जानें- कब और किसने की थी प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब की खोज, इस किताब में है जिक्र
हेमकुंड साहिब की खोज 1934 में हुई थी। क्षेत्र के इतिहासकार और पर्यटक विशेषज्ञ पूर्व मंत्री केदार सिंह फोनिया की डिवाइन हेरिटेज ऑफ हेमकुंड साहिब एंड वर्ल्ड हेरिटेज ऑफ वैली ऑफ फ्लावर किताब में इसका जिक्र किया गया है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Mon, 05 Oct 2020 10:20 PM (IST)
गोपेश्वर(जेएनएन), जेएनएन। Hemkund sahib हेमकुंड साहिब सिखों का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यहां हर साल यात्रा पर देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं। कहा जाता है कि हेमकुंड साहिब की खोज 1934 में हुई थी। डिवाइन हेरिटेज ऑफ हेमकुंड साहिब एंड वर्ल्ड हेरिटेज ऑफ वैली ऑफ फ्लावर किताब में भी इसका जिक्र किया गया है।
उत्तराखंड को यूं ही देवभूमि नहीं कहा जाता। चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के अलावा यहां कई प्रसिद्ध तीर्थस्थल स्थित हैं, जहां हर साल श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। इन्हीं में से एक है चमोली जिले में 15225 फीट की ऊंचाई पर स्थित है प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब। हेमकुंड की यात्रा रोमांच से भरी होती है और यहां आसपास कई ऐसे पर्यटक स्थल भी हैं, जो बरबस ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।इस पवित्र तीर्थस्थल की खोज 1934 में हुई थी। क्षेत्र के इतिहासकार और पर्यटक विशेषज्ञ पूर्व मंत्री केदार सिंह फोनिया की डिवाइन हेरिटेज ऑफ हेमकुंड साहिब एंड वर्ल्ड हेरिटेज ऑफ वैली ऑफ फ्लावर किताब के मुताबिक 1930 के दशक में पत्रकार तारा सिंह नरोत्तम बदरीनाथ यात्रा पर आए थे। उन्होंने पांडुकेश्वर से यहां जाकर इसकी खोज की और अपने लेखों के माध्यम से पंजाब के निवासियों को हेमकुंड साहिब को लेकर जानकारी दी।
फिर इसके बाद साल 1934 में सेना के हवलदार मोदन सिंह ने यहां आकर गुरुवाणी में लिखी पंक्तियों से इस तीर्थ का मिलान किया। साल 1937 में यहां पर यात्रा शुरू हुई। श्री हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि हेमकुंड साहिब में पहला गुरुद्वारा 1936 में बनाया गया था, जबकि साल 1937 में गुरु ग्रंथ साहब की पहली अरदास हुई थी।यह भी पढ़ें: Hemkund Sahib Yatra 2020: हेमकुंड में लगातार बढ़ रही यात्रियों की संख्या, जानिए क्या है मान्यता और कैसे पहुंचे यहां
हेमकुंड यात्रा क्षेत्र में 4जी सेवा शुरू हेमकुंड साहिब यात्रा क्षेत्र अब 4जी नेटवर्क से जुड़ गया है। 13650 फुट की उंचाई पर स्थित हेमकुंड में रिलायंस जियो ने अपनी 4जी सेवाएं शुरू कर दी हैं, जिससे यहां भी फोन घनघनाने लगे हैं। हेमकुंड तक ये सेवा पहुंचाने वाला जियो पहला ऑपरेटर है। कंपनी ने हेमकुंड साहिब, घांघरिया और गोविंदघाट में तीन संचार टावर लगाए हैं। इससे हेमकुंड और फूलों की घाटी की यात्रा पर आये पर्यटक और श्रद्धलुओं को काफी सहूलियत होगी।
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