IMA POP : देश के सरहदों की हिफाजत में नहीं वीरभूमि उत्तराखंड का कोई सानी, दशकों पूर्व से चली आ रही यह परंपरा अब भी बरकरार
IMA POP सेना में सिपाही हो या फिर अधिकारी उत्तराखंड का दबदबा कायम है। जनसंख्या घनत्व के हिसाब से देखें तो उत्तराखंड देश को सबसे अधिक जांबाज देने वाले राज्यों में शुमार है। दशकों पूर्व से ही यह परंपरा निरंतर चली आ रही है।
By Nirmala BohraEdited By: Updated: Sat, 11 Jun 2022 08:28 AM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून : IMA POP : बात जब भी देश के सरहदों की हिफाजत की होती है तो इसमें उत्तराखंड का नाम सबसे पहले आता है। मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करना देवभूमि की पुरानी परंपरा रही है।
निरंतर चली आ रही परंपरा
सेना में सिपाही हो या फिर अधिकारी, उत्तराखंड का दबदबा कायम है। भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) से सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर पास आउट होने वाले जेंटलमैन कैडेट की संख्या इस सच्चाई को बयां करती है। जनसंख्या घनत्व के हिसाब से देखें तो उत्तराखंड देश को सबसे अधिक जांबाज देने वाले राज्यों में शुमार है। दशकों पूर्व से ही यह परंपरा निरंतर चली आ रही है।
इस बात में भी कोई अतिश्योक्ति नहीं कि उत्तराखंडी युवाओं में देशभक्ति का जच्बा कूट-कूट कर भरा हुआ है। सैन्य अकादमी में साल में दो बार यानी जून और दिसंबर में आयोजित होने वाली पासिंग आउट परेड में इसकी झलक देखने को मिली। पिछले एक दशक के दौरान शायद ही ऐसी कोई पासिंग आउट परेड हो, जिसमें कदमताल करने वाले युवाओं में उत्तराखंडियों की तादाद अधिक न रही हो। यहां यह बात गौर करने वाली है कि राच्य की आबादी देश की कुल आबादी का महज 0.84 प्रतिशत है।
अधिक जनसंख्या वाले राज्य भी उत्तराखंड के सामने कहीं नहीं ठहरतेयदि इसकी तुलना सैन्य अकादमी से शनिवार को पासआउट होने वाले 288 भारतीय कैडेटों से करें तो इसमें राज्य के सहयोग का स्तर 33 कैडेटों के साथ करीब 11 प्रतिशत है। इस मुकाबले अधिक जनसंख्या वाले राज्य भी उत्तराखंड के सामने कहीं ठहरते नहीं हैं।
पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के कैडेटों की संख्या भले ही सबसे अधिक 50 है, मगर इसकी तुलना वहां की आबादी के हिसाब से करें तो भारतीय सेना को जांबाज देने में अपना उत्तराखंड ही अव्वल नजर आता है, क्योंकि उप्र की आबादी का प्रतिशत देश की कुल आबादी का 16 फीसद है, जो उत्तराखंड से कई गुणा अधिक है। राजस्थान, महाराष्ट्र, पंजाब, बिहार, हरियाणा जैसे राज्य भी संख्या बल (पासिंग आउट कैडेट) में उत्तराखंड से पीछे हैं।
राज्यवार कैडेटों की संख्या राज्य-कैडेटउत्तर प्रदेश-50उत्तराखंड-33बिहार-28हरियाणा-25महाराष्ट्र-22पंजाब-21राजस्थान-20दिल्ली-15हिमाचल प्रदेश-13केरल-09मध्य प्रदेश-08तेलांगाना-06जम्मू-कश्मीर-06नेपाल(भारतीय मूल)-06बंगाल-05तमिलनाडू-05
कर्नाटक-04ओडिसा-02आंध्र प्रदेश-02त्रिपुर-02अरुणाचल प्रदेश-01असम-01छत्तीसगढ़-01झारखंड-01मणिपुर-01सिक्किम-01यह भी पढ़ें :- IMA POP : अंतिम पग पार कर भारतीय सेना में आज शामिल होंगे 288 युवा अफसर, आठ मित्र देशों के 89 कैडेट भी हो रहे पासआउट
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।