए हेल्थ कवर देना तय किया है।

गैस गोदाम सेनिटाइज करने की मांग

सहसपुर क्षेत्र में कोरोना वायरस का संदिग्ध पाए जाने से क्षेत्र में डर का माहौल बना हुआ है। लोगों को डर है कि कहीं संक्रमण ना फैल जाए। संदिग्ध के घर में कुछ दिन पहले घरेलू गैस डिलीवर करने गए डिलीवरी ब्वॉय और गैस एजेंसी संचालक भी दहशत में है। 

उन्होंने नगर निगम से जल्द से जल्द गैस गोदाम को सेनिटाइज करने की मांग की है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग से घरेलू गैस डिलीवरी करने जा रहे लोगों के स्वास्थ्य जांच की भी मांग की। एलपीजी एसोसिएशन के अध्यक्ष चमनलाल ने बताया कि सहसपुर में कोरोना वायरस का संदिग्ध मिला है। कुछ दिन पहले ही उस व्यक्ति के घर पर गैस डिलीवर की गई थी।

ईपीएफ का दावा करें, सॉफ्टवेयर पास करेगा क्लेम

कोरोना के संक्रमण से जूझ रहे देश और लॉकडाउन से काम-धंधा बंद होने के चलते कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफ) ने अपने सदस्यों के लिए बड़ी राहत दी है। इसके लिए ऐसा सॉफ्टवेयर लॉन्च किया गया, जो स्वयं सदस्यों के क्लेम के दावों को पास कर देगा।

ईपीएफओ के क्षेत्रीय अधिकारी मनोज कुमार यादव ने बताया कि केंद्र सरकार ने संगठन कार्यालयों को भी आवश्यक सेवाओं की सूची में डाल दिया है। लिहाजा, अब कार्यालय खोले जा रहे हैं और दावों का जल्द से जल्द निपटारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हर माह क्लेम के 38 हजार के करीब आवेदन प्राप्त होते हैं। इनमें करीब 15 हजार आवेदन बीमारी समेत अन्य जरूरी कार्यों के लिए पीएफ की राशि मांगी जाती है। 

अब इन दावों का निस्तारण कम से कम स्टाफ की उपस्थिति में किया जाएगा। दावों का निपटारा फिलहाल सॉफ्टवेयर स्वयं कर संबंधित बैंक को भेज देगा। यदि सॉफ्टवेयर से किसी तरह की समस्या आती है, फिर वह उनका निस्तारण करेंगे। इसके साथ ही तीन माह की पीएफ की राशि प्राप्त करने के दावों पर भी काम शुरू हो रहा है। 

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हालांकि, दावों के लिए क्लेम ऑनलाइन ही प्राप्त किए जाएंगे। इसके लिए ईपीएफओ सदस्य का मोबाइल नंबर, यूएएन/पीएफ नंबर, नाम की जानकारी दुरुस्त होनी चाहिए। इसके अलावा ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त ने पुलिस से अपील की कि कार्यालय में जाते समय कार्मिकों की आवाजाही में सहयोग करें।

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