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दून रेलवे स्टेशन पर पथराव और उपद्रव में पुलिस की बड़ी कार्रवाई; हिंदू व मुस्लिम नेताओं सहित 114 के खिलाफ मुकदमा

शहर कोतवाली में सात हिंदू और सात मुस्लिम नेताओं के खिलाफ नामजद और 100 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि दोनों पक्षों की ओर से पथराव किया गया जिससे सरकारी संपत्ति और कई दुपहिया वाहनों को नुकसान पहुंचा है। पुलिस ने दोनों संगठनों के नौ लोगों को हिरासत में लिया था लेकिन पूछताछ के बाद सभी को छोड़ दिया गया है।

By Soban singh Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sat, 28 Sep 2024 09:37 AM (IST)
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खबर में सांकेतिक तस्वीर का उपयोग किया गया है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। रेलवे स्टेशन पर गुरुवार देर रात हिंदू-मुस्लिम संगठनों के बीच हुए पथराव व उपद्रव के मामले में शहर कोतवाली में सात हिंदू व सात मुस्लिम नेताओं के खिलाफ नामजद व 100 अज्ञात के विरुद्ध शहर कोतवाल चंद्रभान अधिकारी की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया है।

आरोप है कि दोनों पक्षों की ओर से पथराव किया गया, जिसके चलते भगदड़ की स्थिति बन गई। उपद्रवियों ने सरकारी संपत्ति व कुछ दुपहिया वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया है। इस मामले में पुलिस ने शुक्रवार को दोनों संगठनों के नौ लोगों को हिरासत में लिया, हालांकि पूछताछ के बाद सभी को छोड़ दिया गया है।

विवाद की संभावना थी

शहर कोतवाल के अनुसार उन्होंने बताया कि गुरुवार को सुरक्षा की दृष्टि से युवक को रेलवे पुलिस थाना व किशाेरी को जीआरपी थाने में बैठाया गया था। किशाेरी व युवक अलग-अलग समुदाय के होने के कारण हिंदू व मुस्लिम संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच विवाद की संभावना थी, जिसके चलते पुलिस फोर्स मौके पर भेजा गया। हिंदू व मुस्लिम संगठनों के लोग धीरे-धीरे कर मौके पर पहुंचे।

मुस्लिम पक्ष से आसिफ कुरैशी महानगर अध्यक्ष आजाद समाज पार्टी, शोएब निवासी ब्रहमपुरी, नवाज कुरैशी निवासी इनामुल्ला बिल्डिंग, इताद खान उर्फ सोनू पार्षद, आकिब निवासी इन्नामुल्ला बिल्डिंग, तौफीक खान निवासी आजाद कालोनी, अर्श निवासी रीठा मंडी व 50 अन्य व्यक्ति मौजूद थे। इस संगठन का नेतृत्व आसिफ कुरैशी कर रहा था।

दोनों पक्षों से हुआ पथराव

दूसरी ओर हिंदू संगठन से बजरंग दल के प्रदेश अध्यक्ष विकास वर्मा निवासी गांधी ग्राम, रोहित मौर्य निवासी गांधी ग्राम, सिद्धांत बडोनी, अमन स्वेडिया निवासी गांधी ग्राम, अनिल निवासी रायपुर, सन्नी निवासी चुक्खु मोहल्ला, राजेश जूसवाला व अन्य 50 लोग थे। इनका नेतृत्व विकास वर्मा कर रहा था। पुलिस ने उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन अचानक दोनों पक्षों की तरफ से एक दूसरे पर जमकर पथराव शुरू हो गया। इससे माहौल तनावपूर्ण हो गया व रेलवे स्टेशन पर आने जाने वाले यात्रियों, महिलाओं व बच्चों, टेंपो, टैक्सी व फड़ ठेली वालों में अफरा तफरी व भगदड़ मच गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।

पटेलनगर कोतवाली का सरकारी वाहन सहित दुपहिया वाहन तोड़े

उपद्रवियों ने रेलवे स्टेशन पर पार्सल घर के बाहर खड़े दुपहिया वाहनों में तोड़फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर आगजनी का प्रयास किया और पटेलनगर कोतवाली का सरकारी वाहन भी क्षतिग्रस्त कर दिया। मौके पर पुलिस बल ने लाठी फटकारते हुए भीड़ को तितर बितर किया और आसपास से और फोर्स मंगाया गया। इस दौरान आठ दुपहिया वाहन, व रेलवे व अन्य सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया।

गिरफ्तार नहीं पूछताछ के लिए ले गए थे : विकास वर्मा

दिनभर चले घटनाक्रम के बाद शाम को पुलिस हिरासत से रिहा हुए विकास वर्मा ने इंटरनेट मीडिया पर खुद की एक वीडियो जारी कर स्पष्ट किया कि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था बल्कि रेलवे स्टेशन पर पथराव के संबंध में पूछताछ के लिए कोतवाली बुलाया गया था। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने यह भ्रामक खबर फैलाई कि उन्हें गिरफ्तार किया गया है, जबकि ऐसा नहीं था। उन्होंने कहा कि पूरे मामले में पुलिस ने काफी सतर्कता बरती, जिसके चलते बड़ी घटना नहीं हो पाई। वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस को तत्काल कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं।

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