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दो कैदी फरार होने के बाद उत्तराखंड की जेलों में सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव, बिना अनुमति नहीं होगा कोई भी आयोजन

उत्तराखंड की जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। देहरादून जिला कारागार से दो कैदियों के फरार होने के बाद जेल प्रशासन ने सभी जेलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के निर्देश दिए हैं। प्रोटोकॉल के आधार पर सुरक्षा व्यवस्था बनाई जाएगी और जेलों में बिना अनुमति कोई ऐसा कार्य नहीं होगा जिससे इस तरह के हालात पैदा हों।

By Soban singh Edited By: Abhishek Saxena Updated: Mon, 14 Oct 2024 08:31 AM (IST)
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खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर का उपयोग किया गया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। जिला कारागार से आजीवन कारावास व अपहरण के कैदियों के फरार होने के बाद जेल प्रशासन ने सभी जेलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के निर्देश जारी किए हैं। निर्देशित किया गया है कि प्रोटोकॉल के आधार पर सुरक्षा व्यवस्था बनाई जाए।

जेलों में बिना अनुमति कोई ऐसा कार्य नहीं होगा, जिससे इस तरह के हालात पैदा हों। दुद्रांत कैदियों व मुलाकातियों पर भी विशेष नजर रखने के निर्देश जारी किए गए हैं।

दो कैदी दीवार कूदकर हुए थे फरार

रोशनाबाद स्थित जिला कारागार में रामलीला मंचन के दौरान शनिवार रात को दो कैदी दीवार से कूदकर फरार हो गए थे। इनमें एक कैदी वाल्मीकि गैंग से जुड़ा है और हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था, जबकि दूसरा अपहरण के मामले में विचाराधीन है। घटना उस वक्त हुई जब दोनों दर्शक दीर्घा में बैठकर रामलीला मंचन देख रहे थे।

जेल से भागे ये दो कैदी।

सीढ़ी को दीवार से कूदने का बनाया सहारा

दोनों ने जेल में चल रहे निर्माण कार्य में इस्तेमाल के लिए रखी गई सीढ़ी को दीवार से कूदने का सहारा बनाया। इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी जेल प्रशासन ने पुलिस को 10 घंटे बाद सूचना दी। मुख्यालय कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा विभाग ने इसे गंभीर चूक मानते हुए प्रभारी जेल अधीक्षक सहित छह कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।

सुरक्षा के लिए दिए निर्देश

दोबारा इस तरह से लापरवाही की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। बताया जा रहा है कि सोमवार को शासन में जेलों में सुरक्षा को लेकर उच्च स्तरीय बैठक भी रखी गई है, जिसमें सुरक्षा से जुड़े तमाम बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी और दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। वहीं फरार कैदियों के बारे में अब तक पता नहीं लग पाने के चलते जेल प्रशासन सकते में है। डीआइजी जेल घटना की बारीकी से जांच कर रहे हैं। दो या तीन दिन में वह अपने रिपोर्ट सौंप सकते हैं।

जेलों में क्षमता से अधिक कैदी भी बन रहे हैं चुनौती

जेलों में क्षमता से अधिक कैदी भी जेल प्रशासन के लिए चुनौती बने हुए हैं। जिला कारागार देहरादून, जिला कारागार हरिद्वार, जिला कारागार हल्द्वानी व सितारगंज जेल ऐसे हैं जहां पर क्षमता से दोगुने कैदी रह रहे हैं। इनमें कई दुद्रांत कैदी भी हैं, जिन पर विशेष नजर रखी जा रही है। प्रदेश के 11 जेलों में मौजूदा समय में स्वीकृत क्षमता 3541 कैदियों व बंदियों की हैं, जबकि यहां पर 5928 कैदी व बंदी बंद हैं।

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