Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में डरा देने वाले हालात, आज इन जिलों में होगी भारी बारिश; लैंडस्लाइड से तबाही
Uttarakhand Weather उत्तराखंड में इस साल बारिश ने भारी तबाही मचाई है। सड़के बह गई हैं वहीं भूस्खलन से कई घर तबाह हो गए हैं। पहाड़ों पर इन दिनों जिंदगियां आफत में हैं। भूस्खलन से कई लोगों की मौत हो चुकी हैं वहीं लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। आज भी कई जिलों में भारी बारिश का अनुमान है।
By Swati SinghEdited By: Swati SinghUpdated: Thu, 17 Aug 2023 07:46 AM (IST)
देहरादून, जागरण डिजिटल डेस्क। उत्तराखंड में इन दिनों मौसम कहर ढा रहा है। लगातार हो रही बारिश से जल प्रलय जैसी स्थिति बन गई है। एक बार फिर से ऋषिकेश में बनी भगवान शिव की मूर्ति डूबती नजर आ रही है। वहीं भूस्खलन से कई लोगों की जिंदगी खत्म हो गई है। अभी भी पहाड़ों पर भूस्खलन का दौर जारी है। बारिश की बात करें तो आज भी कई जिलों में बारिश का अनुमान है।
मौसम विभाग का मानना है कि उत्तराखंड के कुछ क्षेत्रों में बारिश देखने को मिल सकती है। यहां तूफान की भी चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग की मानें तो कई इलाकों में हल्की बारिश होगी और कहीं आसमान से एक बार फिर आफत बरस सकती है।
उत्तरकाशी में छाए हल्के बादल
उत्तरकाशी जिले में गुरुवार की सुबह हल्के बादल छाए हुए हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात सुचारू है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर हनुमान चट्टी के पास गत बुधवार की शाम को भूस्खलन हुआ था। जिसे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बड़कोट खंड की टीम ने रात को सुचारू कर दिया है। लगातार हो रहे भूस्खल की वजह से यातायात प्रभावित हो रही है।जाखन गांव में 10 मकान धराशायी
भूधंसाव के चलते पछवादून क्षेत्र की बिन्हार की मदरसू ग्राम पंचायत का जाखन गांव बुधवार को आपदा की चपेट में आ गया। देहरादून जिला मुख्यालय से करीब 65 किमी दूर दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र स्थित इस गांव के ऊपर की तरफ से गुजर रही सड़क से बुधवार सुबह शुरू हुआ भूधंसाव देखते ही देखते ग्रामीणों के घरों तक पहुंच गया। यहां 10 आवासीय भवन धराशायी हो गए और 10 अन्य चौड़ी दरारें आने के कारण क्षतिग्रस्त हो गए। प्रशासन के अनुसार दरारें छह इंच से एक फीट तक चौड़ी हैं।
अचानक मकानों में दरारें आती देख आनन-फानन लोग घरों से निकलकर सुरक्षित स्थानों पर चले गए। धराशायी हुए भवनों से ग्रामीणों को सामान निकालने का भी समय नहीं मिला। कुछ ही देर बाद मकान भरभराकर गिरने लगे। यह देख जिला प्रशासन ने पूरा गांव खाली करा दिया।