उत्तराखंड : चुनावी साल में जिलों में अधूरे निर्माण कार्य जल्द होंगे पूरे
जिला योजना के बजट से सबसे पहले इस योजना के तहत अधूरे पड़े निर्माण कार्यों को पूरा किया जाएगा। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए 50 फीसद तक धनराशि खर्च की जाएगी। शेष 50 फीसद धनराशि स्कूल भवनों की मरम्मत स्वास्थ्य सेवाओं समेत अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार के लिए इस्तेमाल होगी।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 06 Apr 2021 04:05 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश में जिला योजना के बजट से सबसे पहले इस योजना के तहत अधूरे पड़े निर्माण कार्यों को पूरा किया जाएगा। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए 50 फीसद तक धनराशि खर्च की जाएगी। शेष 50 फीसद धनराशि स्कूल भवनों की मरम्मत, स्वास्थ्य सेवाओं समेत अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार के लिए इस्तेमाल होगी।
चुनावी वर्ष में सभी जिलों में गली-मुहल्लों की सड़कों, नालियों, साफ-सफाई, स्कूलों भवनों की मरम्मत, अतिरिक्त कक्षों के लिए धन तेजी से मिलेगा। अपर मुख्य सचिव नियोजन मनीषा पंवार ने 698.78 करोड़ की जिला योजना के बजट खर्च को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। समाज कल्याण विभाग की सहमति से इस बजट राशि में अनुसूचित जाति उपयोजना और जनजाति उपयोजना मद में बजट राशि तय कर दी गई है। जिला योजना का 50 फीसद शेष बचे और चालू निर्माण कार्यों को पूरा करने, वेतन, मानदेय, पीआरडी स्वयंसेवकों के मानदेय भुगतान पर खर्च करने के निर्देश दिए गए हैं।
ई-लर्निंग व अन्य सुविधाओं को 10 फीसद राशि
शेष 50 फीसद राशि से प्राथमिकता से होने वाले कार्यों का ब्योरा दिया गया है। इसमें प्राथमिक, माध्यमिक इंटर कालेज, प्राविधिक विद्यालयों की मरम्मत, कक्षों व शौचालयों के निर्माण, विद्यालयों में आधारभूत संरचनाओं को बढ़ाना शामिल है। खास बात ये है कि कोरोना काल में ई-लर्निंग के महत्व को समझा गया है। इसलिए ई-लर्निंग, लाइब्रेरी, लैब बनाने या उच्चीकरण में 10 फीसद तक धनराशि उपयोग की जा सकेगी।
शहरी-पर्यटन क्षेत्रों में अवस्थापना विकास
शहरी और पर्यटन क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं में पार्क, लघु पार्किंग, शौचालय, पथप्रकाश, जल भराव से निजात, नालियों-नालों के निर्माण के लिए पांच फीसद तक धन दिया जाएगा। इसके बाद स्वास्थ्य सेवाओं पर जोर दिया गया है। प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के रखरखाव, एंबुलेंस सेवा, स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद, महिला व बाल विकास योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों को दुरुस्त करने को 10 फीसद राशि खर्च की जा सकेगी।
रोजगार योजनाओं पर 15 फीसद खर्चस्वरोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने को उद्यान, पशुपालन, कृषि, मत्स्य पालन, दुग्ध विकास और आजीविका के प्रस्तावों को शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त सिंचाई, लघु सिंचाई, कीटनाशक, उर्वरक, पैकिंग व प्रसंस्करण कार्यों को इसमें शामिल किया जाएगा। कुल मिलाकर स्वरोजगार से संबंधित योजनाओं पर 15 फीसद तक धनराशि उपयोग में लाई जाएगी।
पलायन रोकने को योजनारोजगारपरक योजनाओं में मत्स्य पालन, कुक्कुट पालन, पशुपालन, डेयरी उद्योग, फलोत्पादन, शहतूत, वृक्षारोपण जैसी योजनाओं को शामिल करने पर जोर दिया गया है। पलायन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक पलायन प्रभावित गांवों के लिए ऐसी योजनाएं रखी जाएंगी, ताकि पलायन रोकने में मदद मिले। यह हिदायत दी गई है कि जिला योजना के प्रस्ताव तैयार करते वक्त राज्य सेक्टर, केंद्रपोषित योजनाओं के साथ दोहराव की स्थिति उत्पन्न न हो। नवाचार को प्राथमिकता देने और जिला योजना की राशि नक्शेवार खर्च करने के निर्देश दिए गए हैं।
तीन सदस्यीय दल करेगा अनुश्रवणसरकार की ओर से जारी 21 सूत्रीय दिशा-निर्देशों में सभी स्थायी और अस्थायी निर्माण कार्यों का नियमित अनुश्रवण करने को कहा गया है। इसके लिए जिलाधिकारी के निर्देशन में जिला स्तर पर विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अन्य तीन विभागों के अधिकारियों का दल बनाया जाएगा। यह दल जिला नियोजन समितियों से स्वीकृत कार्यों को शुरू करने से पहले, कार्य करते समय और कार्य पूरा होने के बाद सत्यापन और मूल्यांकन करेगा। दल के अध्यक्ष संबंधित विभाग का उच्चाधिकारी, जिलाधिकारी की अनुमति से अन्य विभागों के दो उच्चाधिकारियों को शामिल किया जाएगा।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिला योजना का जिलेवार ब्योरा(धनराशि करोड़ रुपये)
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- नैनीताल, 49.06
- ऊधमसिंहनगर, 51.85
- अल्मोड़ा, 52.24
- पिथौरागढ़, 50.16
- बागेश्वर, 41.67
- चंपावत, 40.78
- देहरादून, 69.51
- पौड़ी, 83.85
- टिहरी, 66.54
- चमोली, 51.90
- उत्तरकाशी,53.50
- रुद्रप्रयाग, 40.65
- हरिद्वार, 47.07