Himalaya Diwas 2021: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू बोले, हिमालय बचाने को हिमालय से परे सोचें
Himalaya Diwas 2021 हिमालय केवल पर्यावरणविदों की चिंता का विषय नहीं है बल्कि संपूर्ण मानवता को हिमालय के संरक्षण की चिंता करनी होगी। हमें हिमालय बचाने को हिमालय से परे सोचना होगा। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने यह बातें एक कार्यक्रम में कहीं।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Wed, 08 Sep 2021 09:09 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। Himalaya Diwas 2021 अफगानिस्तान से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैला हिमालय केवल पर्यावरणविदों की चिंता का विषय नहीं है, बल्कि संपूर्ण मानवता को हिमालय के संरक्षण की चिंता करनी होगी। हमें हिमालय बचाने को हिमालय से परे सोचना होगा। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने यह बातें दिल्ली विश्वविद्यालय में 'बेयोंड हिमालय' (Beyond Himalayas) विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं।
बुधवार को हिमालय दिवस की पूर्व संध्या पर आजादी का अमृत महोत्सव और दिल्ली विश्वविद्यालय के सौ वर्ष पूरे होने पर हुए कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्रियों समेत कई विषय विशेषज्ञों ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कहा कि सरकार हिमालय और पर्यावरण संरक्षण को लेकर गंभीर है। हिमालय की महत्ता को समझते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने शताब्दी वर्ष में परिसर में सेंटर फार हिमालयन स्टडी की स्थापना की है।
केंद्र ने विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले प्रत्येक छात्र के लिए पौधारोपण अनिवार्य कर दिया है। इस दौरान प्रधानमंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार डा. विजय राघवन ने कहा कि हिमालय पूरी दुनिया के लिए महत्व रखता है। आज अगर हिमालय की स्थिति ठीक नहीं है तो विश्व की स्थिति भी ठीक नहीं कही जा सकती। इसलिए इसके प्रति स्थानीय जनता की ही नहीं, बल्कि हम सबकी जिम्मेदारी है।
वहीं, रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने हिमालय दिवस के इस अवसर पर डा. अनिल जोशी व दिल्ली विवि को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह अति आवश्यक हो जाता है कि जहां हम एक तरफ विकास के तमाम कार्यों के लिए जुटे और जुड़े हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ प्रकृति और पर्यावरण का भी एक बड़ा महत्व हो जाता है और हिमालय देश का सबसे बड़ा प्रतिनिधित्व पर्यावरण के दृष्टिकोण से करता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने हिमालय को पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा और आयुर्वेद का जन्मदाता बताया। उन्होंने हिमालय और उसके गंभीर विषयों पर हमेशा आगे रहने के लिए पर्यावरणविद पद्मभूषण डा. अनिल प्रकाश जोशी का आभार जताया। पद्मभूषण डा. अनिल जोशी ने कहा कि सबसे ज्यादा अमृत हिमालय से ही टपकता है, इसलिए देश के 75वें आजादी के महोत्सव में हिमालय को भी याद किया जाना चाहिए। जिस तरह हिमालय मूक है पर निरंतर अपनी सेवाएं दे रहा है। हमें भी उसकी सेहत का ध्यान रखना है।
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