एशिया के सबसे पुराने तकनीकी संस्थानों में से एक विलीएनएक्सटी के साथ आइआइटी ने मिलाया हाथ
आइआइटी रुड़की ने एशिया के सबसे पुराने तकनीकी संस्थानों में से एक विलीएनएक्सटी के साथ मिलकर बैंकिंग प्रोग्राम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) शुरू करने की घोषणा की है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Tue, 07 Jul 2020 05:11 PM (IST)
रुड़की, जेएनएन। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की ने एशिया के सबसे पुराने तकनीकी संस्थानों में से एक विलीएनएक्सटी के साथ मिलकर बैंकिंग प्रोग्राम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) शुरू करने की घोषणा की है। बैंकिंग में एआइ भारत का अपनी तरह का पहला ऑनलाइन प्रोग्राम है। जो मौजूदा प्रोग्राम के साथ-साथ हाल ही में ग्रेजुएट हुए ऐसे टेक्नोलॉजी और फाइनेंस प्रोफेशनल्स के लिए बनाया गया है, जो बैंकिंग सेक्टर में एनालिटिक्स और एआइ में कैरियर बनाने की ख्वाहिश रखते हैं। चार महीने का प्रोग्राम बैंकिंग सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लागू करने के लिए आइटी प्रोफेशनलों और ग्रेजुएट्स को प्रशिक्षित करने पर केंद्रित होगा।
आइआइटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजित के चतुर्वेदी ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में बैंकिंग को बदलने और कंपलाइंस में सुधार करने की क्षमता है। सुरक्षा और गोपनीयता की चिंताओं के साथ-साथ मौजूदा कोविड-19 संकट ने उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए न्यू-एज स्किल्स का लाभ उठाने की आवश्यकता को मजबूत किया है। इस प्रोग्राम को लांच करने के लिए विलीएनएक्सटी के साथ आकर हमें प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि यह प्रोग्राम बैंकिंग सेक्टर में भाग लेने वालों के लिए नए रास्ते खोलेगा। यह प्रोग्राम बैंकिंग और फाइनेंशियल डोमेन में एआइ की भूमिका की गहन समझ देने के लिए शीर्ष बिजनेस लीडर्स की ओर से इंडस्ट्री इमर्शन क्लासेज को कवर करेगा।
यह विलीएनएक्सटी और आइआइटी रुड़की से एक ज्वाइंट सर्टिफिकेशन भी देगा। विली इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर विकास गुप्ता ने कहा कि विलीएनएक्सटी उद्योग-व्यापी कौशल अंतर को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर में प्रॉडक्ट के डेवलपमेंट और डिप्लॉइमंट में तेजी लाने के लिए ऑटोमेशन पर बहुत जोर दिया गया है। इसने डिजिटल रूप से सक्षम कार्यबल की मांग को बढ़ाया है।
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32 फीसद कर रहे हैं एआइ टेक्नोलॉजी का उपयोग
नेशनल बिजनेस रिसर्च इंस्टीट्यूट और नैरेटिव साइंस की ओर से किए गए संयुक्त शोध के अनुसार यह देखा गया है कि भारत में लगभग 32 फीसद फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर पहले से ही एआइ टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं। वहीं, एसबीआइ, एचडीएफसी, आइसीआइसीआइ जैसे कुछ अग्रणी बैंकों ने अपने सिस्टम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनाया है।
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