उत्तराखंड में आफत की बारिश, एक महिला की मौत; एक लापता
पहाड़ों में लगातार बारिश से नदियां उफान पर हैं। भूस्खलन से बदरीनाथ और गंगोत्री मार्ग बंद हैं। वहीं, कोटद्वार में एक महिला बरसाती नाले में बह गई।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 25 Aug 2018 09:01 PM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: पहाड़ों में लगातार बारिश से नदियां उफान पर हैं। गढ़वाल में मंदाकिनी, पिंडर, अलकनंदा तो कुमाऊं में गोरी, काली, शारदा और सरयू का जलस्तर बढ़ गया है। हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा चेतावनी रेखा को छूने लगी है। ऋषिकेश में में प्रसिद्ध त्रिवेणी घाट के मुख्य प्लेटफार्म तक गंगा का पानी पहुंच गया है। कोटद्वार के पनियाली गदेरे में एक महिला की बहने की सूचना है, जबकि पिथौरागढ़ में जौलजीवी के पास हुए भूस्खलन की चपेट में आई महिला जयंती देवी की मौत हो गई। पहाड़ों में सड़कों पर भूस्खलन की मार जारी है। बदरीनाथ के निकट लामबगड़ स्लाइडिंग जोन प्रशासन के लिए चुनौती बनता जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे में भी मौसम के मिजाज में कोई परिवर्तन नहीं होगा। विशेषकर देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और पिथौरागढ़ में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका है। मौसम की चेतावनी के मद्देनजर शासन ने भी सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट पर रखा है।
कोटद्वार पनियाली गदेरा उफान परकोटद्वार व आसपास के क्षेत्रों में रात करीब 11 बजे से लगातार बारिश हो रही है। इससे क्षेत्र की मालन, शुखरो, खो, कोल्हू सहित तमाम नदियां उफान पर आ गई है। मोटाढाक, नंदपुर, मावकोट, कोठला सहित कई गांवों में मालन व सुखरो का पानी लोगों के घर में घुस गया है। लगातार बारिश से कोटद्वार-दुगड्डा के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग तीन जगह बाधित हो गया है, जिस कारण इस मार्ग पर कई वाहन फंस गए हैं। सुबह करीब 5.30 बजे अचानक पनियाली गदेरे (बरसाती नाला) भी पूरे उफान पर आ गया, जिससे आम पड़ाव, कौड़िया, शिवालिक नगर, सूर्या नगर सहित कई जगह गदेरे का पानी घरों में घुस गया। बताना जरूरी है कि अगस्त 2017 को इस गदेरे ने क्षेत्र में काफी तबाही मचाई थी। कोटद्वार अपडेट मोहला आम पड़ाव में एक मकान पनियाली गदेरे की भेंट चढ़ा, वहीं एक महिला के बहने की सुचना।
ऋषिकेश में बदरीनाथ और गंगोत्री हाईवे पर हो रहा भूस्खलन
क्षेत्र में शुक्रवार की रात से निरंतर हो रही वर्षा से बदरीनाथ और गंगोत्री हाईवे में यातायात प्रभावित हुआ है। ऋषिकेश से श्रीनगर मार्ग पर शिवपुरी के समीप शनिवार की सुबह पांच बजे मलबा आने से सड़क बंद हो गई है। ऋषिकेश उत्तरकाशी रूट पर प्लासडा फकोट के समीप मलबा आया है। ऋषिकेश से हरिद्वार जाने वाले चीला बाईपास मार्ग पर भी यातायात अवरुद्ध है। यमकेश्वर प्रखंड से आने वाली बीन नदी में उफान आ गया है। जिससे लक्ष्मणझूला पुलिस ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नदी मार्ग के जरिये पार जाने वाले वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी है।रायवाला के गौहरीमाफी गांव में बाढ़ के हालात
मूसलधार बारिश से गौहरीमाफी गांव में एक बार फिर बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। सौंग नदी उफान पर है। हाल ही में सिंचाई विभाग द्वारा सौंग नदी की धारा को डायवर्ट करने के लिए किए गए अस्थायी उपाय ध्वस्त होने लगे है। नदी के उफान में कच्चे तटबंध का एक बड़ा हिस्सा बह गया है, जिससे गांव के 250 परिवार बाढ़ में घिर गए हैं। गांव से आवागमन का रास्ता फिर से बंद हो गया है। साहबनगर, जोगीवालामाफी, ठाकुरपुर, नेपाली फार्म में भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है। वहीं गंगा में उफान से तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। लगातार हो रही बारिश से हाइवे पर जलभराव हुआ है। पहले से ही खस्ताहाल सड़क पर बारिश से कई जगहों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं और सफर बेहद जोखिम भरा हो गया है।बदरीनाथ और गंगोत्री हाईवे बंद
उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे तीन जगहों पर पहाड़ी से मलबा गिरने सिलगुरा, थिरांग, गंगनानी के पास बाधित हो गया है। चमोली में बदरीनाथ हाईवे क्षेत्रपाल, पागलनाला और लामबगड़ में भूस्खलन से बंद है।
देहरादून में भारी बारिश की संभावना शहर दून व आसपास के इलाकों में आज भी बारिश की संभावना है। पिछले 24 घंटे में दून में 48.4 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार आज दून के साथ पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत, यूएसनगर व पिथौरागढ़ में भारी से भारी बारिश की संभावना है। विभाग ने चेतावनी के साथ अलर्ट जारी किया है।
हरिद्वार में गंगा चेतावनी रेखा के ऊपर बह रहीरात भर हुई बारिश से गंगा फिर चेतावनी रेखा 293 मीटर के ऊपर बह रही है। सुबह छह बजे यह 293.15 मीटर और आठ बजे 293.40 मीटर पर गंगा का जलस्तर पहुंचा है। कोटावली में पुल का रपटा टूटकर बहने से आवागमन बंद कर दिया गया है। शहर के भगतसिंह चौक, ऋषिकुल पुलिया के पास अत्यधिक जलभराव होने से आवागमन प्रभावित हुआ है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा कैंतुरा ने बताया कल से ही 36 घंटों का अलर्ट जारी कर दिया गया है। लक्सर के तटीय इलाकों में हालात नाजुक बनी है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है। शहर में जलभराव दूर करने के लिए जल संस्थान पंपों से निकासी करा रहा है।
21 सड़के जगह जगह बंद, नदियों का जलस्तर बढ़ा
बागेश्वर में मूसलधार बारिश का दौर जारी है। बारिश से जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली विभिन्न 21 सडकें के बंद हो गई है। मार्ग बंद होने से आवागमन पूरी तरह प्रभावित हुआ है। बारिश से यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जगह-जगह मार्ग बंद होने से सड़क के दोनों ओर जाम की स्थिति है। 40 हजार की आबादी सीधे प्रभावित हो रही है। सरयू गोमती नदी अपने उफान पर है। सरयू नदी का जलस्तर 868 मीटर व गोमती नदी का जलस्तर 865 मीटर है। नदियां बढ़ने से सरयू संगम के पास स्थित घाट पूरी तरह डूब गए हैं। किसी भी खतरे को देखते हुए जल पुलिस तैनात की गई है। प्रशासन राहत बचाव कार्य कर रहा है। सड़क मार्ग प्राथमिकता से खोले जा रहे हैं। जगह-जगह मार्ग खोलने को जेसीबी मशीन लगाई गई है। फिलहाल जनानी की कोई सूचना नहीं है।पिथौरागढ़ में कई मार्ग बंदपिथौरागढ़ टनकपुर तवाघाट हाईवे जौलजीवी धारचूला के मध्य किमखोला और दूंगातोली में बंद है, जिससे मार्ग पर कई वाहन फंसे हैं। जौलजीवी मुनस्यारी, थल मुनस्यारी, तवाघाट सोबला, सोबला तिदांग, तेजम सामा सहित आठ ग्रामीण सड़कें बंद हैं। नदियों का जलस्तर स्थिर है। धारचूला में काली नदी 889 मीटर पर बह रही है। खतरे का निशान 890 मीटर है।चंपावत में राष्ट्रीय राजमार्ग पर आया मलबाचंपावत में शुक्रवार रात्रि से लगातार हो रही बारिश के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग मलबा आने से कई स्थानों पर बंद है। चंपावत से टनकपुर के बीच स्वाला, टिपन टॉप, बस्तिया में मलबा आया है और लगातार पत्थर व बोल्डर गिर रहे हैं। साथ ही चार ग्रामीण सड़कें भी बंद हैं। शारदा नदी का जल स्तर 102764 क्यूसेक, 220.15 मीटर पहुच है। बारिश से सभी नदी नाले गाड़ गधेरे उफान पर हैं। बिजली पानी की सप्लाई ठीक है।रामनगर में पर्वतीय मार्ग धनगढ़ी में आया मलबादेर रात से हुई बारिश के चलते पर्वतीय मार्ग धनगढ़ी में मलबा आ गया। मलबा हटाने के बाद वाहनों का आवागमन सुचारू हो पाया। रात दो बजे से शुरू हुई बारिश से जंगल का मलबा मिट्टी पत्थर सुबह करीब चार बजे धनगढ़ी सड़क पर आ गया। इससे पहाड़ों को जाने वाले वाहन आगे नही बढ़ सके। इससे सड़क के दोनों और वाहनों का जाम लग गया। सबसे ज्यादा परेशानी रामनगर से स्कूल जाने वाले शिक्षकों को हुई। उन्हें बस में काफी देर तक इंतजार करना पड़ा। जिस कारण वह समय से स्कूल नहीं पहुंच पाए। इस बीच लोगों एसडीएम परितोष वर्मा को सूचना दी। एसडीएम ने लोनिवि अधिकारियों को मौके पर जेसीबी भेजकर मलबा हटाने के लिए कहा। इसके बाद जेसीबी से मलबा हटाकर यातायात सुचारू कराया गया।यह भी पढ़ें: देहरादून में फटा बादल; चमोली में महिला की मौत; गंगा का जलस्तर बढ़ायह भी पढ़ें: उत्तराखंड में नदी नाले उफान पर, भूस्खलन से कई मार्ग अभी हैं बंद
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