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Uttarakhand News: उत्तराखंड में पर्यटन की बड़ी संभावनाएं, ब्रांडिंग को हों विशेष प्रयास

केदारनाथ-बदरीनाथ जैसे क्षेत्रों को प्लास्टिक मुक्त घोषित किया गया है। इस अभियान को अन्य पर्यटन स्थलों पर भी विस्तारित करने की योजना है। उन्होंने वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के अंतर्गत 520.13 करोड़ की कुल 523 योजनाएं भारत सरकार को भेजी गई हैं। इनमें से 195.76 करोड़ की 140 योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। 43.96 किमी सड़क निर्माण की स्वीकृत तथा 21 पुलों के निर्माण को डीपीआर गठित कर दी गयी है।

By Ravindra kumar barthwal Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 20 Oct 2024 08:58 AM (IST)
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नीति आयोग उपाध्यक्ष सुमन बेरी की अध्यक्षता में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अधिकारियों के साथ बैठक। साभार- सूवि
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि हिमालयी प्रदेश उत्तराखंड में पर्यटन विशेषकर साहसिक एवं वन्यजीव पर्यटन के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। राज्य की ब्रांडिग के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने राज्य में जैव विविधता के संरक्षण पर बल देने का सुझाव भी दिया।

शनिवार को सचिवालय में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक में उत्तराखंड के सामाजिक-आर्थिक विकास की भावी रणनीति पर मंथन किया गया। बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जाेशी के साथ राज्य सरकार एवं नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर नीति आयोग उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि उत्तराखंड में सतत पर्यटन को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। इसे लेकर व्यापक कार्ययोजना बनाई जाए। लैंगिक विकास पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य की ओर से जिन समस्याओं और विषयों को रखा गया है, नीति आयोग हर संभव सहयोग प्रदान करेगा।

नदी जोड़ो परियोजना होगी गेमचेंजर 

इससे पहले मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य की विषम परिस्थितियों और उनके समाधान के लिए नीति आयोग से अपेक्षित समर्थन मांगा। उन्होंने बताया कि राज्य ने अब तक 5428 स्रोतों का जल संरक्षण और संवर्द्धन कर उन्हें पुनर्जीवित किया है। 228 वर्षाकालीन छोटी-बड़ी नदियों काे उपचार कर पुनर्जीवन दिया गया है। अब नदी जोड़ो परियोजना की रूपरेखा तैयार की जा रही है। यह परियोजना गेमचेंजर साबित होगी। इससे प्रदेश के साथ ही पड़ोसी राज्यों को भी लाभ मिलेगा।

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केंद्रपोषित योजनाओं के मानकों में मिले शिथिलता 

मुख्य सचिव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए आयोग से सहयोग अपेक्षित है। पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दो ऐसे सेंटर स्थापित किए गए। दूसरे चरण में सभी जिलों में इन्हें स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्रपोषित योजनाओं के निर्धारित मानकों में शिथिलता देकर उन्हें अधिक विकेंद्रीकृत बनाने की आवश्यकता है।

राज्य में ग्रीन स्किलिंग के साथ ईको टूरिज्म के लिए नीति आयोग से तकनीकी सहायता मिलनी चाहिए। उन्होंने बताया कि राज्य में नीति आयोग की भांति सेतु आयोग गठित किया गया है। आयोग में प्रभावी नीति नियोजन को सलाहकारों, डोमेन एक्सपर्ट, रिसर्च एसोसिएट व इंटर्नशिप की नियुक्तियां की जा रही हैं।

उन्होंने बताया कि लैंगिक असमानता दूर करने के लिए प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू की जा रही है। इससे महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त होंगे। लैंगिक समानता के लिए महिलाओं को सरकारी नौकरी में 30 प्रतिशत आरक्षण और सहकारी प्रबंध समितियों में 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया गया है।

अधिक निवेशकों को आकर्षित करने को को राज्य सरकार ने 25 निवशोन्मुख नीतियां बनाई गई हैं। उन्होंने पीएम कृषि सिंचाई योजना की गाइडलाइन में लिफ्ट सिंचाई को भी सम्मिलित करने का अनुरोध किया। प्लांटिंग मैटेरियल हब बनाने में भी उन्होंने सहयोग मांगा।

राज्य को बना रहे नालेज हब 

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य को नालेज हब बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए सेवा क्षेत्र नीति लागू की गई है। इसमें शिक्षा, आइटी, डाटा सेंटर, वेलनेस, आयुष, खेल पर विशेष ध्यान दिया गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में स्कूलों और प्रदेश में पर्वतीय व मैदानी क्षेत्रों में उच्च शिक्षण संस्थान की स्थापना को सब्सिडी दी जा रही है।

उन्होंने बताया कि हिमालयी पारिस्थितिकीय तंत्र सबसे संवेदनशील है और बड़े खेत्रों को पानी, जैव विविधता और ईको सिस्टम सेवाएं प्रदान करता है। ग्लेशियरों की निगरानी और संरक्षण को नियमित निगरानी और दीर्घकालिक जल प्रबंधन रणनीतियां विकसित की जा रही हैं।

लघु जलविद्युत परियोजनाओं को मिले 24 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी 

मुख्य सचिव ने उत्तराखंड को पूर्वोत्तर राज्यों की भांति 24 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी वाले राज्यों की श्रेणी में सम्मिलित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इसससे लघु जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण में सहायता मिलेगी। उन्होंने 25 मेगावाट से कम क्षमता की परियोजनाओं के अनुमोदन व क्रियान्वयन की अनुमति राज्य सरकार को प्रदान करने का अनुरोध किया। इससे राज्य में 170 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत उत्पादन क्षमता का शीघ्र उपयोग हो सकेगा। लगभग 3000 मेगावाट तक विद्युत क्षमता का उपयोग किया जा सकेगा।

वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित हो रहे 184 होमस्टे

उन्होंने कहा कि राज्य में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने को कई कदम उठाए जा रहे है। नैनीताल और देहरादून के 79 होमस्टे को ग्रीन लीफ रेटिंग प्रदान की गई हैं। दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास योजना के माध्यम से स्थानीय लोगों को इको-फ्रेंडली होमस्टे स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता एवं प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों की आय में वृद्धि हो रही है। आयुष विभाग के सहयोग से 184 होमस्टे को वेलनेस स्टे के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा दे रहे हैं।

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थीमेटिक विकास को 18 गांवों का चयन 

उन्होंने बताया कि ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 18 गांवों का थीमेटिक विकास के लिए चिह्नीकरण किया गया है। वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत पिथौरागढ़ के गुंजी एवं चमोली के माणा गांव हेतु मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं। इसी प्रकार स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली उत्तरकाशी में बघोरी और रुद्रप्रयाग में सारी गांव के लिए माडल विलेज विकास योजनाएं तैयार कर रहा है।

वर्ष 2027 तक नौ लाख नौकरियां सृजित करने का लक्ष्य 

नियोजन सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि सशक्त उत्तराखंड के अंतर्गत 2027 तक जीएसडीपी काे दोगुना करने और लगभग नौ लाख नौकरियां सृजित करने की योजना बनाई गई है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, राज्य सलाहकार नीति आयोग, सोनिया पंत, सचिव शैलेश बगौली, एसएन पांडेय, अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे, सीपीपीजीजी के एसीईओ डा मनोज पंत उपस्थित थे।

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