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IMA POP में शामिल होने दिल्‍ली से देहरादून पहुंचे लड्डू गोपाल, किसी ने ली सेल्‍फी तो कोई एक टक निहारता रहा

IMA POP 2022 आइएमए में पासिंग आउट परेड के दौरान दिल्ली निवासी दर्वेश कुमार का परिवार लड्डू गोपाल लेकर यहां पहुंचा। वह लड्डू गोपाल को कहीं भी अकेला नहीं छोड़ते। कई व्यक्तियों ने इनके साथ सेल्फी भी ली।

By Sumit kumarEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sun, 11 Dec 2022 09:13 AM (IST)
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IMA POP 2022 : दर्वेश कुमार का परिवार लड्डू गोपाल लेकर यहां पहुंचा।
जागरण संवाददाता, देहरादून : IMA POP 2022 : आइएमए में पासिंग आउट परेड के दौरान दिल्ली निवासी दर्वेश कुमार का परिवार लड्डू गोपाल लेकर यहां पहुंचा। परिवार के सदस्यों की गोद में लड्डू गोपाल को जो भी देखता आशीर्वाद लेता। कई व्यक्तियों ने इनके साथ सेल्फी भी ली।

लड्डू गोपाल को भी साथ लेकर आए प्रशांत के स्‍वजन

दिल्ली के दयालकोट निवासी दर्वेश कुमार शर्मा ठेकेदार हैं, जबकि पत्नी सावित्री देवी गृहिणी। आइएमए से पासआउट बेटे प्रशांत शर्मा से मिलने के लिए स्वजन दिल्ली से पहुंचे तो घर पर कोई सदस्य न होने के चलते लड्डू गोपाल को भी साथ लेकर आए।

दर्वेश कुमार शर्मा ने बताया कि लड्डू गोपाल की पूजा के साथ ही उन्हें समय-समय पर भोग लगाया जाता है। जिस दिन परिवार को बाहर जाना होता है और घर खाली रहता है तो लड्डू गोपाल को भी लेकर चले आते हैं।

लड्डू गोपाल को कहीं भी अकेला नहीं छोड़ते। इसलिए आइएमए में पासिंग आउट परेड देखने के लिए परिवार आया तो लड्डू गोपाल को भी लेकर चले आए।

हाथ में तमगा और कंधे पर सितारे, बने आंख के तारे

जागरण संवाददाता, देहरादून: कहा जाता है कि मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो मंजिल मिल ही जाती है। इतना जरूर कि मंजिल तक पहुंचने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है। बल्कि परिश्रम से काबिलियत और निखरती है। यही बात अवार्ड प्राप्त करने वाले कैडेट में भी दिखी।

पवन ने किया खुद को साबित

बिहार के औरंगाबाद के रहने वाले कैडेट पवन कुमार सबकी आंख के तारा बने रहे। इस कैडेट ने न सिर्फ परेड का नेतृत्व किया बल्कि प्रतिष्ठित स्वार्ड आफ आनर के साथ ही गोल्ड मेडल भी प्राप्त किया है। पहली बार में ही एनडीए में चयन होने के बाद पवन की सैन्य पारी की शुरुआत हुई है।

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खड़गवासला स्थित एनडीए में तीन साल के प्रशिक्षण के दौरान पवन ने बेहतर प्रदर्शन किया। अंतिम वर्ष के प्रशिक्षण के लिए वह आइएमए पहुंचे तो अपनी क्षमताओं को और निखारा। जिसका इनाम उन्हें मिला है। पवन के पिता अजीत कुमार झारखंड पुलिस में तैनात हैं, जबकि मां चंद्रकांति देवी गृहिणी हैं। तीन भाइयों व एक बहन में सबसे बड़े पवन अब सेना में अधिकारी बन गए हैं।

किसान के बेटे ने पाया मुकाम

हरियाणा के भिवाड़ी के रहने वाले कैडेट जगजीत सिंह को सिल्वर मेडल मिला है। गांव के सामान्य किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले जगजीत का सैन्य अधिकारी बनने तक का सफर इतना आसान नहीं रहा। वह पहले वर्ष 2015 में वायुसेना (जनरल ड्यूटी) में भर्ती हुए।

इसके बाद एसीसी से सेना में अफसर बनने का मौका मिला। उनके पिता सत्य प्रकाश किसान हैं और मां सरोज गृहिणी। अपने गांव के निवासियों को फौजी वर्दी में देख सत्य प्रकाश भी अपने बेटे को फौजी के रूप में देखना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने जगजीत को प्रोत्साहित किया। अब वह अपने गांव से पहले सैन्य अधिकारी बन गए हैं।

फौज के लिए छोड़ी एमएनसी की नौकरी

उप्र के मथुरा निवासी अभिषेक शर्मा को टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स का सिल्वर मेडल मिला है। केवि मेरठ से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने लवली यूनिवर्सिटी से एमटेक किया।

इसके बाद 11 माह एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी की। लेकिन, अच्छी नौकरी व वेतन फौजी वर्दी पहनने की ललक कम नहीं कर सका। उनके पिता ठाकुर दत्त भी सेना के सेवानिवृत्त सूबेदार हैं, जबकि मां रामरती गृहिणी हैं।

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