एयर सर्जिकल स्ट्राइक: अब नापाक हरकतों पर चुप नहीं बैठेगा भारत
भारत ने एयर सर्जिकल स्ट्राइक से सीमा पार सख्त संदेश दे दिया है कि उसकी नापाक हरकतों पर अब चुप नहीं बैठा जाएगा।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 27 Feb 2019 04:57 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के ठिकाने पर हवाई हमले की रक्षा विशेषज्ञों ने जमकर सराहना की है। उनका कहना है कि भारत ने इस हमले से सीमा पार सख्त संदेश दे दिया है कि उसकी नापाक हरकतों पर अब चुप नहीं बैठा जाएगा। आतंकवादी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने का जो काम वायुसेना ने किया है, उसके दूरगामी परिणाम मिलेंगे।
सेवानिवृत्त ले. जनरल एमसी भंडारी का कहना है कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन कर कोई स्ट्राइक नहीं की है। पीओके को भारत समेत पूरी दुनिया विवादित क्षेत्र मानती रही है। भारतीय सेना की इस एयर स्ट्राइक से दुश्मन का पिछली बार की सर्जिकल स्ट्राइक से अधिक नुकसान किया है। मंगलवार सुबह की गई एयर स्ट्राइक के माध्यम से सेना ने साफ कर दिया है भारतीय लोकतंत्र आतंकवाद के खिलाफ नरमी नहीं बरतेगा। साथ ही पूरी दुनिया को भारत ने इस कार्रवाई के माध्यम से यह भी संदेश दिया है कि पाकिस्तान और आतंकवाद वैश्विक शांति के लिए खतरा है। भारत के राजनीतिक नेतृत्व ने पहली बार सेना को जिस तरह कार्रवाई की खुली छूट दी, यह कार्रवाई उसी का प्रतिफल है। पाकिस्तान हमेशा दुनिया के सामने झूठ बोलता रहा है। इसे कूटनीतिक भाषा में डीनाइब्रिलिटी सिंड्रोम कहा जाता है। आज हमने राजनीतिक, कूटनीति, सामरिक, हर मोर्चे पर पाकिस्तान की घेराबंदी की है। यही सही तरीका भी है।
सेवानिवृत्त ले. जनरल ओपी कौशिक का कहना है कि यह स्ट्राइक होनी लाजिमी थी। पहले हमारी पॉलीटिकल लीडरशिप कमजोर थी, पर अब एक्शन लेने में विश्वास रखती है। पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया गया है कि हम अब चुप नहीं बैठेंगे। आमतौर पर एलओसी के 25 किलोमीटर तक के दायरे में आतंकी शिविर रहते हैं। पाकिस्तान को यह आशंका थी कि पिछली बार की तरह भारतीय सेना फिर किसी ऑपरेशन को अंजाम देगी। ऐसे में पुलवामा हमले के बाद आतंकी कैंप खाली करा वहां मौजूद आतंकियों को 80-90 किलोमीटर की दूरी पर सेकेंड लाइन तैयार कर शिफ्ट कर दिया गया। इस बात से बेखबर की भारत का कुछ और ही प्लान है। इस बार सेना नहीं वायुसेना ने भीतर घुसकर दुश्मन पर प्रहार किया। यकीन मानिए इसका दूरगामी असर होगा। आतंकी शिविरों में भगदड़ मची है और आतंकी जान गए हैं कि वह सुरक्षित नहीं हैं। इधर, जम्मू-कश्मीर में भी बहुत ज्यादा सख्ती बरती जा रही है। जिससे आतंकियों के रिक्रूटमेंट पर भी लगाम लगेगी।
सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर केजी बहल कहते हैं कि सरकार ने अपनी इच्छाशक्ति को कार्रवाई में बदला। हमने दिखा दिया कि पाकिस्तान की हरकतों को अब हम बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं। हमारे लड़ाकू विमानों ने बहुत अंदर जाकर निशाना साधा है, इसलिए पाकिस्तान के सामने इसे नकारने का कोई विकल्प भी नहीं बचा है। सिर्फ आतंकी अड्डे को निशाना बनाया गया है। इसलिए दबाव पाकिस्तान पर ही होगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत के साथ खड़ा रहेगा। यहां एक बात और कहूंगा। एक बार की गई कार्रवाई दुश्मन को ज्यादा सतर्क कर देती है क्योंकि वह जानता है कि आगे क्या होने वाला है, इससे खतरा बढ़ जाता है। पुलवामा हमले के बाद आतंकी शिविर शिफ्ट भी कर दिए गए थे। ऐसे में नए विकल्पों पर विचार किया गया और वायुसेना ने ऑपरेशन को बखूबी अंजाम दिया। सेवानिवृत्त विंग कमांडर आदर्श बल ने कहा कि भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक वक्त की जरूरत थी। भारतीय वायुसेना सशक्त है और हर तरह के ऑपरेशन करने में सक्षम है। इतना जरूर कि इस तरह के ऑपरेशन (स्ट्राइक) करना थोड़ा चुनौतीपूर्ण होता है। लेकिन, वायुसेना के फाइटर पायलटों ने इस चुनौती को स्वीकारा और एलओसी में घुसकर आतंकवादियों के कई कैंप तबाह कर सकुशल वापस भी लौट आए।
इससे पाकिस्तान जितना बौखलाया हुआ है उससे ज्यादा उसके अंदर दहशत है। 1971 के युद्ध के समय भी भारत ने पाकिस्तान की हालत खराब कर दी थी। भारतीय वायुसेना ने कराची में बम गिराकर कराची रिफाइनरी को तहस-नहस कर दिया था। वायुसेना को जब भी कभी इस तरह के चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन करने की जिम्मेदारी मिलेगी हमारे जांबाज उसको बखूबी निभाएंगे। यह भी पढ़ें: दून ने भी महसूस की विमानों की गड़गड़ाहट, एक साथ मनाई होली और दीपावली
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