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आयरिस मशीन के बिना नहीं बन पा रहे स्वास्थ्य गोल्डन कार्ड, लोग परेशान

बुजुर्ग आयुष्मान योजना से वंचित हो रहे हैं। बायोमीटिक मशीन में बुजुर्गों का फिंगर प्रिंट मिल नहीं रहा है और आयरिस मशीन न होने से रेटिन के आधार पर गोल्डन कार्ड बनाना संभव नहीं है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 03 Mar 2019 08:19 PM (IST)
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आयरिस मशीन के बिना नहीं बन पा रहे स्वास्थ्य गोल्डन कार्ड, लोग परेशान
देहरादून, जेएनएन। अधूरी तैयारी के चलते राजधानी में बुजुर्ग आयुष्मान योजना से वंचित हो रहे हैं। महीनों बाद भी अस्पतालों में आयरिस मशीन नहीं पहुंची। बायोमीटिक मशीन में बुजुर्गों का फिंगर प्रिंट मिल नहीं रहा है और आयरिस मशीन न होने की वजह से रेटिन के आधार पर गोल्डन कार्ड बनाना संभव नहीं है। आलम यह है कि रोजाना सैकड़ों जरूरतमंद लोग केंद्रों में आयुष्मान योजना का गोल्डन कार्ड बनाने को भटक रहे हैं। बावजूद इसके उनको लाभ नहीं मिल पा रहा है।

अटल आयुष्मान योजना ट्रस्ट की ओर से निर्देश जारी करने के एक सप्ताह बाद भी अस्पतालों व सीएससी में आयरिस मशीन नहीं पहुंची है। पीड़ित लोग इंतजार कर रहे हैं कि आयरिस मशीन आएगी तो उन्हें योजना का लाभ मिल पाएगा।

लेकिन मशीन आने की किसी को अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शहर की बात करें तो हजारों की संख्या में ऐसे लोगों हैं जो फिंगर प्रिंट न मिलने के कारण वंचित हो रहे हैं। वहीं, सैकड़ों बुजुर्ग ऐसे भी हैं जिनके परिवार के सदस्य अस्पताल में भर्ती हैं।

वे आर्थिक सहायता के लिए गोल्डन कार्ड बनाने को अस्पताल व सीएससी के चक्कर काट रहे हैं। मगर, आयरिस मशीन न होने की वजह से उन्हें लाभ नहीं मिल रहा। बता दें कि अटल आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का निश्शुल्क उपचार दिया जा रहा है। इसमें सभी लोगों को कवर किया जाना है। आयुष्मान भारत ट्रस्ट के चेयरमैन डीके कोटिया ने कहा कि सीएससी व अस्पतालों में आयरिश मशीनें लगाने के निर्देश दिए गए हैं। अगले कुछ दिनों के भीतर मशीन लग जाएगी।

यह है योजना की स्थिति 

योजना में अभी तक राज्य के 20 लाख लोगों के गोल्डन कार्ड बन चुके हैं। जबकि 80 लाख के करीब लोगों के कार्ड बनाए जाने हैं। आयरिश मशीन नहीं आने से प्रत्येक दिन कॉमन सर्विस सेंटर आने वाले लोगों के गोल्डन कार्ड नहीं बन पा रहे हैं। जिससे लोगों को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बायोमीटिक मशीन में बुजुर्गो के फिंगर नहीं मिल रहे हैं। जिस कारण उनका स्वास्थ्य कार्ड नहीं बन पा रहा है। इस कारण लोगों के स्वास्थ्य कार्ड नहीं बनने से लोगों को स्वास्थ्य लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। आयुष्मान योजना के अधिकारियों ने अस्पतालों में भी आयरिस मशीन लगाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि लोगों की शिकायत के बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है।

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