उत्तराखंड बोर्ड परीक्षाः प्रयोगात्मक परीक्षा छूटी तो दोबारा नहीं मिलेगा मौका
उत्तराखंड बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं एक बार छूट गई तो दोबारा परीक्षा देने का मौका नहीं मिलेगा। बोर्ड ने 25 फरवरी तक अनिवार्य रूप से प्रयोगात्मक परीक्षा कराने के निर्देश दिए।
By BhanuEdited By: Updated: Wed, 19 Feb 2020 09:58 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं एक बार छूट गई तो दोबारा परीक्षा देने का मौका नहीं मिलेगा। बोर्ड ने इस बारे में सख्त आदेश जारी करते हुए सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को 25 फरवरी तक अनिवार्य रूप से प्रयोगात्मक परीक्षा आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही हर जिले को अपनी रिपोर्ट बोर्ड को मेल के माध्यम से भेजनी होगी।
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की ओर से बोर्ड परीक्षाओं के लिए कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। इस बार परीक्षाएं दो मार्च से शुरू होने जा रही हैं। परीक्षाओं को लेकर हर स्तर पर तैयारी तेज है। परिषद मुख्य परीक्षाएं शुरू होने से पहले प्रयोगात्मक परीक्षाएं हर हाल में संपन्न करवाने पर जोर दे रहा है। इसी बाबत, परिषद सचिव डॉ. नीता तिवारी ने पत्र जारी करते हुए सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को 25 फरवरी तक हर हाल में प्रयोगात्मक परीक्षाएं संपन्न कराने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसके बाद किसी भी छात्र को दोबारा मौका नहीं दिया जाएगा। सचिव ने जिला शिक्षा अधिकारियों को 21 फरवरी तक हर स्कूल की रिपोर्ट बनाने को कहा है। शिक्षा अधिकारियों को 21 फरवरी तक सुनिश्चत करना होगा कि हर स्कूल में प्रयोगात्मक परीक्षा हो गई है या छूटे हुए स्कूल 25 फरवरी तक कोई तिथि ले चुके हैं या नहीं।
22 को जिलाधिकारी लेंगे बैठकदून जिले में बोर्ड परीक्षा की तैयारियां जांचने और परीक्षाओं के लिए दिशा-निर्देश देने के उद्देश्य से जिलाधिकारी 22 फरवरी को मुख्य शिक्षा अधिकारी समेत सभी खंड शिक्षा अधिकारियों और केंद्र व्यवस्थापकों की बैठक लेंगे। बैठक 22 फरवरी को सुबह साढ़े नौ बजे से सहस्रधारा रोड स्थित हिम ज्योति स्कूल में आयोजित होगी। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने सभी उप खंड शिक्षा अधिकारी समेत अन्य लोगों को बैठक में अनिवार्य रूप से पहुंचने के आदेश जारी कर दिए हैं।
शिक्षा सचिव ने जारी किए दिशा-निर्देशबोर्ड परीक्षाओं को लेकर शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने भी दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। सचिव ने 24 सूत्रीय पत्र शिक्षा निदेशालय और सभी जिलों के सीईओ को जारी कर दिया है। उन्होंने परीक्षा शुरू होने से पहले शिक्षा विभाग को जिला प्रशासन और पुलिस के साथ बैठक कर सभी व्यवस्थाएं और जिम्मेदारियां सुनिश्चत करने के निर्देश दिए हैं। उनके निर्देशों में यह बात साफ की गई है कि किसी भी छात्र को परीक्षा केंद्र पर पाठ्य सामग्री और मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
व्यवस्थापक और संरक्षक होंगे केंद्र पर गड़बड़ी के जिम्मेदारदेहरादून में बोर्ड परीक्षाएं 127 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित होंगी। मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली ने परीक्षा केंद्र तय करने के साथ ही व्यवस्थापक और संरक्षकों की ड्यूटी भी तय कर दी है। परीक्षा केंद्र पर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी के लिए भी इन दोनों को ही जिम्मेदार माना जाएगा।मुख्य शिक्षा अधिकारी ने सभी संरक्षक और व्यवस्थापकों की सूचि जारी की। इसके लिए प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक और प्रवक्ता स्तर के शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। संरक्षक और व्यवस्थापक को परीक्षा शुरू होने से पहले 29 फरवरी को अपने-अपने केंद्र पर स्कूल प्रशासन के साथ बैठक लेनी होगी। बैठक में परीक्षा केंद्र की व्यवस्थाएं जांचने के अलावा अन्य दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।
यह भी पढ़ें: दुर्गम विद्यालय में की ड्यूटी, सुगम में गिनी जा रही सेवामुख्य शिक्षा अधिकारी ने परीक्षा केंद्र के संरक्षक और व्यवस्थापक को सख्ताई के साथ परीक्षा आयोजित करने के आदेश भी दिए हैं। बताया कि परीक्षा केंद्र पर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या लापरवाही की पूर जिम्मेदारी इन्हीं लोगों की होगी।
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