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Uttarakhand Crime: मानव तस्करी में गिरफ्तार आरोपित कई संगीन अपराधों में लिप्त, रिकॉर्ड खंगालने में जुटी पुलिस

Uttarakhand Crime देहरादून में मानव तस्करी के मामले में गिरफ्तार महिला और पुरुष का आपराधिक इतिहास रहा है। महिला पहले भी मानव तस्करी के मामले में जेल जा चुकी है और उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज है। पुरुष के खिलाफ लूट हत्या के प्रयास आर्म्स एक्ट और गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर दो किशोरियों और एक युवती को मुक्त कराया है।

By Soban singh Edited By: Nirmala Bohra Updated: Fri, 11 Oct 2024 02:33 PM (IST)
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Uttarakhand Crime: मानव तस्करी में गिरफ्तार आरोपित कई संगीन अपराधों में हैं लिप्त

जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Crime: मानव तस्करी में गिरफ्तार किए गए महिला व पुरुष का आपराधिक इतिहास रहा है। गिरफ्तार महिला बाला वर्ष 2013 में भी थाना सहसपुर से मानव तस्करी के मामले में जेल जा चुकी है। उसके विरुद्ध सहसपुर थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है। वहीं, आरोपित दिग्विजय के विरुद्ध अमरोहा (उत्तर प्रदेश) में लूट, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट तथा गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे दर्ज हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि बुधवार रात पटेलनगर कोतवाली पुलिस व एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की संयुक्त टीम ने पटेलनगर क्षेत्र से मानव तस्करी में लिप्त महिला व पुरुष को गिरफ्तार किया था। उनके कब्जे से दिल्ली से लाई गई दो किशोरियां व एक युवती को रेस्क्यू किया गया था।

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गिरफ्तार दोनों आरोपितों के विरुद्ध पटेलनगर, कोतवाली में मानव तस्करी से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार दोनों आरोपितों के आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि दोनों लंबे समय से संगीन अपराधों में लिप्त हैं।

असोम व मध्य प्रदेश की रहने वाली दो किशोरी व एक युवती

आरोपितों से चुंगल से मुक्त कराई गई दो किशोरियों व एक युवती को बालिका निकेतन में रखा गया है। गुरुवार को उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा. गीता खन्ना ने राजकीय बालिका निकेतन, केदारपुरम में तीनों से मुलाकात की। उन्होंने तीनों के स्वजन के बारे में जानकारी ली।

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बातचीत के दौरान पता चला कि एक किशोरी सिलीगुड़ी की है। वह अपने सौतेले पिता के अत्याचार से परेशान होकर घर से निकल गई थी। वहीं अन्य एक किशोरी व युवती दोनों सगी बहनें हैं, जोकि मध्य प्रदेश की रहने वाली हैं। उनके माता-पिता की मृत्यु हो गई है। वह अपने चाचा-चाची के साथ गांव में रहती थीं।

चाचा-चाची उनके साथ दुर्व्यवहार करते थे। जिसके चलते वह घर से दिल्ली आ गईं। यहां तीनों की मुलाकात हुई। दिल्ली में उन्हें एक व्यक्ति ने नौकरी का झांसा दिया और देहरादून लेकर आ गया। यहां पहुंचकर उन्हें एक फ्लैट में रखा गया, जहां उन्हें बेचने की बात की जा रही थी। घबराकर तीनों रात में चादर के सहारे बालकनी से कूदकर आइएसबीटी पहुंच गईं।

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