धनोल्टी के राजकीय उद्यान से भी रूबरू हो सकेंगे सैलानी
पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय उद्यान चौबटिया (अल्मोड़ा) के बाद अब टिहरी के धनोल्टी के राजकीय उद्यान से भी सैलानी रूबरू हो सकेंगे।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 01 Apr 2018 03:24 PM (IST)
देहरादून, [केदार दत्त]: उत्तराखंड में भले ही औद्यानिकी को उस लिहाज से पंख नहीं लग पाए हों, जिसकी दरकार है, लेकिन राज्य सरकार इस दिशा में प्रयास करने के साथ ही उद्यान विभाग के राजकीय उद्यानों को हॉर्टी टूरिज्म (औद्यानिकी पर्यटन) के रूप में विकसित करने जा रही है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय उद्यान चौबटिया (अल्मोड़ा) के बाद अब टिहरी के धनोल्टी के राजकीय उद्यान से भी सैलानी रूबरू हो सकेंगे। इस उद्यान को हॉर्टी टूरिज्म के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत केंद्र सरकार को भेजा गया है।
चौबटिया में हॉर्टी टूरिज्म का प्रयोग एक प्रकार से सफल रहा है। रानीखेत आने वाले सैलानियों में से करीब 40 फीसद चौबटिया स्थित राजकीय उद्यान देखने अवश्य जाते हैं। वहां डे-विजिट के साथ ही सैलानियों के लिए आवश्यक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। जाहिर है कि इससे जहां पर्यटकों को सुकून के बीच उद्यान के अतीत से लेकर वर्तमान सफर की जानकारी मिलती है, वहीं उद्यान विभाग को राजस्व भी प्राप्त होता है।
इस पहल को धीरे-धीरे राज्यभर में फैलाने की तैयारी चल रही है। इसी कड़ी में गढ़वाल मंडल में टिहरी जिले के पर्यटक स्थल धनौल्टी के राजकीय उद्यान को हॉर्टी टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाएगा। कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल के अनुसार धनौल्टी का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए केंद्र को भेजा गया है। उम्मीद है कि जल्द ही इसे स्वीकृति मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसी पहल को राज्य के अन्य राजकीय उद्यानों में भी अपनाया जाएगा।701 हेक्टेयर भूमि बेकार
राज्य में उद्यान विभाग के अंतर्गत 93 राजकीय उद्यान हैं। इनका कुल क्षेत्रफल 1057.63 हेक्टेयर है, लेकिन इसमें से केवल 355.67 हेक्टेयर भूमि का ही उपयोग विभाग कर पा रहा है।यह भी पढ़ें: पहाड़ में जल्द दिखेगा कर्णप्रयाग रेल परियोजना का काम
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