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उत्तराखंड के नौ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी, पौड़ी और चमोली में मकान क्षतिग्रस्त

उत्तराखंड के नौ जिलों में भारी से भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। जिसके बाद अब प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sun, 14 Jul 2019 09:20 PM (IST)
उत्तराखंड के नौ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी, पौड़ी और चमोली में मकान क्षतिग्रस्त
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में अगले चौबीस घंटे में अत्यधिक बारिश राज्य के कई जिलों में परेशानी बढ़ सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के पूर्वानुमान के अनुसार सोमवार को राज्य के नौ जिलों देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी,चमोली के अलावा चंपावत, उधमसिंह नगर, पिथौरागढ़ और नैनीतालमें भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। जानमाल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी जारी करते हुए समस्य जिला अधिकारी को अलर्ट रहने की सलाह दी है। रविवार को चमोली में भारी बारिश के चलते एक आवासीय मकान क्षतिग्रस्त हो गया। गनीमत रही कि इस दौरान वहां कोई नहीं, जिससे बड़ा हादसा होने से बच गया। वहीं, गौरीकुंड हाइवे बांसवाड़ा में लगभग डेढ़ घंटे तक पत्थर गिरने से आवाजाही बंद रही। 

उत्तराखंड में बारिश आफत बनकर बरस रही है। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं में हुई बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया। देहरादून समेत अन्य जिलों में सुबह से हो रही बारिश ने मुसीबतें बढ़ा दी हैं। जहां, राजधानी में बारिश से सड़कें तालाब बन गई हैं, तो कई जगहों में मार्ग मलबा आने से बाधित हुए हैं। चमोली जिले के विकास खंड घाट के मल्ला-कांडा गांव में रविवार को सुबह सात बजे भारी बारिश के दौरान महावीर सिंह और युद्धवीर सिंह का आवासीय मकान क्षतिग्रस्त हो गया। गनीमत यह रही कि हादसे के दौरान घर के कमरों में कोई नहीं था, जिससे बड़ा हादसा होने से बच गया। 

वहीं, ग्रामीण लक्ष्मण सिंह और खुशाल सिंह की गोशाला भी क्षतिग्रस्त हो गई है। ग्रामीण वहां बंधे मवेशियों को भारी बारिश में ही सुरक्षित स्थान पर ले गए।

लोगों के घरों में घुसा मलबा 

इसके साथ ही पीपलकोटी में शनिवार को रातभर बारिश हुई। जिससे मंगरीगाड गदेरे में पानी के साथ आया मलबा यहां स्थित सफाई कर्मचारी राजू वाल्मिकी और रिंपल वाल्मिकी के घरों में घुस गया। इससे उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। 

पौड़ी में भी ढहा मकान 

पौड़ी के थलीसैंण स्थित लिंगुड़ियां गांव में तेज बारिश से एक गरीब महिला का घर ढ़ह गया है। जिससे महिला को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पीड़िताता ने सरकार से जल्द मुआवजा दिलाने की मांग की है।  

गौरीकुंड हाइवे रहा डेढ़ घंटे अवरुद्ध

रविवार शाम लगभग साढ़े तीन बजे रुद्रप्रयाग से 28 किमी दूर बांसवाड़ा में गौरीकुंड हाइवे पर पहाड़ी से पत्थर गिरने लगे, जिससे यहां डेढ़ घंटे वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। लगभग एक घंटे बाद पत्थर गिरने बंद हुए। नेशनल हाइवे पर जेसीबी मशीनों द्वारा सड़क पर आए पत्थर को हटाया, जिसके बाद शाम पांच बजे आवाजाही सुचारू हो सकी। इस बीच हाइवे के  दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लगी रही। नेशनल हाइवे के अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि हाइवे से तत्काल पत्थर हटाकर आवाजाही सुचारू कर दी गई है।

देहरादून में भी दिन भर बरसे बदरा 

राजधानी देहरादून में दोपहर के वक्त कई इलाकों में बारिश हुई, जो शाम तक जारी रही। इससे लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

कुमाऊंं में भी बारिश ने बढ़ाई मुसीबत   

कुमाऊं के अधिकतर क्षेत्रों में रातभर भारी बारिश जारी रही। मुनस्यारी, धारचूला व बंगापानी क्षेत्रों में भू स्खलन से खतरे में आ चुके  है। साथ बहते नदी व नालों के किनारे स्थित एक दर्जन से अधिक संवेदनशील गांवों के लोगों ने शनिवार की रात जाग कर बिताई। ग्रामीण रातभर भारी बारिश के बीच पहरा देते रहे। जौलजीवी -मदकोट- मुनस्यारी मार्ग दूसरे दिन भी यातायात के लिए बंद रहा। थल-मुनस्यारी और नाचनी-मुनस्यारी मार्ग यातायात के लिए खुल गए हैं। क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक आंतरिक मार्ग बंद हैं। पेयजल अल्मोड़ा जिले में एक दर्जन से अधिक मार्ग बंद हैं। चम्पावत जिले में ऑल वेदर रोड पर कई स्थानों पर मलबा गिरने से यात्रियों के लिए समस्या पैदा हो गई है। 

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