Jhanda Mela: देहरादून में झंडे जी का आरोहण, कोरोनाकाल के चलते इस बार मेला सिर्फ दो दिवसीय
Jhanda Mela ऐतिहासिक श्रीझंडे जी का आरोहण के साथ ही दो दिवसीय सूक्ष्म झंडा मेला शुरू हो गया। दोपहर दो बजकर 10 मिनट पर श्रीगुरुराम राय दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज के सानिध्य में श्री झंडेजी का आरोहण किया गया।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 03 Apr 2021 03:30 AM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। Jhanda Mela आस्था के समंदर में श्रद्धा का सैलाब। भक्ति के रस से सराबोर श्रद्धालु। चारों ओर गुरु महाराज के जयकारों की गूंज, फिर भी असीम शांति का एहसास। यह अद्भुत नजारा शुक्रवार को श्री गुरु राम राय दरबार साहिब परिसर में दिखा, जब यहां विभिन्न प्रदेशों से पहुंचे हजारों श्रद्धालु प्रेम, सद्भावना, भाईचारा, सौहार्द और उल्लास के प्रकाश पुंज झंडे जी के आरोहण के साक्षी बने।
झंडे जी के आरोहण के अविस्मरणीय क्षण का दीदार करने के लिए श्रद्धालुओं के दून पहुंचने का सिलसिला कई दिन पहले ही शुरू हो गया था। शुक्रवार को यह घड़ी जैसे-जैसे नजदीक आती गई, श्रद्धालुओं की उत्सुकता और उनका उल्लास बढ़ता रहा। यह प्रक्रिया सुबह तकरीबन सात बजे झंडे जी (ध्वज दंड) को उतारने की रस्म के साथ शुरू हुई। इसके बाद झंडे जी को दूध, दही, घी और गंगाजल से स्नान कराया गया। पूजा-अर्चना के बाद गिलाफ चढ़ाने की रस्म शुरू हुई। सबसे पहले सादे गिलाफ चढ़ाए गए। इसके बाद शनील और अंत में दर्शनी गिलाफ चढ़ाया गया। दर्शनी गिलाफ को छूने के लिए श्रद्धालु आतुर दिखे। इसके बाद मखमली वस्त्र, सुनहरे गोटों और चंवर से सुसज्जित झंडे जी का आरोहण शुरू हुआ। दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज की अगुआई में श्रद्धालुओं ने 86 फीट ऊंचे झंडे जी को लकड़ी से बनी कैंचियों के सहारे धीरे-धीरे खड़ा किया। दोपहर दो बजकर 12 मिनट पर झंडे जी का आरोहण होते ही वातावरण श्री गुरु राम राय महाराज की जय, जो बोले सो निहाल, सतश्री अकाल, सच्चे दरबार की जय, दरबार साहिब की जय आदि जयकारों से गूंज उठा। संगतें ढोल की थाप पर नृत्य करने लगीं। भावावेश में कई श्रद्धालुओं की आंखें भी नम हो गईं।
श्री झंडा जी मेला प्रबंध समिति के व्यवस्थापक केसी जुयाल ने बताया कि कोविड-19 गाइडलाइन के अनुपालन के क्रम में विभिन्न माध्यमों से लगातार संगतों से सीमित संख्या में आने की अपील की जा रही थी। उसी का प्रभाव रहा कि झंडे जी के आरोहण का साक्षी बनने के लिए पिछले वर्षों की तुलना में इस बार काफी कम श्रद्धालु दून पहुंचे। उन्होंने बताया कि बीते वर्षों में दोपहर तीन से शाम चार बजे के बीच झंडे जी के आरोहण की प्रक्रिया शुरू होती थी, लेकिन इस बार कोरोनाकाल को देखते हुए जल्दी आरोहण किया गया। झंडे जी को उतारने और उनके आरोहण की प्रक्रिया के दौरान पंजाब से पहुंची युवा संगत का पीली टी-शर्ट ड्रेस कोड आकर्षण का केंद्र रहा।
श्रद्धालुओं ने देखा लाइव प्रसारण
झंडे जी के आरोहण के दौरान ज्यादा भीड़ एकत्र न हो, इसके लिए दरबार साहिब प्रबंधन और मेला समिति ने परिसर में दो एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था की थी। जिसमें श्रद्धालुओं ने आरोहण का लाइव प्रसारण देखा। लंगर और भंडारे का आयोजन दिनभर विभिन्न जगहों पर श्रद्धालुओं के लिए लंगर चलते रहे। सहारनपुर चौक, जैन धर्मशाला, तिलक रोड, दरबार साहिब परिसर, हनुमान चौक पर भंडारे की व्यवस्था की गई थी।
रविवार को होगी नगर परिक्रमा झंडे जी के आरोहण के तीसरे दिन रविवार को नगर परिक्रमा होगी। श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज की अगुआई में श्रद्धालु दरबार साहिब से पैदल निकलेंगे और तिलक रोड, घंटाघर, गांधी रोड, रीठा मंडी, भंडारी बाग होते हुए लक्खीबाग स्थित समाधि स्थल पहुंचेंगे। यहां से नगर परिक्रमा वापस दरबार साहिब पहुंचकर संपन्न होगी।
कब क्या हुआ
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- सुबह 09:30 बजे से झंडे जी के पुराने गिलाफ उतारे गए।
- सुबह 10:30 बजे झंडे जी को दूध, दही, घी, गंगाजल से स्नान कराया गया।
- सुबह 11:00 बजे सादे गिलाफ चढ़ाने शुरू हुए। इसके एक घंटे बाद शनील के गिलाफ चढ़ाए गए।
- दोपहर 01:00 बजे दर्शनी गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया पूरी हुई।
- दोपहर 02:12 बजे झंडे जी का आरोहण हुआ।