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Uttarakhand Weather News: आज पहाड़ी क्षेत्र में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी, देखिए नैनीताल-दून का अपडेट

Uttarakhan Weather News Laetest Update पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश और देहरादून रुद्रप्रयाग टिहरी उत्तरकाशी नैनीताल में कहीं-कहीं गर्जन और बिजली चमकने के साथ एक से दो दौर तेज वर्षा हो सकती है। मौसम विभाग का रविवार का अनुमान है। इससे पहले मौसम विभाग का पूर्वानुमान सटीक साबित हुआ है। पिछले दो दिनों में अच्छी बारिश देखने को मिली है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 08 Sep 2024 07:44 AM (IST)
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Uttarakhand Weather: आज पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

जागरण संवाददाता देहरादून। प्रदेशभर में मानसून की वर्षा का दौर जारी है। रविवार को पर्वतीय जनपदों में अधिक और मैदानी क्षेत्रों में एक से दो दौर मध्यम वर्षा होने की संभावना है। शनिवार को सबसे अधिक सोन प्रयाग में 62.4 मिमी व कालसी में 61.1 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।

बरसात के कारण तापमान पर दिखा असर

  • देहरादून के कुछ क्षेत्रों में एक से दो दौर हल्की वर्षा हुई। इस दौरान दून कर अधिकतम तापमान 30.4 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस अधिक 24.1 डिग्री सेल्सियस रहा।
  • पंतनगर का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक 35.3 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक 24.1 डिग्री सेल्सियस रहा।
  • मुक्तेश्वर का अधिकतम तापमान 19.2 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 14.5 डिग्री सेल्सियस रहा।
  • टिहरी का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस कम 23.3 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 17.3 डिग्री सेल्सियस रहा।

आज पर्वतीय जिलों में येलो अलर्ट जारी

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि रविवार को पर्वतीय जनपद में कहीं-कहीं तेज वर्षा सकती है इसे देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है। मैदानी क्षेत्रों में कहीं-कहीं गर्जन और बिजली चमकने और हल्की वर्षा हो सकती है। 

13 सितम्बर से फिर मानसून सक्रिय होने का पूर्वानुमान

मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगामी 13 सितंबर को एक बार फिर मानसून के सक्रिय होने से पर्वतीय जनपदों में भारी से भारी वर्षा होने की संभावना है। अब तक मानसून की बारिश ने उत्तराखंड को काफी भिगोया है। उत्तराखंड में मानसून की बारिश के कारण काफी बार रास्ते बंद हुए। पर्वतीय इलाकों के लिए मानसून चुनौती बन जाता है।