ICSE Topper 2023: देहरादून के आदि से बस एक अंक दूर रह गया इंडिया टापर का ताज, बनना चाहते हैं इंजीनियर
ICSE Topper 2023 दसवीं के उत्तराखंड टापर आदि ने गणित जीव विज्ञान रसायन विज्ञान व इंग्लिश लिटरेचर में शत-प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। लेकिन महज एक अंक की दूरी से उनके हाथ से देश में टापर बनने का ताज फिसल गया।
जागरण संवाददाता, देहरादून: ICSE Topper 2023: महज एक अंक की दूरी और हाथ से फिसल गया देश में टापर बनने का ताज। 99.60 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तराखंड टापर बने दून के आदि गुप्ता अपनी उपलब्धि से संतुष्ट तो हैं, लेकिन इस बात का मलाल भी उन्हें रहेगा कि भरपूर तैयारी के बाद भी देश की टापर बनने का उनका सपना अधूरा रह गया।
दसवीं के उत्तराखंड टापर आदि ने गणित, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान व इंग्लिश लिटरेचर में शत-प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। भौतिक विज्ञान में उनके 99 अंक हैं। वहीं, अंग्रेजी लैंग्वेज में 97 व हिंदी में 98 अंक हैं। बेशक उनका प्रदर्शन ऐसा है कि कोई भी इस उपलब्धि पर फक्र करेगा।
पर आदि को भी इस बात का मलाल रहेगा कि एक अंक की दूरी तय करते तो आल इंडिया टापर बन जाते। दरअसल, दसवीं के परिणाम में देश के टापर छात्रों के 499 अंक हैं। जबकि आदि ने 498 अंक हासिल किए कर दूसरा स्थान प्राप्त किया है। उत्तराखंड के छात्रों के साथ इससे पहले भी ऐसा हो चुका है।
आइसीएसई व आइएससी में कई बार छात्र एक या दो अंक से शीर्ष स्थान पाने से चूके हैं। बहरहाल, आदि ने जो उपलब्धि हासिल की है, वह आने वाली कई पीढिय़ों के लिए मिसाल है।
इंजीनियर बनना चाहते हैं स्टेट टापर आदि
जब लक्ष्य निर्धारित कर उसे पाने की ठान ली जाए तो रास्ते खुद ही नजर आने लगते हैं। परिश्रम से ही सफलता हासिल होती है। कोरोनाकाल में दो साल अत्यंत कठिन व चुनौतीपूर्ण थे। पर अभिभावकों के सहयोग, शिक्षकों के मार्गदर्शन व खुद की मेहनत से लक्ष्य पा लिया। यह कहना है आइसीएसई टापर आदि गुप्ता का। ब्राइटलैंड्स स्कूल के कक्षा दस के छात्र आदि ने 99.60 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। आदि का कहना है कि उन्होंने परीक्षा को लेकर कोई तनाव नहीं लिया और न ही पढ़ाई के कोई घंटे निर्धारित किए।
समय का सदुपयोग करते हुए इंटरनेट मीडिया से अपने आपको दूर रखा और ध्यान सिर्फ पढ़ाई पर दिया। आदि के पिता डा. अभिषेक गुप्ता राज्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान सेलाकुई में सीएमएस हैं। वहीं, मां डा. काजल गुप्ता एसजीआरआर मेडिकल कालेज में कम्युनिटी मेडिसिन की प्रोफेसर हैं। पर आदि नान मेडिकल फील्ड में जाना चाहते हैं। उनका सपना इंजीनियर बनने का है। वह अभी अपनी रुटीन पढ़ाई के साथ ही इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई की भी तैयारी कर रहे हैं।
उन्होंने गणित, जीव विज्ञान व रसायन शास्त्र में शत-प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। उन्होंने बताया कि कोरोनाकाल में स्कूल लंबे समय तक बंद रहा व पढ़ाई आनलाइन ही हुई। पर आनलाइन माध्यम में भी स्कूल का अनुशासन भंग नहीं हुआ। शिक्षकों ने हरेक बच्चे पर ध्यान दिया और इसी का नतीजा है कि परिणाम यह रहा। आदि को पढ़ाई के अलावा साइकिलिंग, बैडमिंटन व पढऩे का शौक हैं।