अब स्मार्ट कार्ड से भी कर सकेंगे नगर निगम को हाउस टैक्स भुगतान
नए वित्तीय वर्ष से नगर निगम में हाउस टैक्स स्मार्ट कार्ड से भी जमा हो सकेगा। निगम प्रशासन ने इसके लिए विभिन्न बैंकों के अधिकारियों से वार्ता कर हल निकाल लिया है।
By BhanuEdited By: Updated: Thu, 24 Jan 2019 12:29 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। नए वित्तीय वर्ष से नगर निगम में हाउस टैक्स स्मार्ट कार्ड से भी जमा हो सकेगा। निगम प्रशासन ने इसके लिए अपने खातों से जुड़े विभिन्न बैंकों के अधिकारियों से वार्ता कर इसका हल निकाल लिया है। नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि बैंकों की ओर से निगम को जारी स्मार्ट कार्ड केवल निगम से जुड़े भुगतान ही करेंगे। यह एक तरह से वॉलेट सिस्टम पर आधारित होंगे। जिनके जरिए नगर निगम से जुड़ा कोई भी शुल्क जमा किया जा सकेगा।
सालाना तकरीबन 20 करोड़ रुपये हाउस टैक्स वसूल रहा निगम जन सुविधाओं को लेकर गंभीर हो गया है। हाउस टैक्स जमा कराने को अब आपको निगम कार्यालय के धक्के नहीं खाने पड़ेंगे, न लाइन में लगना पड़ेगा।कैशलेस व्यवस्था के अंतर्गत नगर निगम फरवरी के पहले हफ्ते से टैक्स जमा करने की प्रक्रिया ऑनलाइन करने का दावा कर रहा है। टैक्स सेवा ऑनलाइन करने के लिए निगम पांच साल से कसरत करता आ रहा है। तकरीबन डेढ़ लाख आवासीय एवं व्यावसायिक भवनों वाले शहर में निगम ने पहले चरण में सत्तर हजार भवन को टैक्स की ऑनलाइन सेवा से जोड़ने का फैसला लिया है।
दरअसल, निगम के कंप्यूटरीकृत डाटा में अभी 63 हजार आवासीय व साढ़े सात हजार व्यावसायिक भवन ही दर्ज हुए हैं। टैक्स की ऑनलाइन सुविधा को लेकर नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने निगम के पैनल में शामिल सभी बैंकों के अधिकारियों संग बैठक की। इसमें तय हुआ कि लोगों को उनके हिसाब से टैक्स जमा करने की सुविधा दी जाएगी। चाहे बैंक के काउंटर पर पहुंचकर टैक्स जमा करे, या ऑनलाइन सुविधा पर। इसके अलावा मोबाइल एप पर भी हाउस टैक्स जमा करने की सुविधा मिलेगी।
फरवरी में लगेंगे हाउस टैक्स कैंपनगर आयुक्त ने बताया कि ऑनलाइन सेवा शुरू होते ही फरवरी के पहले हफ्ते से सभी वार्डों में टैक्स वसूली के शिविर लगाए जाएंगे। इसमें बैंकों के दो कर्मियों की मौजूदगी भी रहेगी। वह स्वैप मशीन या ऑनलाइन सुविधा के जरिए निगम कर्मियों को टैक्स जमा करने में मदद करेंगे।
टैक्स में छूट पर अभी गफलतहाउस टैक्स में बीस फीसद की मिलने वाली छूट को लेकर अभी गफलत कायम है। निगम ने छूट की अंतिम समय-सीमा 31 जनवरी तय की हुई है लेकिन दिक्कत ये है कि जनवरी में निगम टैक्स वसूली के लिए वार्डों में कैंप नहीं लगा पाया। लोगों की मांग है कि ऐसे में छूट की सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए। नगर आयुक्त ने कहा कि सीमा बढ़ाने का अधिकार महापौर को है। अगर वे निर्देश देंगे, तो निगम प्रशासन सीमा आगे बढ़ा सकता है।
आउट-सोर्स भी होगा हाउस टैक्सइस वित्तीय वर्ष से हाउस टैक्स प्रक्रिया आउट-सोर्स करने पर भी मंथन चल रहा था। दरअसल, जो लोग निगम के दफ्तर में आकर या ऑनलाइन टैक्स जमा नहीं करा सकेंगे, उनसे वसूली के लिए एजेंसी कर्मी भेजे जाने का प्लान बनाया गया था। जब तक टैक्स प्रक्रिया ऑनलाइन नहीं हो जाती, इसे लागू करने में भी पेंच है।
अभी निगम के टैक्स अनुभाग में इतने कार्मिक नहीं हैं कि उनसे घर-घर जाकर टैक्स की वसूली कराई जा सके। इसके अलावा पूरी टैक्स वसूली नहीं आने से निगम को हर वित्तीय वर्ष में करोड़ों का नुकसान भी हो रहा। माना जा रहा है कि आउट-सोर्स होने से निगम की आय करीब 40 करोड़ पहुंच जाएगी, जो फिलहाल 20 करोड़ है। जनता को ये लाभ होगा कि एजेंसी कर्मचारी खुद घर आकर टैक्स का असेसमेंट करेंगे और हाथों-हाथ टैक्स भी ले लेंगे। यूजर चार्ज भी हाउस टैक्स के साथ
नगर निगम यह कोशिश भी कर रहा है कि इस वित्तीय वर्ष से डोर-टू-डोर कूड़ा उठान के लिए लिया जा रहा मासिक यूजर चार्ज भी वन-टाइम के आधार पर साल में एक बार हाउस टैक्स के साथ ही ले लिया जाए। चूंकि, जल्द ही डोर-टू-डोर सेवा भी आउट-सोर्स होने जा रही। ऐसे में यह माना जा रहा कि नई कंपनी बेहतर सुविधा देगी। इसलिए लोग आसानी से यूजर चार्ज वर्षभर का जमा करा देंगे। हाउस टैक्स के साथ यूजर चार्ज लेने से इसमें हो रहा बड़ा घपला भी बंद हो जाएगा।डोर-टू-डोर कूड़ा उठान होगा सुचारु
फरवरी के पहले सप्ताह से डोर-टू-डोर कूड़ा उठान की सेवा भी सुचारु होने जा रही है। नगर आयुक्त ने बताया कि रैमकी कंपनी फरवरी से काम शुरू कर देगी। इस कंपनी को काम नवंबर में शुरू करना था, लेकिन तकनीकी अड़चनों के चलते काम शुरू नहीं हो पाया था। माना जा रहा है कि कंपनी के काम संभालने से कूड़ा उठान में सुधार आएगा। फिलहाल, यह काम नगर निगम खुद संभाल रहा है और स्थिति यह है कि वार्डों में एक-एक हफ्ते तक कूड़ा नहीं उठता।यह भी पढ़ें: दूनवासियों को राहत, निगम के पांच दफ्तरों में बनेंगे जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र
यह भी पढ़ें: यहां की सड़कें बन जाती हैं तालाब, सफाई व्यवस्था भी चौपटयह भी पढ़ें: रेलवे ओवर ब्रिज बनने के बाद भी नहीं दूर हो रही लोगों की परेशानी
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।