IMA POP 2022 : बहनों ने दी प्रेरणा, तो भाइयों ने पाया मुकाम, बने सेना में अफसर
IMA POP 2022 भाई-बहन का रिश्ता अनमोल निश्छल होता है। भाई-बहन हर पल एक-दूसरे की ढाल बनकर रहते हैं। कुछ ऐसे ही उदाहरण आइएमए पासिंग आउट परेड में भी देखने को मिले। उत्तर प्रदेश के मेरठ निवासी जगदीप सिंह के लिए उनकी बहनें किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून: IMA POP 2022 : भाई-बहन का रिश्ता अनमोल, निश्छल होता है। भाई-बहन हर पल एक-दूसरे की ढाल बनकर रहते हैं।
वह एक-दूसरे को जीवन के हर एक खट्टे-मीठे पलों और बड़ी-से-बड़ी परेशानियों और कठिनाइयों को बेहद आसानी से पार कर जाने की निरंतर प्रेरणा देते हैं। वह एक दूसरे को आगे बढ़ने को प्रोत्साहित करते हैं।
कुछ ऐसे ही उदाहरण आइएमए पासिंग आउट परेड में भी देखने को मिले। जहां बहनों की प्रेरणा से भाईयों ने मुकाम हासिल कर लिया। उत्तर प्रदेश के मेरठ निवासी जगदीप सिंह के लिए उनकी बहनें किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं।
एक बहन तनु डायटीशियन हैं, जबकि दूसरी बहन श्वेता मिलिट्री नर्सिंग सर्विस में कैप्टन हैं। श्वेता दो साल पहले कमीशन हुई हैं। जगदीप के भाई हरदीप सिंह क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी हैं और उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के लिए खेलते हैं।
भाई-बहन के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा
जगदीप सिंह बताते हैं कि उनके घर में भाई-बहन के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा रही है। जिससे उन्हें आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा मिली। इससे ही मिलती-जुलती कहानी नारनौल हरियाणा निवासी आशीष यादव की भी है। उनकी बहन अनु मिलिट्री नर्सिंग सर्विस में हैं और अभी लखनऊ में बतौर कैप्टन तैनात हैं।
पिता रिटायर्ड सूबेदार अनिल यादव अब कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में कार्यरत हैं। आशीष की शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूल धौलाकुआं से हुई है। वह कहते हैं कि उन्हें पिता से सेना में आने की प्रेरणा मिली और बहन ने उन्हें प्रोत्साहित किया है।
इशुमन ने किया पिता का सीना चौड़ा
आइएमए से पास आउट होकर चंडीगढ़ के इशुमन ने पिता तीरथ शर्मा का भी सपना पूरा किया। बीएसएफ में एएसआइ तीरथ शर्मा सेवानिवृत्त होने से पहले बेटे को सेना में अफसर बनते देखना चाहते थे। शनिवार को पीपिंग सेरेमनी में बेटे के कंधों पर सितारे सजे देखे तो वह जोश से भर गए और बेटे को गोद में उठाकर खुशी जाहिर की।
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तीरथ शर्मा ने बताया, उनका सपना था कि परिवार की अगली पीढ़ी भी सेना में हो। वह बेटे इशुमन को सेना में अधिकारी देखना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने बचपन से ही बेटे में सैन्य परंपरा के बीज बोने शुरू कर दिए थे। इशुमन ने केंद्रीय विद्यालय चंडीगढ़ से 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद एनडीए की परीक्षा पास कर आइएमए में प्रवेश पाया।
इशुमन ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही वह सैन्य परंपरा और देशभक्ति के जज्बे को जीने लगे थे। इशुमन का कहना है कि कोई भी काम लगन और मेहनत से किया जाए तो मंजिल जरूर मिलती है। इशुमन की मां सीमा शर्मा गृहिणी हैं।