अगले सत्र में लाया जाएगा बेनामी संपत्ति को जब्त करने का विधेयक: त्रिवेंद्र
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बेनामी संपत्ति को जब्त करने के लिए बनाए जा रहे कठोर कानून के मसौदे को मंजूरी के लिए अगली कैबिनेट में रखा जाएगा।
By Edited By: Updated: Thu, 25 Jul 2019 12:06 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बेनामी संपत्ति को जब्त करने के लिए बनाए जा रहे कठोर कानून के मसौदे को मंजूरी के लिए अगली कैबिनेट में रखा जाएगा। इस संबंध में विधेयक विधानसभा के अगले सत्र में पेश होगा।
सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बेनामी संपत्ति पर केंद्र सरकार की ओर से भी कानून बनाया गया है। राज्य सरकार इस कानून का अध्ययन करने के साथ ही राज्य की जरूरत के मुताबिक सख्त कानून बनाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का बेनामी संपत्ति कानून देश के किसी भी राज्य की तुलना में सबसे बेहतर होगा। पिछली भाजपा सरकार ने इस कानून को बनाया था, लेकिन बाद वह कानून लागू होने से रह गया। उक्त कानून का मसौदा जल्द तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत विशेष न्यायालयों का गठन भी किया जाएगा। अगले विधानसभा सत्र में संबंधित विधेयक पेश किया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आएंगी मुख्यमंत्री ने कहा कि 28 जुलाई को मसूरी में होने जा रहे हिमालयन कॉन्क्लेव में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, प्रधानमंत्री कार्यालय में अपर प्रमुख सचिव पीके मिश्रा, नौ हिमालयी राज्यों के मुख्यमंत्री शिरकत कर रहे हैं।
बताया कि असम में बाढ़ के चलते वहां के मुख्यमंत्री के कॉन्क्लेव में शिरकत करने की कम संभावनाएं हैं। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के सलाहकार कॉन्क्लेव में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि कॉन्क्लेव हिमालयी राज्यों की सांझी विरासत और आवश्यकताओं को साझा मंच देने की पहल है। इससे 15वें वित्त आयोग और नीति आयोग को भी हिमालयी राज्यों की समस्याओं और जरूरतों को समझने का अवसर मिलेगा। प्रत्येक स्कूल में सतर्कता अधिकारी
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि चंडीगढ़ में नशे के खिलाफ होने जा रही समीपवर्ती राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों, पुलिस प्रमुखों, गृह सचिवों की बैठक में साझा रणनीति को अंजाम दिया जाएगा। इससे पहले हुई बैठक में पंचकुला में सचिवालय बनाने पर सहमति हो चुकी है। एंटी ड्रग टास्क फोर्स के माध्यम से हो रही डाटा शेयरिंग में नशे के अवैध धंधे में लिप्त 50 हजार से ज्यादा कारोबारियों पर उक्त राज्य बारीकी से नजर रख रहे हैं। साझा व्हाट्सएप ग्रुप में जानकारियों का आदान-प्रदान किया जा रहा है। राज्य के प्रत्येक विद्यालय में एक शिक्षक को नशे के खिलाफ बतौर सतर्कता अधिकारी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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