कोरोना वायरस को लेकर उत्तराखंड में और बढ़ी सतर्कता, इन बातों का रखें ख्याल
उत्तराखंड में कोरोना वायरस को लेकर सतर्कता और बढ़ा दी गई है। सरकारी व निजी अस्पतालों को इसे लेकर खास एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Updated: Wed, 04 Mar 2020 08:59 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में कोरोना वायरस को लेकर सतर्कता और बढ़ा दी गई है। सरकारी व निजी अस्पतालों को इसे लेकर खास एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण मिलने पर तुरंत इसकी सूचना विभाग को देने के लिए कहा गया है।
चीन से पूरी दुनिया में तेजी से पैर पसार रहा कोरोना वायरस दिल्ली में भी दस्तक दे चुका है। इसके अलावा तेलंगाना में भी इसका एक पीड़ित सामने आया है। वहीं आगरा में भी इस बीमारी के छह संदिग्ध पाए गए हैं। इसके बाद उत्तराखंड में भी सर्तकता बढ़ा दी गई है। प्रभावित देशों से आने वालों पर खास नजर रखी जा रही है। अधिकारियों के अनुसार इन स्थानों से आने वाले यात्रियों को 28 दिनों तक सीमित संपर्क में रहने की सलाह दी जा रही है। इसके अलावा सर्विलांस के लिए आशाओं की मदद ली जा रही है।
सीमावर्ती क्षेत्रों, हवाई अड्डों व रेलवे स्टेशन आदि पर भी पूरी सर्तकता बरतने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। वहीं अस्पतालों को दवा, आइसोलेशन वार्ड आदि की तैयारी पूरी रखने को कहा गया है। खुद स्वास्थ्य महानिदेशक भारत-नेपाल सीमा पर कोरोना को लेकर किए गए इंतजाम देख चुकी हैं। देश में कोरोना के मरीज सामने आने बाद अब फिर एक बार अधिकारियों की बैठक आहूत की गई है।
कोरोना को लेकर बच्चों को किया जागरूक स्प्रिंग हिल्स स्कूल में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. दिनेश चौहान ने कोरोना वायरस से बचाव के उपाय छात्र-छात्राओं को बताए। कहा कि पहले से की गई तैयारी हमेशा ही मददगार होती है। छात्रों को चाहिए कि स्कूल व घरों में साफ-सफाई का खूब ध्यान रखें।
एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. पीयूष ने अन्य बीमारियों व उनकी रोकथाम पर बात की। भावी पीढ़ी की जागरूकता पर जोर देते कहा कि स्वस्थ बालक ही स्वस्थ नागरिक होता है और तभी देश प्रगति की ओर बढ़ता है। बच्चों को थैलीसीमिया, नशा मुक्ति, स्वच्छता आदि को लेकर भी जागरूक किया गया।
वहीं, छात्र-छात्राओं ने कहा कि इस प्रकार का परामर्श बहुत उपयोगी होता है। इस अवसर पर विद्यालय के प्रंबध निदेशक भूपेंद्र फरासी, सुषमा फरासी, क्षितिज फरासी, प्रधानाचार्य डॉ. डीपी पुरोहित, कोऑर्डिनेटर सोमी, नेशनल मेंटल हेल्थ प्रोग्र्राम के प्रोग्राम मैनेजर अजय बिष्ट, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की फील्ड ऑफिसर सुषमा मल्होत्रा, प्रोग्राम मैनेजर गीता शर्मा, राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम से रेखा उनियाल आदि उपस्थित रहे।
क्या है कोरोना - कोरोना वायरस संक्रमण एक विषाणु जनित रोग है। - कोरोना वायरस संक्रमण प्रभावित व्यक्ति के खांसने, छींकने अथवा संक्रमित व्यक्ति के नजदीकी संपर्क से फैलता है। संक्रमण के लक्षण बुखार, खांसी-जुकाम, गले में खरांश, गंभीर मामलों में सांस लेने में तकलीफ व न्यूमोनिया।यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में बदला ओपीडी का समय, एक घंटा पहले होगी शुरू
इन बातों का रखें ध्यान-खांसते अथवा छींकते समय अपने मुंह एवं नाक को रूमाल से ढकें। -बार-बार आंख, नाक मुंह छूने से बचें।-नाक, कान अथवा मुंह को छूने से पहले एवं बाद में अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं। -साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।-अधिक मात्रा में तरल पदार्थ व पौष्टिक आहार का सेवन करें। -खाना खाने से पहले व बाहर से आने पर हाथ साबुन से अवश्य धोएं।
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