Corona Virus: कोरोना वायरस से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग उठा रहा एहतियाती कदम
कोरोना वायरस से बचाव को स्वास्थ्य विभाग एहतियाती कदम उठा रहा है। प्रभारी सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय ने कहा कि किसी भी संदिग्ध मरीज को बिना परामार्श न जाने दें।
By Edited By: Updated: Sat, 01 Feb 2020 08:58 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। कोरोना वायरस से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग सभी तरह के एहतियाती कदम उठा रहा है। शुक्रवार को प्रभारी सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय ने इसे लेकर आइएमए के सदस्यों, प्रमुख मेडिकल कॉलेजों व निजी चिकित्सालयों के अधीक्षकों की बैठक ली। संदिग्ध मरीजों के उपचार व स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल की जानकारी उनसे ली।
स्वास्थ्य महानिदेशालय में आयोजित बैठक में डॉ. पाण्डेय ने सभी चिकित्सालयों को निर्देशित किया कि किसी भी संदिग्ध मरीज को वह बिना परामर्श व उचित सलाह के न जाने दें। उसपर निगरानी अवश्य रखें या उसे सरकारी चिकित्सालयों को रेफर कर दें। उन्होंने कहा कि कोई भी मरीज जिसे सामान्य सर्दी जुकाम के लक्षण हैं और वह 15 जनवरी के बाद चीन की यात्रा कर लौटा है तो उसे निश्चित तौर पर संदिग्ध के रूप में देखा जाए। इस प्रकार के मरीज की निगरानी आवश्यक है, ताकि गंभीर लक्षण होने पर उसका सैंपल जांच के लिए भेजा जा सके। बैठक में एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज, हिमालयन मेडिकल कॉलेज, दून मेडिकल कॉलेज, मैक्स अस्पताल,सीएमआइ अस्पताल, आइएमए के प्रतिनिधि, स्वास्थ महानिदेशालय से निदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा, डॉ. एसके गुप्ता, नोडल ऑफिसर डॉ. पंकज सिंह आदि उपस्थित थे।
बिना पुष्टि किसी को कोरोना संक्रमित ना कहें
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती ने निर्देश दिए कि बिना पुष्टि किए किसी भी संदिग्ध मरीज को कोरोना वायरस संक्रमित न कहा जाए। ऐसे मरीज के बारे में पूर्ण गोपनीयता बरती जाए। यह स्पष्ट किया कि चीन यात्रा की पृष्ठभूमि वाले मरीज को ही संदिग्ध माना जाएगा। अन्यथा की स्थिति में सामान्य सर्दी जुकाम के मरीजों को भयभीत न होने की सलाह दी जाए। उन्होंने बताया कि विभाग के पास पर्याप्त संख्या में मास्क एवं निजी सुरक्षा के साधन उपलब्ध हैं। आवश्यकता पड़ने पर इन्हें निजी चिकित्सालयों को भी उपलब्ध कराया जा सकता है।
जांच को लेकर ना फैलाएं भ्रम
इस दौरान यह ताकीद की गई कि आमजन में जांच को लेकर अनावश्यक भ्रांति न उत्पन्न की जाए। क्योंकि कोरोना के संदिग्ध मरीज की जांच की सुविधा केवल भारत सरकार द्वारा निर्धारित सरकारी लैब में ही उपलब्ध है। यह भी बताया गया कि संदिग्ध मरीज का सैंपल उसी स्थान पर लिया जाएगा जहां वह उपचार के लिए पंजीकृत हुआ है। सभी चिकित्सालय अनिवार्य रूप से जानकारी जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं स्वास्थ्य महानिदेशालय को देंगे।
बोले अधिकारीडॉ. पंकज पाण्डेय (प्रभारी सचिव स्वास्थ्य) का कहना है कि चीन की यात्रा से आने वाले या नेपाल के रास्ते राज्य की सीमा में दाखिले होने वाले प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जा रही है। निजी चिकित्सालयों को भी विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। कहा गया है कि इस प्रकार की पृष्ठभूमि का कोई भी व्यक्ति सर्दी जुकाम के लक्षणों के साथ आता है तो उसे आवश्यक परामर्श के साथ उपचार दें। स्वास्थ्य विभाग को भी तत्काल इसकी सूचना दी जाए। ताकि ब्लड सैंपल तुरंत जांच के लिए भेजा जाए।
कोरोना वायरस आशंकित युवती की हालत में सुधार अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में भर्ती कोरोना वायरस आशंकित देहरादून की युवती की हालत में लगातार सुधार हो रहा है। कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट के रविवार तक मिलने की उम्मीद है। चीन के वुहान में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही एक युवती को बीते गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था। कोरोना वायरस से संबंधी लक्षणों के चलते दून चिकित्सालय देहरादून से युवती को यहां रेफर किया गया था। एम्स में कोरोना वायरस से संबंधित रोगियों के उपचार के लिए बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में युवती को रखा गया है।
यह भी पढ़ें: Corona Virus: एमबीबीएस की छात्रा में कोरोना वायरस के लक्षण, एम्स ऋषिकेश में भर्तीउसके खून का सैंपल ऑल इंडिया वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट पुणे भेजा गया है। एम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. हरीश थपलियाल ने बताया कि युवती की हालत में लगातार सुधार हो रहा है। डायरिया, दर्द व बुखार पर नियंत्रण है। उसे हल्की खांसी की शिकायत है। शुक्रवार को भी रक्त के नमूने जांच के लिए पुणे भेजे गए हैं। जांच रिपोर्ट रविवार तक आने की संभावना है। इस तरह के मरीज को संक्रमण वाली तिथि से 14 दिन तक एहतियातन भर्ती रखा जाएगा। अन्य इस तरह कोई मरीज एम्स में भर्ती नहीं है।
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